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अच्छा व्यक्ति बनना

बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है…..
अच्छा व्यक्ति बनना बड़ी बात है ।
अच्छा बनने में ऊर्जा को लगाना ….
बड़े होंगे नहीं छोटा रास्ता है अपनाना।

सब का सम्मान सब का विकास…..
इस दिशा में अकारण सतत प्रयास ।
बड़ा आदमी बनन चाहते नहीं बुराई ….
अच्छे की मोहर की हज़ार गुना कमाई ।

बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है,
अपने सपनों को पुरा करना अच्छी बात है।
पर याद रखो, अच्छा होने का मतलब,
सिर्फ पैमाने का बड़ा नहीं, बल्कि दिल का बड़ा होना है।

अच्छा व्यक्ति बनना बड़ी बात है,
दूसरों के लिए सहायता करना बड़ी बात है।
समय और समर्पण से, खुद को सजाना,
इंसानियत के मार्ग पर चलना, यही है सच्ची पहचाना।

अच्छा बनने में ऊर्जा को लगाना,
स्वयं को समर्पित करना, यही है जीवन का आदर्श गाना।
संघर्षों का सामना कर विजय प्राप्त करना,
और दूसरों को भी जीवन की ओर प्रेरित करना।

बड़े होंगे नहीं छोटा रास्ता है अपनाना,
सपनों को अनुसरण कर, खुद को पहचाना।
हर कठिनाई को चुनौती मानकर आगे बढ़ना,
अपने लक्ष्य को पूरा कर, जीवन को सजाना।

इसलिए, बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है,
पर अपनी नीयत को सच्चाई से सजाना जरूरी है।
अच्छाई और दया के पथ पर चलने का संकल्प लेकर,
सभी को साथ लेकर जीना, यही है असली आदर्श।



समाधान एक सूत्र

समाधान एक सूत्र ….
समाधान संग सत्य शुभ मुहूर्त ।
कई बार समाधान लिए मजबूरी ….
ईमानदारी से उसमें होती दूरी ।

समाधान के सूत्र को ध्यान से सुनाता हूँ,
सत्य और शुभ मुहूर्त की आवश्यकता जरूरत है।
जीवन में कई बार, हम मजबूर हो जाते हैं,
समस्याओं के सामने, हमारी ईमानदारी दूरी बन जाती है।

जो समाधान हम ढूंढ रहे हैं उसका रहस्य यही है,
सत्य की ओर प्रवृत्त होना और शुभ मुहूर्त की तलाश में जाना।
जब हम सत्य के मार्ग पर चलते हैं,
विकल्पों की जंगली भविष्यवाणियों से अलग रहते हैं।

जीवन की समस्याओं से जब हम लड़ जाते हैं,
हमें ईमानदारी की बाधाएँ आ सकती हैं।
लेकिन जब हम आत्मसमर्पण के साथ आगे बढ़ते हैं,
समाधान की सफलता हमें अवश्य मिलती है।

सत्य के साथ, शुभ मुहूर्त की राह पर चलें,
ईमानदारी और समर्पण का आदर्श बनाएं।
जीवन की समस्याओं को हम विजयी बना सकते हैं,
यही है समाधान के सूत्र का सच्चा रहस्य।

समस्या का समाधान….
आगे बढ़ने का विज्ञान ।
समाधान एक मार्ग….
समाधान हो सच्चा सोहार्द, समाधान एक सूत्र

सुकून मिलता है

सुकून मिलता है तुम्हारे आने से मेरे दिल की धड़कनो को, तेरे आने से मन को शांति मिलती है,
हर धड़कन में सुकून बसा जाता है।
तू हो नयी उम्मीद, नया सवेरा,
आँखों में ख्वाब, दिल में खुशियों का आयेरा।

तेरे आने से जीवन में रंग भर जाते हैं,
खुशियों के तारे हमेशा चमकते हैं।
तेरी मुस्कान से दिन रौशनी से भर जाते हैं,
दिल की गहराइयों में ख्वाबों की बारिश होती हैं।

तू है मेरी आधारशिला, मेरी पहचान,
हर आँधी में तू है शांति का मार्गदर्शन।
तेरे साथ हर संघर्ष में विजय का अनुभव होता है,
जब भी तू पास होता है, दुनिया अच्छी लगती है।

तेरे आने से मेरी रौशनी बढ़ जाती है,
जीवन की हर मुश्किल में तू साथ बन जाती है।
तू है मेरा सुकून, मेरी ख़ुशियों का संगी,
तेरे बिना जीना अधूरा सा लगता हैं मुझको यहीं।

तेरे आने से सुकून मिलता है, तुम आते रहा करो मेरे ख्यालों में मेरे दिल की धड़कने धड़कती रहती है और मेरी जिंदगी भी सुकून और छैन से रहती है।

सुकून मिलता है
सुकून मिलता है

ख्वाब इतने

ख्वाब इतने सजाये कुछ मजाक बन गए, तो कुछ खाक हो गए, उन सभी ख्वाबो को, सवारने की कोशिश में, आज हम राख बन गए।

ज़िंदगी के रंगीन पल, ख्वाब थे हमारे संग,
चंद सपने बहुत हसीन, चंद उड़ गए हंसते-हंसते।
पर कुछ ख्वाब अज़ीब से, मजाक बन गए हैं,
खुद को खो देने का, ऐसा था तूफ़ान ज़ख्मी बन गए।

उन ख्वाबों का हारा, जो हम ने चाहते थे पाना,
ज़िन्दगी ने दिखाए राह, कठिन थी और अनजाना।
पर आशा की किरणों से, सवारे थे हम रातें,
जीने का आदान-प्रदान, करते थे सपनों के साथ।

ख्वाबों की उड़ान के लिए, ज़मीनों पर मिला कर,
हम बने राख और जले, जैसे मोम की मशालें संग।
आकाश की ऊँचाइयों में, थे हमारे सपने छाए,
पर रास्ते थे अज़ीब से, जो छूट गए अधूरे।

कुछ ख्वाब इतने अब रह गए, ज़मीनों की गोद में दबे,
उन्हें बनाने की कोशिश में, हम रह गए राख बने।
पर ये राख एक आग है, जो जलती रहेगी जीवन भर,
ख्वाबों की आग को, हम जीने का आदान देंगे।

जिंदगी बस इसी तरह

जिंदगी बस इसी तरह है, कब मिलना हो ओर कब बिछड़ जाना, इस जिंदगी का कोई पता नहीं, कब उदासी में डूब जाए ओर कब खुशी की लहर आए, इसी को जिंदगी कहते है।

जिंदगी की यात्रा अनिश्चितता की राह,
मिलने और बिछड़ने का संगम, जब हो जाए निकट,
खुशियों की लहर आए, तब हो जाए विस्तार।

जीवन की लहरों में छूटे अनेक रंग,
उदासी की धूमिल घड़ी, जो ले जाए हमको छंग,
पर आगे जब बढ़े हंसी की धारा,
तब भूल जाएं हम सब अपनी परेशानियों का बारा।

जब बिछड़ते हैं कभी अपने प्यारे,
दिल में उत्पन्न होती है तकलीफों की आग,
लेकिन जब आते हैं वो खुशी के बादल,
तब चमक जाती है जीवन की हर रात।

जिंदगी बस इसी तरह है, अनिश्चित और मधुर,
हर मोड़ पर परिवर्तन, हर दिन एक नया सफर।
हमें यह स्वीकार करना होगा, इसकी खुशनुमा चाल,
जिंदगी को गले लगा लेना, बनाना हर मोमेंट स्पेशल।

यह भी पढे: सुकून, सुकून की जिंदगी, जिंदगी क्या है?,

चुराना कैद करना

चुराना कैद करना भी अच्छा उम्र के खूबसूरत लम्हे….
मौक़ा मिलते ही करना यह चोरी , वक़्त की क़सम है तुम्हें ।
वक़्त की बुनियाद में हमेशा बदलने
की फ़ितरत…
वक़्त आएगा जब क़ैद कर पायेंगे अच्छे लम्हे पूरी होगी सब हसरत ।

वक़्त की बुनियाद में हमेशा बदलने
की फ़ितरत, यह सच्चाई है कभी ना बदलने।

मौक़ा आया, जब तुमने बदली मन्ज़िलें,
चोरी की ये ख़्वाहिश, थी तुम्हारी जिद्दीयों की वजह से।
प्रतिबंधित थे तुम पहले, ये खेल खेलने से,
लेकिन वक़्त की अंधीरी रातों में तुम देखे नए सवेरे।

चुराना कैद करना, तुम्हारी कहानी की एक अहम हिस्सा है।
वक़्त की मशक़्क़त में तुम फिर भी खोये बच्चों की तरह खिले।
ज़िंदगी के रंगों में तुम ने चोरी की मिठास छिपाई,
पर तुम्हारी आँखों में वो चमक सदियों तक सजी रही।

वक़्त की अदला-बदली ने खींची तुम्हें आगे,
चोरी की ताक़त ने बनाया तुम्हें अमर इतिहास।
तुम्हारी क़िस्मत के निर्माता बदलते रहे,
पर तुम्हारी ताक़त के नाम सदैव प्रमुदित रहे।

चुराना कैद करना भी अच्छा उम्र के खूबसूरत लम्हे।
तुमने सिखाया हमें, चंगुल से नहीं जीना है।
ज़िंदगी के किसी भी दौर में, हो जाए जो भी था,
हमेशा चोरी से नहीं, अपने दिल की सुनना है।

ख्वाबों की तरह

तुम मेरे ख्वाबों की तरह ही हो, कभी भी तुम आ जाती हो कभी भी चली जाती हो , ना जाने क्या समझ लिया है तुमने मेरे दिल कभी हरा भरा तो कभी बेजान कर चली जाती हो, बड़ी उलफ़त है इस दिल के साथ ये भी बहुत धोखा देता है, कभी तुम्हें अपना लेता है कभी छोड़ देता है।

तुम मेरे ख्वाबों की तरह ही हो,
जगमगाते हो मेरे हर अंधकार को।
कभी भी तुम आ जाती हो, सपनों की रानी,
कभी भी चली जाती हो, छोड़ के मेरे अभिमानी।

ना जाने क्या समझ लिया है, ये दिल का हाल,
तुम्हारी मुस्कान के जादू में, खो जाता हूँ पूरा।
तुम मेरे सपनों की रौशनी, मेरे अंदर की आग,
मेरी रूह को संवारती हो, तुम मेरी ज़िंदगी की आधारशिला और आवाज़ हो।

तुमसे मिलने की आस में, रातें बीताता हूँ,
तुम्हारी ख्वाहिशों के समुन्द्र में, खुद को भिगोता हूँ।
तुम मेरे ख्वाबों की तरह ही हो, अद्वितीय और अनमोल,
मेरी रूह को सुरीला बनाती हो, तुम मेरे जीवन की रागिनी और मंत्रवादिनी हो।

कही अटक गया मैं

कही अटक गया मैं, कही भटक गया मैं, मेरे कुछ शब्द अटक गए है
जिनकी वजह से अपने रास्ते में
आज हम भी अटक गए है
जाना कहीं था जा कहीं ओर रहे है,
ना मंजिल की ओर बढ़ पा रहे है

ना इस सफर से पीछे हट पा रहे है, क्या कुछ होगा ?
और क्या नहीं ?
यह बात भी तो अब हम
नहीं समझ पा रहे है,
बस बेचैनी है थोड़ी नादानी है,
नासमझ भी हूं,
उम्र बढ़ रही है

लेकिन
अब भी नादान बच्चा हूं
थोड़ा अक्ल का कच्चा हूं,
क्या समझ सकूंगा कभी इस बात को?
या फिर कभी भी नहीं ??
बस इसी दुविधा में मै अटका हूं
जहां मै था अब भी वही अटका हूं।

अच्छे दिन

प्रत्येक अच्छे दिन की गतिविधि का ले आनंद…
यही जीवन का प्रबंध , कस्तूरी और उसकी सुगंध ।
करे प्रयोग बुरे दिन को बनाए अच्छा….
जीवन एक प्रयोगशाला जीवान्त कक्षा ।

बुरे को बुरा अच्छे को अच्छा सब कहते हे….
बुराई में ढूँढ लो अच्छाई अर्थ बदलते हे ।
हर दिन का एक अलग ही रूप रंग…..
अलग ही ऊर्जा अलग ही उसकी तरंग ।

अपनो का साथ सब को लेके चले संग….
जीवन में अलग सुगंध अलग ही तरंग ।
मिलजुल के रहने में भरपूर आनंद…..
शर्त एक चालाकी से तोड़ना पड़ेगा संबंध।

प्रत्येक अच्छे दिन की गतिविधि का ले आनंद…
यही जीवन का प्रबंध, कस्तूरी और उसकी सुगंध।
करे प्रयोग बुरे दिन को बनाए अच्छा…

जीवन के रंग और खुशियों का संगम,
बुरे दिन को भी बना सकते हैं हम।
प्रत्येक सुबह उठकर देखो आँखों में चमक,
खुशियों का गुलशन सजाएं जीवन के रास्ते में।

सूरज की किरणों से रंगी हर सुबह,
चीरते अंधकार को मिटाएं दिल की दहली।
करे योग ध्यान में, स्वास्थ्य का रखे ध्यान,
हर दिन बनाए अच्छा, बढ़ाएं जीवन की गाथा।

अच्छे कर्म करें, दूसरों की मदद करें,
खुशियों का बांटें, दुःखों को हरें।
संयम और समर्पण से जीवन जियें,
बुरे दिनों को भी अच्छा बनाएं आप खुद ही।

हंसते रहें, मुस्कान बांटें सबके साथ,
सदैव आपका जीवन हो खुशियों से भरपूर।
बुरे दिन आएं तो अच्छे दिन को ढूंढें,
खुशियों के जीने का तरीका हमेशा याद रखें।

जीवन के रंग और खुशियों का संगम,
बुरे दिन को भी बना सकते हैं हम।
करे प्रयोग बुरे दिन को बनाए अच्छा,
हर दिन अपने जीवन को उज्जवल बनाएं आप खुद ही।

उलझन

उलझन तुम्हारी थी
मेरा क्या था?

जिद्द तुम्हारी थी
मेरा क्या था?

वहम तुम्हारा था
मेरा क्या था?

मै अधूरा था और अधूरा ही रह गया
सपने जो पूरे करने थे
उनको भी भूलकर तुम्हारे साथ जीने में
मै मसगुल हो गया

इस बात से ये समझ आया
की तुम्हारा क्या गया?
मै जहां था अब तो मै वहां भी नहीं
मेरी मंजिल, मेरा सफर, मेरी दासता

मेरी हर डगर कहीं रुक गई क्युकी
मुझे तो ये भी नहीं पता
कि अब मेरा रास्ता है
किधर? यही कुछ उलझने थी मेरी ओर मेरे सफर की

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