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गुणों में निरंतर विकास

अच्छे गुणों में निरंतर विकास
सतत सतत यही प्रयास यही प्रयास ।
रसरी आवत जावत सिल पर पड़े निशान….
अच्छा काम कर ले रे बंदे तू यहाँ मेहमान ।

अच्छा अच्छा करना एक आदत…..
हो जाता अच्छा स्वय सतत ।
अच्छे गुणों का निरंतर विकास….
हँसते खेलते रहेंगे नहीं होंगे उदास ।

अच्छे गुणों में निरंतर विकास
सतत सतत यही प्रयास, यही प्रयास।
रसरी आवत जावत सिल पर पड़े निशान…
अच्छा काम कर ले रे बंदे तू यहाँ मेहमान।

जीवन की रसरी में चलते-चलते,
अपने कर्तव्यों का पालन करते रहना।
बदलाव की सिल पर निशान छोड़ते जाना,
अच्छे कामों के पथ पर निरंतर आगे बढ़ते जाना।

हर क्षण में विकास का संकल्प निभाना,
दृढ़ता से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाना।
अच्छे गुणों को संजोकर रखना,
कर्मों में सदैव निरंतर प्रगति करना।

जब भी आवे यहाँ, यह संसार में मेहमान,
सदैव सत्कर्मों का बना रहना ध्यान।
अपने बारे में ही नहीं, दूसरों के बारे में सोचना,
सहयोग और सेवा में सदैव निरंतर लगन लगाना।

अच्छे गुणों का विकास है असली प्रयास,
जो बनाता है हमें नेक और उच्च स्थान।
सतत यही प्रयास, सतत यही प्रयास,
अच्छे गुणों के साथ जीने का नया निशान।

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अपनेपन का एहसास

अपनेपन का एहसास
जीने की वजह ख़ास ।
सब अपने हे….
हम सब यही जन्मे हे ।
अपनापन मनुष्य का गुण….

व्यक्ति हो इससे सम्पन्न ।
अपनापन से रोग़ो की चिकित्सा….
अपनापन एक भाव एक तपस्या ।
अपनापन अच्छे विचारो की जननी….
शांति लक्ष्मी शक्ति उसकी संगिनी ।

अपनेपन के भाव में देना प्रमुख….
इसके आदान प्रदान से न हो विमुख ।
अपनेपन में विकास….
जीवन से उत्पन्न नव दिशा की आस ।

अपनेपन का एहसास …
जीने की वजह ख़ास।
सब अपने हैं…
हम सब यही जन्मे हैं।

अपनापन मनुष्य का गुण,
जो हमें मिलता है अलग-अलग रूपों में।
परिवार के संग दिया जाता है जन्म से ही,
प्यार और आदर से भरा जीने का स्वरूप है यही।

अपनेपन ही है वह बंधन,
जो मन को लगाता है जीवन के रंगों से जुड़ा हुआ।
परिवार की मधुरता, दोस्तों की मस्ती,
हर रिश्ते में मिलने वाली खुशियों की वादियाँ यहाँ बसी हुई।

जब हम अपनों के साथ होते हैं,
तब हर सुख-दुख को साझा करते हैं।
मुसीबतों में हमें संभालते हैं वो,
खुशियों में हमें और भी ख़ुश बनाते हैं वो।

जब हम अपनों से दूर रहते हैं,
तब तन्हाईयों के दरिया में बहते हैं।
लेकिन अपनेपन के धागे हमें जोड़ते हैं,
हर दूरी को मिटा देते हैं वो।

अपनेपन का आभास हमें हमेशा याद रखना चाहिए,
क्योंकि यह हमारी पहचान होती है।
हम सब अपने हैं,
यह सदैव समझना चाहिए।

यह भी पढे: तेरे होने से, बड़े अधूरे अधूरे, यह मन अधीर, तुम्हारी याद है ना, रूठना नहीं है,

समय का अभाव

क्या तुम कर सकते हो ओर कितना तुम कर सकते हो, ना तुम्हारे पास समय का अभाव है, न किसी ओर चीज का इसलिए जो भी तुम अब करना चाहते हो कर लो पूरा

सोच तू कितना सोच सकता है,

लिख तू

कितना लिख सकता है

सो तू

कितना सो सकता है

नाच तू, कितना नाच सकता

गा तू

कितना गा सकता है

समय का अभाव
समय का अभाव

खा तू , कितना खा सकता है

आराम कर तू कितना कर सकता है

पढ़ तू

कितना पढ़ सकता है

टीवी देख तू कितना देख सकता है

गेम खेल ,

तू कितना खेल सकता है

बात कर , गप्पे मार

तू कितनी गप्पे ओर कितनी बात कर सकता है

तू क्या-क्या कर सकता है? ओर कितना कर सकता है अब करले जो जो तू कर सकता है। नहीं समय की कमी अब तेरे पास, बहुत समय है हर कार्य को पूरा कर ले, हर इच्छा जो अधूरी थी वो पूरी कर ले।

सवालों के कटघरे में

सवालों के कटघरे में खुद को
हर बार छोड़ देता हूं

तुम्हारे लिए में सपनों को
बार बार तोड़ देता हूं

इंतज़ार करता हूं तुम्हारा
की तुम आओगी लौटकर
और

तुम आ भी जाती हो
लेकिन फिर??
मेरे सामने फिर वही

सवालों का ढेर तुम लगा जाती हो
क्यों तुम आती हो ?

क्यों सवालों का ढेर लगाती हो ?
मुझे क्यों नहीं यह बताती हो
की छोड़ना बस तुम मुझे चाहती हो।

हम संभलेंगे भी

हम गिरे है तो संभलेंगे भी
हार गए है इसका मतलब
ये नही की हम जीतेंगे नही
जीतकर हम एक दिन दिखाएंगे,

टूटे हुए सपनो को फिर से जोड़ कर
एक नया सपना हम बनाएंगे
आंखों में लाखो दृश्य उन दृश्यों से
ही एक खूबसूरत मूरत बनाएंगे

अपने आज को नही बिखरता छोड़ेंगे
इसको सीमेट कर हम अपना कल बनाएंगे
हम गिरे है तो संभल कर भी हम ही दिखाएंगे

यू ही नहीं हम बीच रास्ते में रुक जाएंगे, मंजिल को पाकर ही दम लेंगे, राह हम भी अपनी आसान बनाएंगे, मुश्किलों को पीछे छोड़ आगे बढ़ते जाएंगे, चाहे गई जाए कितनी ही बार हम भी संभल उठ खड़े हो जाएंगे, हम संभलेंगे भी ओर मंजिल को पाएंगे।

यह मन भी

यह मन भी ना जाने क्या क्या करता है कभी, लिखने का मन
कुछ करने का मन
कुछ हो जाने का मन
कुछ भाग जाने का मन
कुछ दूर जाने का मन, कभी पास होने का मन
कुछ नजर चुराने ओर मिलाने का मन
यूं गम को छिपाने और गम बताने का मन
फिर उसको समझाने का मन, कुछ ना बताने का मन
मालूम नहीं क्या क्या
और किस किस
हद्द से गुजर जाने का मन
बस आज यह मन चाहता है,कुछ करने को, कुछ होने को

शब्दों की बाते

मैं आपको कुछ शब्दों की बाते बताता हूं
इनकी बाते सुनो इनको जानो तुम जरा पहचानो इनको
यह शब्द कौन है इनका जरा मेल मिलाप तो देखो, ये अद्भुत ये निराले इनके कार्य सारे मतवाले

शब्द हस्ते है 
ये ठहाके मार मार हँसते है 
तो कभी बहुत वेदना के साथ रोते है 
इनकी भी अजीब है कहानी

 हर पल में हो जाती है  इनकी बाते बेईमानी 
अपने मुह मिया मिट्ठू भी बन जाते 
अपनी प्रशंसा सुन खुश हो जाते 

शब्द बच्चे भी है
तो जवान भी है
ये बूढ़े भी है इनमें अब जान भी कुछ नही है 
यह  बड़े अनजाने है 
कभी कभी बहुत जाने पहचाने भी हो जाते है 

यह बड़े मतवाले भी बहुत है 
इनकी चाल निराली हर बात में है
इनमें निरालापन भी बहुत है 

इन शब्दों का मुस्कुराना देखो और
इनका  इतराना देखो
शब्द निराश भी बैठे है हतास भी है 

उदास भी बैठे कभी कभी ये लाजवाब भी बैठे है।
शब्द गुस्सा भी बहुत करते है और शांत भी हो जाते है 
शब्दों के चेहरे भी अलग अलग है इनकी बाते भी अलग है।

शब्दों का मटकना देखो, शब्दों का नाच भी देखो यह नाचते बहुत है 
इनके करतब अजीब है कभी कभी ये शब्द बहुत बत्तमीज है। 
कभी कभी सीखा डते ये सलीका और तमीज़ है
 
शब्द अपने ही शब्दों में करते कहानी बयान है
न इनकी कोई जुबान है और ना इन पर कोई लगाम है।
अगर लगाना चाहो इन शब्दो पर लगाम
 
तो ये क्रोधित  हो जाते है 
यह शब्द कभी कभी मौन भी हो जाते है 
तो कभी कभी ये रोते, चीखते और चिल्लाते है

शब्द तो कभी चुप भी इनमे मौन रहने की क्षमता भी है।
तो कभी इनमें कोई क्षमता नही नजर आती है 
शब्द सर्वशक्तिमान भी और अपने आपमें असहाय भी है
शब्द परिश्रम करता ही दूसरे शब्द के लिए है

स्वयं शब्द तो खुद को भूल ही गया है
शब्द ही शब्द का सहारा है वरना शब्द बेचारा बेसहारा है
शब्दों की भीड़ बहुत है, शब्द अकेले भी रह जाते है।
शब्द शोर बहुत मचाते है।शब्द शांत भी हो जाते है।

इनका होश तो देखो इनका जोश तो, जोश में होश खो देते है कभी तो , ओर कभी जोश ही नहीं रहता इनमे यह शब्द कही खुद में गुम हो जाते है,
देखो कभी कभी ये कितनी बड़ी बड़ी बातें कर जाते
मतलब जिन का सिर्फ यह सीखा पाते है। यह शब्दों की बाते है शब्द खुद ही बताते है, इनको समझना बड़ा मुश्किल है नया जाने यह शब्द कैसे इनको खुद ही समझ पाते है।

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दुनिया एक किताब

दुनिया एक किताब ….
दिलचस्प उसका हिसाब ।
मुश्किल दुनिया का हिसाब….
जो भी समझ आये करते जाये जनाब ।

इस किताब के अनेक अध्याय….
समझ के कदम दर कदम चलते जाये ।
इसके अध्याय हमे बांचते शिक्षा…
होती तय समय पे निरंतर परीक्षा ।

परीक्षा में सदा बनाये रखे समता…..
ख़ुशियों का संवर्धन बढ़े क्षमता ।
दुनिया एक किताब…..
इसका रखिए सही हिसाब ।

दुनिया एक किताब है हकीकत का,
हर पन्ना छिपा है रहस्य से भरा।
जीवन की कहानियाँ इसमें बसी हैं,
हर अक्षर एक अनमोल उपहार से भरा।

मुश्किल दुनिया का हिसाब नहीं आसान,
हर कठिनाई देती है सबका सामर्थ्य परीक्षण।
पर जो भी समझ आये, वही आगे बढ़ता है,
जनहित का मार्ग धुंधला नहीं होता संघर्ष से भरा।

हर चरित्र, हर विचार इसमें लिपटे हैं,
सबका अपना अद्भुत प्रकट हिस्सा है।
समय की लहरों में यहाँ उभरते हैं कविताएं,
जो जीवन को स्पर्श करती हैं सुंदरता से भरा।

इस किताब के पन्नों पर जगत की छवि दिखती है,
जीवन की अद्भुत कहानियाँ इसे रंगी हैं।
हर प्रश्न का उत्तर यहाँ छिपा है,
समझने की इच्छा से जीवन में उड़ान भरा।

अपनी आंखों से इसे पढ़ो जनाब,
जीवन की सच्चाई यहाँ लिपटी है।
ज्ञान की अमर पुस्तक यही है,
जो सबको प्रेरित करती है, विचारों से भरा।

यह भी पढे: किताब, शिक्षा का संस्कार, स्वयं का अध्ययन, किताबे , हिसाब किताब,

सब समान

समय के लिए सब समान बुरा समय या हो अच्छा समय…..
कोशिश हो कि न विचलित हो सदा संतुष्टि से समय का हो व्यय ।
समय ज्ञाता लिए है प्रश्न और उत्तर पुस्तिका…..
प्रश्नों का कैसे देना उत्तर यह सबका अपना अपना तरीक़ा ।

वर्तमान बीता जाये कल कल ध्वनि सी बहती सरिता …..
कर्मों की भी होती चीख पुकार चुप्पी शांति भ्रम और ममता ।
वर्तमान से होता निर्धारित कैसा होगा भविष्य…..
हम स्वय रचियता , पहचाने स्वय का वास्तव ध्येय ।
समय में संतुष्टि माया और यथार्थ …
करे न्याय समय से बने सच्चे पार्थ ।

समय का चक्र चलता रहता है,
जीवन के हर लम्हे में बदलता रहता है।
कभी बुरा समय आता है हमारे पास,
कभी अच्छा समय देता है खुशियों का आगाज।

पर सबसे महत्वपूर्ण है समय संतुष्टि का,
न विचलित होने की हो चेष्टा सदा।
समय का व्यय करें आनंद से और संयम से,
जीवन के सभी क्षणों को महत्वपूर्ण बनाएं सदा।

समय ज्ञाता है हमारे प्रश्न और उत्तर को,
हमेशा हमारे साथ रहता है यह पुस्तिका।
जीवन के पाठ पढ़े हमें समय के साथ,
ज्ञान और अनुभव से बनाएं हमें सबका।

समय का सम्बंध है जीवन के हर अंग से,
इसे समझें और महत्वपूर्णता दें हमेशा।
समय को सदा सम्मान दें और सदा सदा,
जीवन के हर पल में खुशहाली का बनाएं वातावरण।
समय के लिए सब समान बुरा समय या हो अच्छा समय…..
कोशिश हो कि न विचलित हो सदा संतुष्टि से समय का हो व्यय ।

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जिंदगी की राह

जिंदगी की राह जहाँ जुदाई हो सम्भव,
उससे भी हम संवाद बनाते रहे अपरिहार्य तरीक़ा।
मयूसी ना आने दे हमें, ये ज़िंदगी की ठोकरें,
संवाद में धीरे-धीरे हम खो जाएँ स्वर्गीय स्वाद।

जिंदगी की राह में भले ही किसी से न तुम मिल पाओ लेकिन उससे करते रहे संवाद…..
यह जीवन की सच्चाई उसकी संरचना तरीक़ा
सच्चा जीवन का स्वाद।
जीवन के सफ़र में बीते जा रहे हे क़ीमती पल वो कभी नहीं आयेंगे वापिस….
ज़िंदगी का अन्दाज़ कुछ इस तरह का हे कभी भी ज़िंदगी कर सकती ख़ुदा हाफिज ।

किसी को न तुम मिल पाओ, ये भाग्य तो है अजनबी,
लेकिन उसके संग चर्चा करें, ये अवसर है अनमोल प्रभी।
विचारों का विलिन होकर, मन की बातें बोलें,
संवाद में दिल की राह पाएं, जीवन का सुंदर स्वाद।

हर एक व्यक्ति से झलकता है ईश्वर का छाया,
संवाद के माध्यम से मिले हम उस अद्भुत विचारधारा।
जीवन का सार व्यक्त हो, जगमगाए अपार विज्ञान,
संवाद रूपी आधार से छू लें सच्चा जीवन का स्वाद।

जो भी हो तेरी मन्दिर में जाकर जोड़ें हाथ,
संवाद की रूपवती दुनिया में खो जाएं वो संग्राम।
सच्चाई और मित्रता के फूल खिलाएं अपार,
संवाद में हम धीरे-धीरे पाएं जीवन का स्वाद।

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