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इश्क मोहब्बत क्या है

इश्क मोहब्बत क्या है, कौन समझा सकता है,
दिल में उतर जाता है, फिर रूह को सताता है।

ये एक आग है जो जलती है बिना बुझने,
जब तेरे दीदार का ख्वाब मन में छाने।

इश्क की बारिश में जब दिल भीग जाता है,
हर सांस तेरे नाम पर ज़िंदगी बस बिताता है।

दर्द की गहराई में जब आँखें नम हो जाती हैं,
इश्क के रंग में जब दिल खुद को खो जाता हैं।

ये जुनून है जो दिल को भरमा देता है,
जिस्म को जला देता है, रूह को जला देता है।

इश्क मोहब्बत क्या है, जब बयां करने की ज़रूरत नहीं,
सिर्फ एहसासों को अपने दिल में बसाने की चाहत है।

इश्क मोहब्बत क्या है

इश्क मुहब्बत क्या है..?
मुझे नही मालूम…?
.
बस …..
.
तुम्हारी याद आती है..?
सीधी सी बात है

मेरी आँखों को पढ़

जुबां से कह नहीं सकता तुझे एहसास तो होगा,
मेरी आँखों को पढ़ लेना, मुझे तुम से मोहब्बत है।

जब तेरे आगे दिल थाम कर रुक जाता है,
वो लफ्ज जो जुबां से कह नहीं पाता है।

तेरे हर एक नजर को चुपके से चुराना है,
मेरे दिल की बातें जो छुपी हैं, सुनाना है।

जुबां से कह नहीं सकता, एहसास तो होगा तुझे,
मेरी आँखों की झलक से ये बात साफ होगी।

तेरे नज़दीक आकर मेरे दिल को बहला जाता है,
तेरे रूख को देखकर ये रूह मचला जाती है।

मोहब्बत की इस राह में जो हम चल रहे हैं,
जुबां से कह नहीं सकता, तू समझ जाएगी ये बात।

जो दिल के करीब हो, वो दिल की बातें समझता है,
तेरी आँखों में पढ़ लेना, ये अदा जानता है।

मेरी आँखों की तारीफ करने की कोशिश न कर,
क्योंकि वो जुबां से कह नहीं सकती, तो भी एहसास होगा।

मुझे तुम से मोहब्बत है, ये बात हमेशा रहेगी,
तेरी आँखों से पढ़ लेना, ये अदा याद रहेगी।

मेरी आँखों को पढ़ लेना
संजय गुप्ता शायरी

जुबां से कह नही सकता तुझे एहसास तो होगा
मेरी आँखों को पढ़ लेना मुझे तुम से मोहब्बत है

मेरी नींद पर कभी

मेरी नींद पर कभी मेरा हक न था, ये दिल रोज़ रोया,
ज़िंदगी के रंग उजाले गए, नींद की रातों में खोया।

आँखों की नींद चुराने को रवाना कर दिया,
चाँदनी रातों में सपनों को गले लगाने को रवाना कर दिया।

जब रात की घनी छांव में सोने का सवाल नहीं,
ज़िंदगी के ख्वाबों को लूटने का हक़ नहीं।

अधूरी रातों में चाँद को देखते रह गये,
नींद के सपने धुंधले से रह गये।

लेकिन जब हक़ नहीं मेरी नींद का कोई,
तो शायरी के रंग में खुद को ढलाने को रवाना कर दिया।

मेरी नींद पर कभी
मेरी नींद

मेरी नींद पर कभी भी हक मेरा ना था
पहले तुम थी इसकी मालिक फिर तुम्हारी यादें बन गई…

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जो मुहब्बत इज्जत

जो मुहब्बत इज्जत देकर सजाई जाती है,
यक़ीन मानिए वो हमेशा निभाई जाती है।

दिल में बसी उम्मीदों की रौशनी होती है,
प्यार की मिठास से ज़िंदगी सजाई जाती है।

जाने कितनी बार दिल को चोट पहुंची होगी,
पर मोहब्बत की राहों में चलाई जाती है।

धड़कनों की ताल पर ज़िंदगी की गाथा लिखी जाती है,
वफ़ा की मिसालें दिल को समझाई जाती है।

मुहब्बत का सिलसिला बेहतरीन होता है,
वफ़ादारी की कहानी सदा सुनाई जाती है।

जो मुहब्बत इज़्ज़त देती है और सजाती है,
उसे दिल से आप सदा प्यार निभाती है।

जो मुहब्बत इज्जत देकर सजाई जाती है
जो मोहब्बत इज्जत देकर सजाई जाती है

जो मुहब्बत इज्जत देकर सजाई जाती है ,
यक़ीन मानिए वो हमेशा निभाई जाती है…

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उनकी ना थी खता

उनकी ना थी खता, हम ही कुछ गलत,
समझ बैठे यारो, आँखों की चलती हुई हवा,
जब परछाईयाँ भी अलग हो गई थीं,
हमने उनको खो दिया था अपनी निगाहों से।

दिल में जो दरारें हो गई थीं,
वो कोई बात नहीं थी तुम्हें बताने की,
गलती हमारी थी, हमने नजर उठाने की,
जब चाहा था तुम्हें समझाने की।

आज भी उनकी याद आती है रातों में,
वो दिन जब हमने बातें की थीं कई,
पर एक गलती ने सब बिगाड़ दिया,
और उन्हें खो दिया हमने बहुत जल्दी।

क्या करें अब हम, बातें रह गईं अधूरी,
दिल में छेड़ी हुई यादें दर्द सह रही हैं,
बस यही सोचकर रह जाते हैं हम,
कि उनकी ना थी खता, हम ही कुछ गलत।

उनकी ना थी खता
उनकी न थी खता

उनकी न थी खता, हम ही कुछ गलत
समझ बैठे यारो….
वो मुहब्बत से बात करते थे, तो हम मुहब्बत
समझ बैठे ….

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तलाश न करना

कभी शब्दों में तलाश न करना वजूद मेरा,
ज्यों की आवाज़ में छुपी है मेरी कहानियाँ।
मैं सदैव फूलों के रूप में खिलता हूँ,
खुद अपनी मुस्कान से गुलशन सजाता हूँ।

हर एक पंक्ति में छुपी है मेरी रूह की गहराई,
जैसे काव्य के स्वर्गीय आभूषण बनी है।
इस जगत के रंग और धुंध से परे,
मैं लहरों के संग अपनी विचारधारा लाता हूँ।

जब चांदनी रातों में चाँद तितलियों संग नाचता है,
मैं सदैव अपने सपनों को सच में बदलता हूँ।
मेरे शब्द नहीं, मेरे भाव ही मेरी उपस्थिति हैं,
इस शायर की दुनिया में अक्सर इसीलिए बसता हूँ।

तो खोजें न शब्दों का मेरे मित्र, तलाश मेरी आत्मा की,
मेरी कविताओं में छिपा है एक अनमोल रहस्य।
सदैव जीवित रहता हूँ मैं अपनी शायरी के रूप में,
तो लिखें और पढ़ें मेरे वचन, और खुद को पाता हूँ।

कभी शब्दों में तलाश न करना वजूद मेरा
कभी शब्दों में तलाश न करना वजूद मेरा

कभी शब्दो में तलाश ना करना वज़ूद मेरा,
मैं उतना लिख नहीं पाता जितना तुम्हें चाहता हूँ..

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हम आसमान छूते है

अगर हमारे रोकने से वो रूक जाते
तो हम उनके सामने झुक जाते, हम आसमान छूते है

हम आसमान छूते है
Sanjay gupta shayri

जब हमारी रफ्तार से उन्मुक्त हो जाते,
और दूर तक वो हमें रोकने की कोशिश करते,
तो उन्हें जवाब में हम ये शायरी लिखते:

ज़िंदगी की राहों में चाहते हो रोकना हमें,
हम तो उड़ान भरने का जुनून रखते हैं।
ये वक्त नहीं रुकने का, ये रवाना हैं हम,
कोई ताकत नहीं जो हमें थाम सकते हैं।

जब बादलों की तरह हम आसमान छूते है,
और चाहते हो तुम हमें यहाँ ठहराने के लिए,
तो ये ख़्वाबों की दुनिया है, ये अद्भुत हैं जगह,
कोई बंधन नहीं जो तुम हमें थाम सकते हैं।

हम नदियों के सागर से उछलते हैं,
और चाहते हो तुम हमें बंधन में बांधने के लिए,
तो जाओ तुम और खो जाओ अपनी कहानी में,
हम तो खुद ज़िन्दगी के साथ निभाते हैं।

ये रास्ते नहीं रुकने का, ये आगाज़ हैं हमारा,
जिन्दगी की लहरों में हम बहते चलते हैं।
तुम चाहे जैसे भी हमें रोको, हम नहीं थमेंगे,
शायरी के सहारे अब हम बदलते चलते हैं।

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इश्क की खुमारी

जो शायरियाँ लिखी थी तेरे इश्क की खुमारी में
आज उसकी कीमत दस रुपए लगाई है कबाड़ी ने

इश्क की खुमारी
Sanjay gupta shayri

जो शायरियाँ लिखी थी तेरे इश्क की खुमारी में
आज उसकी कीमत दस रुपए लगाई है कबाड़ी ने

दिल की बातें जो लिखी थीं, वो अब बेचने आए हैं,
उन अक्षरों को अब एक मोहल्ले में बसाने आए हैं।

कितनी मेहनत से रची थीं वो शेरों की पंक्तियाँ,
आज उनकी कद्र बस रुपए की बिक्री में होती है।

प्यार की कहानियाँ, ज़िन्दगी की कविताएँ,
कबाड़ी की आँखों में बेचने को आज लाए हैं।

मेरे इश्क़ के बदले, दस रुपए की कीमत,
ये कैसी दुनिया है, ये कैसी कहानी है।

पर शायरी की ताकत नहीं घटी है मेरे दोस्त,
वो दिलों को छूने की क्षमता आज भी रखती है।

तुम्हारी याद है ना

तुम्हारी याद है ना

तुम्हारी है याद ना 


यही एक मेरी जायदाद है , ये जो तुम्हारी याद है ना बस,
जैसे खुदा का एक फ़रमान है यहाँ।
जब भी याद आती हो तुम मुझे,
दिल में ज़िंदगी का एक हसीन शहर बसा है यहाँ।

हर एक पल में तेरी याद में खो जाते हैं हम,
कुछ अलग सा एहसास जगाती हो तुम।
जैसे हवाओं की झोंका हो तुम मेरे दिल में,
इस तरह बसते हो तुम इस दिल के किनारे पर।

चाहत की बूंदों में संग बहाते हो तुम,
ख्वाबों की दुनिया में ले जाते हो तुम।
जब भी याद आती हो तुम मुझे,
आंखों में चमक और दिल में खुशियाँ जगाते हो तुम।

ये जो तुम्हारी याद है न बस,
इसे शायरी की बहार बना देते हैं हम।
तुम्हारी याद जैसे गुलाब की खुशबू,
मेरे जीवन की राहत और सुखद समां है यहाँ।

चेहरे की खुशी

किसी के चेहरे की खुशी को अपनी खुशी समझना
शायद इसी का नाम मोहब्बत है….

जब उसकी हंसी से दिल मुस्कराता है,
जीवन के गमों को भूल जाता है।

उसकी नज़रों में खिलती है ज़िंदगी की रौशनी,
हर लम्हे में बहार और हर ग़म को भुलाती है।

जब वो प्यार से मुस्कराती है,
दिल में ख़ुशी का आगाज़ हो जाता है।

उसकी मुस्कान का इतना असर है,
जैसे ख्वाबों को रंगीं आशियाँ बनाती है।

मोहब्बत का नाम है ये ज़िंदगी की ख़ूबसूरती,
जो खुद को भूलकर दूसरों को ख़ुशी देती है।

इस मोहब्बत की रौशनी में जीना है ज़रूरी,
चेहरे की खुशी को अपनी खुशी समझना है मज़बूरी।

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