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तेरा ख्याल

तेरा ख्याल मुझे तो हर बात में कमाल लगता है, तू आती है जब जब मेरे ख्यालों में तो मेरे दिल ,दिमाग बहुत धमाल मचता है।

तेरे ख्याल में खो जाऊं,
हर बात पे तेरा दिल रो जाए,
तेरे आने से सज उठती है दुनिया,
मेरे जीवन की हर रात सो जाए।

तेरा ख्याल मुझे तो हर बात में कमाल लगता है।
तेरा ख्याल

तू है ऐसा कमाल,
हर संगीत में बस तू ही ताल,
तेरा ज़िक्र हो जाए तो,
दिल और दिमाग मचाएं धमाल।

तेरी हर बात में छुपा है राज,
तू है मेरे जीवन का आधार,
तेरे आगे सब कुछ है फीका,
तू है मेरी दुनिया का मंज़र।

कभी तू दूर जाती है,
मेरे ख्यालों में बस तू होती है,
तेरे आवाज़ से ज़िंदगी मिलती है,
मेरे दिल में खुदा होती है।

हर बार तेरा आना,
मेरे जीवन में नयी उमंग लाता है,
तू है मेरे तारे चमकता हुआ,
मेरे हर ख्वाब को सच्चाई बनाता है।

तेरे साथ हर पल बिताना है अब,
तेरी मुस्कान में है ज़िंदगी की ख़ुशी,
तू है मेरी हर सांस का एहसास,
तू है मेरी कविता की मधुशाला की मुस्कानी।

असम्भव याद रखना

जो आज लग रहा असम्भव याद रखना उसकी आपने भविष्य में
सुनानी हे कहानी….
असम्भव को संभव करने का अथक अथस प्रयास कीजिए तो कहानी होगी सुहानी ।

जीवन ऐसा जीया जाए जिसकी चर्चा हो धरती आकाश….
प्रयास इतने ऊँचे जितना पर्वत पवित्र कैलाश ।

जो आज लग रहा असम्भव,
असम्भव याद रखना उसकी आपने भविष्य में।
सुनानी है कहानी,
असम्भव को संभव करने का अथक अथस प्रयास।

जब दुःख की घड़ी संभाले,
और आगे बढ़ने का वचन लें।
जो दृढ़ता से तैरे,
वो ही असम्भव को प्राप्त करें।

कभी न छोड़े हौसलों को,
जीवन की मुसीबतों में भी।
मन में दृढ़ निश्चय रखे,
असम्भव को जीत लें आप ही।

जो आज अज्ञात लगे,
कल उन्हें हकीकत बनाएं।
अथक प्रयासों से सुखी हों,
असम्भव को साकार कराएं।

जीवन की राहों में चलते,
हमेशा प्रगति का मार्ग चुनें।
जो आज लग रहा असम्भव,
उसे हम आपने भविष्य में सुनाएं।

खुल के जिये

आपका दिवस हो प्रसन्नपूर्ण…..
खुल के जिये जीवन हो अर्थपूर्ण ।
अर्थ शब्द इंगलिश भाषा में पृथ्वी……
हिंदी भाषा में अर्थ का सार्थक ,
सार्थकता वाली हो आपकी छवि ।

खुल के जिये जीवन हो अर्थपूर्ण,
अर्थ को जाने हम, इस अभियान में जुड़े हम सब.
अर्थ से ही बनता है जीवन का आधार,
हर काम में जो अर्थ मिले, होता है उद्धार.

पृथ्वी में छिपे अनेक अर्थों की है राशि,
जीवन को वह देती है रंगों की भाषा.
सार्थकता से भरी है यह धरा,
जीवन का जीने का इसमें है अधिकारा.

अर्थ का सार्थक होना है हमारा लक्ष्य,
जीवन को देता है यह अर्थ एक नया रूप.
जब रंग भर जाते हैं अर्थ की पालकी,
तभी बनता है जीवन खुशहाली की धारा.

अर्थ नहीं हो तो जीवन बन जाता है व्यर्थ,
हर रास्ते पर जगमगाते हैं अर्थ के तारे.
इंसानियत को बचाते हैं इसके संकेत,
अर्थ से जीने का है यह अद्भुत रहस्य गहेरा.

अर्थ को जाने हम, साथ चले सबका विकास का पथ,
हर क्षण में उजाला बने अर्थ की लालिमा.
खुल के जिये जीवन हो अर्थपूर्ण,
हम सब मिलकर बनाएं इस दुनिया को खुशहाल और निर्मल।


जिम्मेदारियां

ये जिम्मेदारियां ही हे जो आपको बनाती मजबूत ओर परिपक्व……
परिपक्वता का आयु से कुछ लेना नही ये आती जब जगता अनुभव….

जिम्मेदारियां और अनुभव आपस में हे तालमेल हे जिगरी मित्र…..
जिम्मेदारियां बुरी नही उनके प्रति सोच संवारती आपका चरित्र।

ये जिम्मेदारियां ही हैं जो आपको बनातीं मजबूत और परिपक्व,
परिपक्वता का आयु से कुछ लेना नहीं, ये आती जब जगाता अनुभव।

समय के साथ बदलती हैं ये जिम्मेदारियां,
जब मानसिकता होती हैं प्रगाढ़ और प्रगतिशील।
धीरे-धीरे सीखते हैं हम जीने का कला,
जब जीवन की लहरें आतीं हैं और जातीं हैं अनुभवों की तरंगें।

परिकल्पना की पंखों पर उड़ते हैं हम,
जब सपनों की दुनिया को हम अपनाते हैं।
संघर्षों के मोर्चों पर खड़े होते हैं हम,
जब ज़िन्दगी की मुश्किलें हमें चुनाती हैं।

परिपक्वता की गाथा सुनाते हैं हम,
जब नये अनुभवों के साथ बढ़ते हैं हम।
समय की ओर चलते हैं हम निरंतर,
जब जिम्मेदारियों का भार हमें संभालते हैं।

परिपक्वता के पथ पर चलते हैं हम,
नई दिशा में अपनी आवाज़ उठाते हैं।
जीवन के रंगों को चढ़ाते हैं हम,
जब जिम्मेदारियों को समझते हैं और निभाते हैं।

चिंता में रहोगे

चिंता में रहोगे …..
भीतर के ताप से जलोगे ।
और जो खुश रहोगे….
ख़ुद स्वस्थ दूसरो को खुश कर सकोगे ।

ईर्ष्या भय चिंता और शंका…..
दुःख मुसीबतों का बजेगा डंका ।
ख़ुशी खुशी रहना सुखद संक्रमण…..
शुभ और लाभ ख़ुशी का आचरण ।

चिंता में रहोगे, दुःखों में खो जाओगे,
भीतर के ताप से जलोगे, आत्मा को भस्म करोगे।

पर जो खुश रहोगे, संतुष्ट रहोगे,
जीवन की मधुरता को आसानी से छोड़ोगे।

चिंता और चिंतन से मुक्ति पाने का रहस्य हैं,
आत्म-विश्वास और प्रेम में विलीन हो जाना हैं।

भीतर की आग को बुझाने के लिए,
आत्मा को प्रकाश की ओर ले जाना हैं।

चिंता में रहकर आत्मा तप्त हो जाती हैं,
दुःखों में खोकर जीवन अधूरा हो जाता हैं।

पर जो खुश रहें, जीवन को समझें,
आनंद के बीज बोने में लग जाता हैं।

चिंता से दूरी और मन की शांति पाने का रहस्य हैं,
आनंद का स्रोत और खुशियों का आधार हैं।

जब खुश रहोगे, तो अनुभवों को महसूस करोगे,
आत्मा की गहराई और प्रेम की ऊर्जा में लीन होगे।

तो चिंता में न रहोगे, खुश रहोगे हमेशा,
जीवन की गाथा में आनंद से रंग भरोगे।

जीवन के धागे टूटे

जब कभी जीवन के धागे टूटे तो जाना मित्रों के सानिध्य….
वो योग्य दर्ज़ी निशुल्क टूटे धागों को रफू करना उनका लक्ष्य ।
मित्रता एक रिक्त पृष्ठ पर उकेरी सुंदर कलात्मक कलाकृति….
सम्भालिये मित्रता को वो आपकी निधि एक अमूल्य सम्पति ॥

जब कभी जीवन के धागे टूटे तो जाना मित्रों के सानिध्य…
वो योग्य दर्ज़ी निशुल्क टूटे धागों को रफू करना उनका लक्ष्य।
मित्रता एक रिक्त पृष्ठ पर उकेरी सुंदर कलात्मक कलाकृति…

दोस्तों के साथ जब जीवन के धागे टूट जाएं,
उनके साथी के पास जाना, जहां शांति बनी रहे।
अहम्यता समझ कर, धागों को जोड़ने का काम करो,
मित्रता के लक्ष्य की ओर, आगे बढ़ते रहो।

मित्रता एक रिक्त पृष्ठ पर उकेरी सुंदर कलात्मक कलाकृति,
हर रंग, हर सूरत में उसकी मधुरता व्यक्त होती है।
साथ चलने की ताकत, अनदेखी के दरवाज़े को खोलती है,
धागों को मजबूती से बाँधती है और कठिनाइयों को हरती है।

जब तुम्हारे जीवन के धागे टूट जाएं,
तो याद रखो कि दोस्तों का साथ हमेशा मिलेगा।
वे तुम्हारे लिए वह समर्पण होंगे,
जो तुम्हें जीवन के संघर्षों से निकालेगा।

तो जब भी धागे टूटें, मित्रों के आसपास जाना,
उनकी सहायता से धागों को मजबूती देना।
मित्रता की सुंदर कला को आदर्श बनाना,
और एक दूसरे के साथ हमेशा जुड़े रहना।

कुछ तो लिखे हम

कुछ तो लिखे हम, हर रोज तो लिखने को नही होगा
क्या यह बात है सही
नही नही
यह बात तो बिलकुल भी सही नही
क्यों
क्युकी हर पल , हर क्षण , हम अपने भीतर भर रहे असंख्य विचार उन्ही का समूह हम बना रहे है। बना रहे विचार पर विचार
फिर कैसे कुछ
फिर कैसे कुछ ना होगा कहने को
सुनने को
सुनाने को
कैसे ना होगी बात
और फिर कैसे ना होगी हमारी और आपकी मुलाकात
होगी और बहुत सारी होगी बात, कुछ नए शब्द और विचारो के तालमेल संग हम और आपका होगा साथ

कुछ तो लिखे हम, हर रोज लिखना ज़रूरी नहीं है,
यह सत्य नहीं है बिलकुल भी।
क्योंकि हमारे भीतर बसते हैं
असंख्य विचार, भावनाएं अनगिनत।

हर पल, हर क्षण ये विचार घुलते हैं,
उनसे ही हमारी कविताएं मिलती हैं।
ये विचारों का समूह हमें बनाता है,
कविता की रचना में उन्हें समाता है।

कविता हमारी आत्मा की अभिव्यक्ति है,
जब विचारों को शब्दों में बदलती है।
हर रोज़ लिखकर हम बनाते हैं वाद्य,
अपनी भावनाओं को साझा करते हैं यहाँ।

तो हर रोज़ लिखने को हो सकता है,
यह बात बिलकुल सही हो सकती है।
क्योंकि जब विचार बहुत हों अनगिनत,
उन्हें शब्दों में छिड़कते हैं हम नित्यत।


जीवन यात्रा


जीवन की अपनी यात्रा हो सामान की कम मात्रा ।
जीवन यात्रा में आपकी शैली महत्वपूर्ण….
अकारण सबसे प्रेम का जीवन अर्थपूर्ण ।

ग़लतियों से किसी का हृदय दुखता ….
जब जब स्वार्थ से ये हृदय है भरता ।
अकारण और निस्वार्थ प्रेम ही निवारण…
सदा बल देते रहे अपनाये ये आचरण

जीवन की यात्रा में आपकी शैली महत्वपूर्ण है,
व्यक्तित्व और आचरण से बनता है आपका महिमान्वित चित्र।

अकारण सबसे प्रेम का जीवन अर्थपूर्ण है,
स्नेह और सहयोग से बनता है संबंधों का महत्वपूर्ण वातावरण।

चलें यात्रा पर अंतर्मन के साथ,
प्रकृति की सुंदरता को देखें, दिल के नगरी में खो जाएं।

आत्म-विकास के पथ पर चलें, सीखें और बढ़ें,
ज्ञान के उद्धार से जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं।

रिश्तों को महत्व दें, प्रेम को बांधें,
आपसी सम्बन्धों को देखें, सुख-दुःख में सहारा दें।

जीवन में अनुभवों को आत्मसात करें,
खुशहाली की ओर बढ़ें, अपने सपनों को पूरा करें।

ध्यान रखें सदैव आपकी नैतिकता,
जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं, सच्चाई की ओर आगे बढ़ें।

यह अमूल्य विराम से सजी,
हर पल नया अद्भुत अनुभव, आनंद से भरी।

अपमान ओर अहंकार

ज़िद ,ग़ुस्सा,लालच, अपमान ओर अहंकार ये सब खर्राटों के समान…..
जो दूसरो को चुभते परंतु स्वयं को नहीं कोई अहसास या अनुमान ।
सब गुण ,सदगुण ओर अवगुण हमारे विरासत के संस्कार…
पता चल जाता हे इतिहास व्यक्ति के व्यवहार का आधार ॥

सब कर रहे हे ग़लतियाँ नहीं कोई भी इस बात में बुराई…
बस न होना सुनने की क्षमता ये बात व्यवहार की दुखदाई ।
सुनना स्वयं की ग़लतियाँ ओर भविष्य में उससे सीखना….
नहीं कोई सम्पूर्ण ,चाहिए तो बस ग़लतियों से दूरी रखना ॥

ज़िद, ग़ुस्सा, लालच, अपमान ओर अहंकार
ये सब खर्राटों के समान।
जो दूसरों को चुभते परंतु स्वयं को नहीं कोई अहसास या अनुमान।

सब गुण, सदगुण और अवगुण हमारे विरासत के संस्कार।
ये विचार हों, हमारी रचना का सार।

ज़िद जैसी बाधाएँ हमें रोकें आगे बढ़ने से,
ग़ुस्सा को हम शांति में बदलें जीने से।

लालच का पाठ देकर सबको समझाएँ,
अपमान को दूर भगाएँ, प्रेम को लाएँ।

और अहंकार को छोड़ तेज़ ध्यान में लगे,
सदगुणों के मार्ग पर चलने को तैयार हो जाएँ।

सदगुण जैसे धैर्य, क्षमा, और संयम,
सबको सिखाएँ, आत्म-निर्माण का काम।

अवगुण को दूर भगाएँ, उनका संघर्ष करें,
हम खुद को स्वयं सद्गुणों से भरें।

ऐसी हो आपसी सद्भावना की राह,
जहाँ सब मिलकर बनाएँ खुशहाल समाज।

इस कविता के द्वारा समझाया है,
सदगुणों की महत्ता, नेकी का रास्ता।

ज़िंदगी भर का साथ

ज़िंदगी भर का साथ है निभाना,
ना इस जीवन में कोई चलेगा बहाना।
हर पल, हर लम्हे को संग संग जीना,
मिलकर खुशियों को बांटना और दुःखों को हराना।

जब बारिश के बूंदें गिरती हैं धरती पर,
हाथ थामकर चलना, मुस्कान बिखेरते हुए जीना।
मिलकर खुशियों के रंगों में रंग जाना,
ना जीवन में दरारें, ना किसी को थहराना।

हर उड़ान को पूरा करने की आस रखना,
हकीकत से दूरी नहीं, सपनों को संग लेना।
चोट खाए दिल को सहलाना, मुस्कान बनाए रखना,
दरिया भी कठिनाइयों को लेकर बह जाता है आगे बढ़ना।

ज़िन्दगी का सफर है यह, एक अद्वितीय यात्रा,
हर मोड़ पर नई चुनौतियों का सामना करना।
बिना बहानों के, साथ चलना है यहां,
हर एक दिन को खूबसूरत बनाना, खुशियों को बांटना।

ना रुकना, ना हार मानना, जीना है खुलकर,
ज़िन्दगी के रंगों में रंग बनकर बहना।
साथ चलना है, संगीत बनकर बजना,
ना इस जीवन में कोई बहाना, ज़िंदगी भर का साथ है निभाना।