Posts tagged hindi main kavita

जब इच्छा शक्ति हो

जब इच्छा शक्ति हो स्वच्छ साफ़….
चाहे पूरी दुनिया हो आपके ख़िलाफ़ ।

और लक्ष्य आपका सही….
कोई दूषित शक्ति कारगर नहीं ।

कार्य आपका बनेगा ….
समय निश्चित लगेगा ।

सही लक्ष्य से मदद नहीं दूर….
प्रकृति की सहायता मिलेगी भरपूर ।

अपनाना प्रकृति का नियम….
बनाये रखना अपना संयम ।

जब इच्छा शक्ति हो स्वच्छ साफ़…
चाहे पूरी दुनिया हो आपके ख़िलाफ़।

जीवन की धुंधली राहों में,
जब आपको साथ नहीं मिले राहत,
अँधेरे से जब आपको डर हो,
और विश्वास बांधे हो पांव जूँद।

जब जगमगाते हैं सिर्फ बाधाएं,
और सपनों की ख़्वाहिशें रुकी हों,
जब दिल में जलें अस्थिरता की चिंगारी,
तब भी आपका हौसला जगाएं।

जब आपको लगे कि आकाश छूने की हो इच्छा,
पर बाधाओं ने बांध लिया हो आपको,
तो अपनी ज़िन्दगी का अंधार दूर करें,
और चमकें आपकी इच्छा के सितारे।

जब दरारों से टूटे आपके सपने,
और खिली न हो कोई आशा की बेला,
तब भी उठें सिर ऊँचा करने का संकल्प,
और दृढ़ता से चलें आपकी कदमें।

जब दुश्मनी भाव उबाले रग-रग में,
और कठिनाइयों का बढ़ जाए आभास,
तो अपने मन की शक्ति पुकारें,
और जीतें सबको आपकी आत्म-सामर्थ्य की आवाज़।

जब इच्छा शक्ति हो स्वच्छ साफ़…
चाहे पूरी दुनिया हो आपके ख़िलाफ़।

यह भी पढे: इच्छाओ को ना मारो, कल की तैयारी, लगातार बने रहे, जादू की छड़ी,



मौन का अवलोकन

मौन का अवलोकन उसकी परीक्षा,
चुनौतियों में मिलता है वह विजय का संक्षा।

समय मौन रहते हुए देता शिक्षा,
ज्ञान की वह अतुलनीय दूसरी सिक्का।

बहुत कम व्यक्ति  जो समय रहते समय से सही शिक्षा लेते…..
अधिकतर व्यक्ति समय बीतने के बाद समय से शिक्षित होते ।

समय मौन रहते हुए देता शिक्षा…..
मौन का अवलोकन उसकी परीक्षा ।

समय  निष्पक्ष देता समान अवसर…
भीतर जन्मे निष्पक्षता तब मिलेगा उत्तर ।

समय निरंतर सदा जवान उसका शरीर …
क्रियाकलाप उसका गहन सहज गंभीर।

समय का असर जीवनों में झलकता….
आज मेरा कल किसी और खिसकता ।

समय पे होना चाहिए गहन संवाद ….
छिपे है उत्तर उसके मौन में अमृत नाद ।

विद्यालय में सिखाया जाए समय महत्व..
पीढ़िया सुधरेगी जब जानेगी सार तत्व।

शब्दों के समंदर में छिपे होते हैं गहरे अर्थ,
मौन से वे उभरते हैं, देते ज्ञान का संचार।

चरम साधना है मौन, मन को वश में करना,
अन्तर्दृष्टि का प्रकाश, सच्चाई को पहचाना।

विचारों की लहरें आती हैं और जाती हैं,
मौन से वे शांत होती हैं, ज्ञान के सागर में बहती हैं।

शिक्षा का मूल संचार है मौन के द्वारा,
ज्ञान की धारा बहती है उसके अपारा।

हृदय के आँचल में बसे हैं अनगिनत सपने,
मौन से वे जागते हैं, प्रेरणा के रंग में रंगे।

समय मौन रहते हुए देता शिक्षा,
मौन का अवलोकन उसकी परीक्षा।

समय समय समय
इसका सही करना व्यय ।

यह कविता राम ललवानी जी के द्वारा लिखी गई है, यदि आप इसी तरह की कुछ ओर भी कविताए पढ़ना चाहते है तो नीचे कुछ कविताओ के लिंक दिए गए आप उन लिंक पर क्लिक करके और भी कविता पढ़ सकते है, इसके साथ ही, कमेन्ट कर हमारा प्रोतसहन बढ़ाए हम इसी तरह से और कविताए आपके लिए लिखते रहे, धन्यवाद

यह भी पढे: मौन सही से परिपूर्ण, जीवन संगीत और मौन, समय गूंगा नहीं है,

अच्छा कार्य करते रहे

शक्कर अंधेरे में खाये या उजाले में मुँह को करेगी मीठा…..
अच्छा कार्य करते रहे कोई देखे या न देखे
बाक़ी सब झूठा ।

कई बार दूर से सामने नहीं दिखता रास्ता…..
सड़क बता रही हे कारण लेकिन दृष्टिकोण होता सस्ता ।
दृष्टिकोण में सुधार करे , करे उसमे विकास ….
तभी बड़ी बड़ी सूचनाएँ समझ पायेंगे करेंगे जब निरंतर प्रयास।

शक्कर अंधेरे में खाये या उजाले में मुँह को करेगी मीठा,
अच्छा कार्य करते रहे कोई देखे या न देखे।

मधुरता उजागर करेगी सदा,
जीवन को रंगीन करके ही छोड़ा।

क्या है जगत की धूप और छाँव,
जो करता है न्याय, सत्य का पालन।

हर कार्य जचाएगा जब भी,
सच्चाई की रोशनी में जब भी।

कितने भी झूठ बस वही रहेगा,
जो सत्य की परिभाषा बनेगा।

जगत के रंग में न रंगे दिल,
अच्छाई की राह पर चले दिल।

कविता यह गीत है सत्य का,
जो आपको कहती है सच्चाई का।

शक्कर अंधेरे में खाये या उजाले में मुँह को करेगी मीठा,
जीवन को सार्थक बनाएगी यह लीला।

यह भी पढे: अच्छा समय आएगा, ज्यादा योग्य, अलग होना अच्छा, हर व्यक्ति विशेष,