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आपका हृदय

जाईये वहाँ जहाँ आपका हृदय जाना चाहता ……
वहाँ वो होता प्रसन्न और स्वस्थ खूब खिलखिलाता ।
हृदय का सिंहासन मस्तिष्क से नीचे….
असली संपदा तो छिपी हृदय में पीछे ।

हृदय में बसते प्राण सब अंगों शिराओ को रक्त का करता संचार…..
प्रसन्न इसको रखना ,ना स्वय का किसी का तुम दुखाना उचित आधार ।
सब ह्रदयों के दृष्टिकोण का हो विकास …..
फिर धरती पे उत्सव उल्लास ही उल्लास ।

कीजे इसका सतत प्रयास , समय दीजे इस प्रयास ।

जाईये वहाँ जहाँ आपका हृदय जाना चाहता…
वहाँ वो होता प्रसन्न और स्वस्थ खूब खिलखिलाता।
हृदय का सिंहासन मस्तिष्क से नीचे…
जहाँ प्रेम और स्नेह सदैव प्रबल रहे।

वहाँ जहाँ सौंदर्य सदैव विराजमान हो,
सुख-दुःख के साथ आपसी सम्बन्ध गहराएं।
हंसी और आनंद की झलकें आपके चेहरे पर हों,
ज्योति के समान प्रकाशित रहें आपके मन में।

जाईये वहाँ जहाँ आप खुलकर हंसें,
खुशियों के संग संगीत गाएं और नाचें।
जहाँ आपकी आत्मा स्वतंत्रता का आनंद धरे,
और जीवन के रंगों में रंग भरें।

हाथों की छांव में सुरभि खिलें फूल,
दिल की गहराइयों में बसे खुशियों के मौल।
जाईये वहाँ जहाँ आपकी प्रतिभा चमके,
और सपनों के पंखों पर आप उड़ें।

हृदय का सिंहासन मस्तिष्क से ऊपर रखें,
जीवन की उच्चताओं को प्राप्त करें।
जाईये वहाँ जहाँ आपकी आत्मा मधुर हो,
और सुख का संगीत हर दिन सदैव बजे।

वहाँ जहाँ आपका हृदय जाना चाहता,
सीमाओं से परे खुशियों का आदान प्रदान करे।
चलिए, आओ वहाँ जहाँ आपकी प्रेम और स्नेह है,
और जीवन की हर दिन आपके लिए नया आरंभ है।

गीत संगीत हृदय

गीत संगीत हृदय तथा मस्तिष्क की ओषधि….
सुनते रहे सुनाते रहे गाते रहे गुनगुनाते
रहे अपनाये यह विधि ।
गाना संगीत सुनके मन होता शांत….
सात सुरों की लय से मन होता प्रशांत ।

गीत संगीत मन मस्तिष्क की ओषधि….
बुझा दीपक जल उठता दूर होती व्याधि ।
संगीत एक आकाश जिसका न कोई छोर….
यह वो पतंग जिसकी उपलब्ध अनंत डोर।

गीत संगीत हृदय तथा मस्तिष्क की ओषधि,
जिनका आनंद होता है सदैव विधि।
सुनते रहें, सुनाते रहें, गाते रहें, गुनगुनाते रहें,
इस विधि को अपनाएं, जीवन में आनंद बहाएं।

गाना संगीत सुनके मन होता शांत,
स्वरों की मधुरता से जगाता चित्त का आदान्त।
सात सुरों की लय से मन होता प्रशांत,
रचनाओं की गहराई से भरता रूह का विश्रांत।

संगीत की जगमगाहट धरती को झूमा देती है,
ताल-मात्रा की गति हृदय को भर जाती है।
गीतों की मधुरता दिल को छू जाती है,
संगीत की सादगी मस्तिष्क को भर जाती है।

संगीत हृदय तथा मस्तिष्क की ओषधि है,
जो रागों की बंधन से मन को मुक्ति दिलाती है।
गीत संगीत का आनंद जीवन में बिखेरता है,
सदैव इसकी आराधना करें, अपनी आत्मा को संगीत से भरें।

स्वयं की झोपड़ी

स्वयं की झोपड़ी अच्छी दूसरों के महल से…
झोपड़ी में राज ओर महल ग़ुलामी परोसे ।
स्वाभिमान का प्रतीक स्वयं की झोपड़ी….
महल प्रतीक हाथ पेरो पे लगी हथकड़ी ॥

मौज में रहना हे छोड़नी पड़ेगी ग़ुलामी…
ग़ुलामी का जीवन एक मानसिक ख़ामी ।
जो भी मिला ओर कोशिश करते रहे सुधार ..
स्वयं की मेहनत से उपजे वही सही आधार ॥

स्वयं की झोपड़ी अच्छी दूसरों के महल से…
झोपड़ी में राज और महल गुलामी परोसे।
स्वाभिमान का प्रतीक स्वयं की झोपड़ी…
महल प्रतीक हाथ पे रो पे लगी हथकड़ी।

ये झोपड़ी छोटी, दीन-हीन, अपनी सी,
इसमें रहती है गरीबी, अधीनता की भी।
पर इसकी दीवारों में है आत्म-सम्मान,
जो कभी नहीं झुकता, न ये हार मान।

महलों की चमक, क्रीड़ाभूमि की खुशियां,
सब यहां हैं पर भाग्य की कर्मभूमि यहां।
ये झोपड़ी सदा देती है हमें शक्ति,
क्योंकि जीवन में इसकी है अद्वितीय महत्त्विता।

महलों की उच्चाई, झोपड़ी की सरलता,
होती है अंतरंग और व्यापारिकता।
पर अच्छाई, सादगी, स्नेह और सौहार्द,
सब यहां हैं, जो नहीं मिलता महलों में बार-बार।

झोपड़ी है स्वर्ग, उसका अभिमान है शान्ति,
महल तो बस भटकने वालों की हैं मंत्रिति।
हमारी झोपड़ी, हमारी पहचान है ये,
महलों के सामर्थ को हम करें नहीं मान।

तो चाहे अन्याय हो, या गरीबी की लाचारी,
झोपड़ी हमेशा रहेगी निर्मलता की भूमि।
यहां प्यार है, सम्मान है, जीने का हौसला,
झोपड़ी है अपनी, ऐसी है हमारी आशा।

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कल किसने देखा

कल किसने देखा है ओर कौन ही देख पाएगा, कल की काहे को फिकर करता है ऐ बंदे आज में जी ओर मौज में रह बस यही जीवन का असली अर्थ है।

कल किसने देखा …..
कल मतलब पानी पे रेखा ।
कल कल ध्वनि से जल बहता जाए…
समय रहा हे बीत यह जता जाए ।

कल विश्व का सबसे बढ़ा झूठ….
कल कल करके आज को लेता लूट ।
मज़ा या सजा जो भी हे वो वर्तमान….
सजा मज़ा में कर दे परिवर्तित फिर तू वैज्ञानिक महान ।

न खोना आज अभी ….
यही सत्य जो बीत रहा अभी ।

कल किसने देखा,
कल मतलब पानी पे रेखा।
कल कल ध्वनि से जल बहता जाए।
समय रहा हे बीत, यह जता जाए।

प्रशान्त वायु लहराती है,
धूप में रंगी हुई चादर।
विचारों की उड़ान भरे,
हर दिन की चादर।

आँखों में चमक, ख्वाबों की नैया,
जीवन की धरा पर बहती जाए।
कल की चिंगारी आज बुझ गई,
नई सोचों से सजती जाए।

हर कल के पीछे एक सवेरा,
नयी उमंगों की आहट।
यहाँ रुकना नहीं, चलते जाना है,
जीवन की मधुशाला में बहती जाए।

चाहत के सागर में डूबते जाएं,
सपनों की परवाज उड़ाते जाएं।
कल की छांव में आज को भी जिन्दा करें,
हर दिन को यूँ ही बिताते जाएं।

कल किसने देखा,
मन से बहुत सोचा।
पानी पे रेखा बनी,
खुशियों की बहार जगाई।

मुस्कान छा गई चेहरे पर,
प्यार भरी बातें कह गई।
पानी की रेखा ने बताया,
मन की ख्वाहिश कैसे बनाई।

दिलों में उमंग भरी हुई,
खुशियों की लहर लहराई।
पानी पे रेखा ने बताया,
ख्वाबों को कैसे पार कराई।

कल की रेखा ने सिखाया,
जीने का अद्भुत तरीका।
आँखों में चमक जगाई,
खुशियों की नई प्रतीका।

कल को देखा और समझा,
जीवन की महक और मज़ा।
पानी पे रेखा ने सिखाया,
हर दिन को बनाए अनमोल तजा।

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असम्भव बात

असम्भव बात कभी दुःख न आए …
लेकिन सम्भव तू मुस्कुराते उसे झेल जाए ।
तेरे मुस्कुराने की चाभी तेरे पास…
प्रयोग कर इस चाभी का ही तेरा साहस ॥

असम्भव बात की कभी समय न बदले….
आज तेरा कल किसी ओर का यह पगले ।
लेकिन मन की डोर तो तेरे ही हाथ ….
मन सदाबहार रखे उसे अपने साथ ॥

असम्भव आसमान कहाँ से शुरु समाप्त ..
लेकिन जगे अवचेतन में सब कुछ हे व्याप्त ।
अवचेतन सदा रहता जगा नही वो सोता…
सुन समझ उसके मौन को , बन तू श्रोता ॥

असम्भव कि कभी न हो मृत्यु…
मिली गिनती के सांसो रूपी आयु ।
जब तक हे जीवित तो हे जीवन…
मृत्यु से काहे डरना मिला अनमोल जीवन ॥

असंभव बात कभी दुःख न आए,
लेकिन संभव तू मुस्कुराते उसे झेल जाए।
तेरे मुस्कुराने की चाबी तेरे पास,
प्रयोग कर इस चाबी का ही तेरा साहस।

जब जीवन की धूप छिड़कती है आँखों में,
और अँधेरा हर तरफ़ फैलाकर दर्द लेता है दम,
तब अपने होंठों पर एक मुस्कान बिठा ले,
और दुःख को तू दूर भगा ले।

जीवन की लड़ाई में जब हार दिखाई दे,
और तू तोड़ दे दरिया और पार जाए,
तब उम्मीद की किरण तू बन जा,
और संघर्ष को तू दूर कर दे।

तेरे हाथों में है खुदा की खुदाई,
चाहे जितना भी बड़ा हो बादल का साया,
तेरी मुस्कान है शक्ति की अंतरा,
जिसे तू जिये और दूसरों को भी दिखाए।

आगे बढ़, ना झुक, ना रुक,
जीवन की गाथा तू खुद लिख,
मुस्कुराने की चाबी का इस्तेमाल कर,
और खुद को ख़ुश रख, यही है तेरा साहस।

छोड़ना पकड़ना

छोड़ना पकड़ना एक चीज को छोड़ते है तो दूसरी चीज पकड़ लेते है, लेकिन जिंदगी बोल रही है कब तक छोड़ेगा और पकड़ेगा एक दिन सब छूट ही जाना है कुछ भी तेरे साथ पकड़ा हुआ नही जाना है।

छोड़ते हैं एक चीज़ को, पकड़ते हैं दूसरी को,
जीवन की यह लहरें, बदलती रहती हैं हमारी कोशिशों को।
पर ज़िन्दगी आवाज़ उठाती है और कहती है,
कब तक छोड़ेंगे, कब तक पकड़ेंगे, एक दिन सब छूट ही जाना है।

सच है, कुछ भी तेरे साथ पकड़ा हुआ नहीं है,
यह दुनिया एक पल में बदल जाती है अपनी छवि।
जो आज है, कल वही नहीं रहेगा,
सब छूट जाएगा, यह जान ले तू अपनी सीमाएं।

इसलिए न तेरा आसरा हो और न तेरा अभिमान,
जीवन का अनुभव ले, बांध के न रह जा एक स्थान।
अपने सपनों को पूरा करने का अवसर ढूंढ़,
क्योंकि ज़िंदगी की रफ्तार है अद्यायवादी और अवसादी।

छोड़ना पकड़ना, ये खेल है जीवन का,
लेकिन जब सब छूट जाएगा, तभी तू जीवन को समझ पाएगा।
चल आगे बढ़, जिए अपने यथार्थ सपनों को,
जीने का आनंद ले, हर पल को खुशियों से सजाएगा।

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लगातार बने रहे

एक शब्द है लगातार ये लगातार शब्द जब भी कही लग जाता है तो बहुत सारी चीज़ें अधूरी चीज या कार्य पूरे हो जाते है इसलिए कुछ भी अधूरा ना रह जाए इसलिए लगातार बने रहे, और आप अपनी जिंदगी हासिल करना चाहते है उसके लिए प्रयासरत रहे।

एक शब्द है, लगातार ये शब्द जब बोला जाता है,
पूरी हो जाती हैं अधूरी चीज़ें और कामनाएँ सारी।
यह विश्वास दिलाता है, हौसला बढ़ाता है,
कि अधूरा न रह जाए, हर कार्य पूरा हो जाता है।

संघर्षों के बावजूद आगे बढ़ते रहना,
हमेशा इच्छाओं को पूरा करके का जीना।
कठिनाइयों को देखते हुए भी मुस्कान बनाए रखना,
जीवन के हर मोड़ पर ये शब्द सुना जाता हैं।

लगातार बने रहे, ये नया संग्राम है,
हर अधूरी चीज को पूरा करने का दांव है।
कठिनाइयों को तोड़ते हुए आगे बढ़ते जाएं,
जीवन के सभी अध्यायों को लगातार पूरा करते जाएं।

ये शब्द हैं प्रेरणा का स्रोत, आगे बढ़ने की शक्ति,
जब भी बोले जाते हैं, जीवन में उजाला बरसता है।
चिंताओं को दूर भगाते हैं, आशा की किरण बनते हैं,
सब कुछ पूरा हो जाता हैं, जब ये शब्द बोले जाते हैं।

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सिर्फ ये मन

सिर्फ ये मन , बुद्धि भाग रहे है बाकी कुछ नही चाहे तुम बैठ जाओ एक बंद कमरे में फिर भी तुम्हारा तुम्हे दौड़ा कर ले जायेगा बाहर, जरा देखो तो सही खुद को तुम्हारी दौड़ बाहर से तो है ही नही, तुम्हारी दौड़ भीतर की है जिसे तुम नही देख रहे बस भाग रहे हो उन दौड़ते हुए लोगो को देखकर जो बस दौड़ रहे है उन्हे भी नही पता कहा जाना है और अब तुम भी भूल गए हो की तुम्हे कहां जाना था , तुम्हारी मंजिल क्या है, तुम्हारा ठिकाना कहां है बस तुम दौड़ रहे हो।

सिर्फ ये मन, बुद्धि चाहते हैं स्वतंत्रता,
कमरे में बैठे, विचारों का संग्रह किया,
लेकिन तुम्हारी दौड़ विचारों को नहीं रोक सकती,
बाहर जगती वास्तविकता, जिसे तुम्हें देखना है।

तुम्हारी दौड़ बाहर से है, देखो अपने अंतर को,
विचारों का मार्ग चुनो, दुनिया में निकलो,
धैर्य और संवेदनशीलता से यात्रा करो,
तुम्हे अपने सच्चे आप को पहचानना है।

जहां तुम्हारी इच्छाएं और सपने बहुतेरे,
उन्हें पूरा करने का अवसर ढूंढ़ो।
जब तक तुम नहीं निकलोगे दौड़ने के लिए,
तब तक तुम नहीं जान पाओगे अपनी सीमाएं।

बाहर जगती वास्तविकता तुम्हें पुकार रही है,
तुम्हारे सपनों को साकार करने के लिए।
अपनी क्षमताओं को पहचानो और उन्हें प्रगति में लाओ,
तुम्हारी दौड़ से जीवन को सजाओ और सार्थक बनाओ।

मुस्कुराने का सेहत पर

मुस्कुराने का सेहत पर पड़ता असर….
बुद्धि खुलती ओर दिखते नए अवसर ।
मन बुद्धि का प्रिय पेय हँसना खिलखिलाना …
जीवन का मार्ग होता सुगम ओर सुहाना ।

छोटी छोटी घटनायो का जोड़ ये जीवन…
छोटी छोटी मुस्कुराहट से खिले ये उपवन ।
मुस्कुराहट से सही रहती मन बुद्धि की सेहत ..
जीवन बने सुंदर ,लगाए रखे हँसी की लपट॥

हंसे ओर जाने प्रकृति भी रही हे वो हंस….
हँसी उसकी फल फूलो के रूप में वो बरस ।
सदा प्रकृति के नियमो का करे पालन ….
बरसे का सदा ख़ुशियों का धन दे दनादन ॥

दूसरो को करे प्रेरित वो भी हंसे मुस्कुराए…
वो भी जीवन को ख़ुशियों से चमकाए ।
आपके घेरे में जो आए उसका चेहरा खिले …
जीवन का उत्तर ओर जीवन को दिशा मिले ॥

मुस्कुराने का सेहत पर पड़ता असर,
खुलती है बुद्धि, दिखते हैं नए अवसर।
मन और बुद्धि का प्रिय पेय है हँसना, खिलखिलाना,
जीवन का मार्ग होता है सुगम और सुहाना।

हँसने से जीवन में आती है रौशनी,
दूर होती है चिंताएं, होता है व्यंग्य।
खुशी की मुस्कान से बढ़ती है खुशियों की बारिश,
जीवन के हर पल को बनाती है अद्वितीय और अमरित।

जब हम मुस्कुराते हैं, तब दिल को मिलता है शांति,
खुशी की लहरें हमारे चरणों में मंडराती हैं।
मुस्कान की एक झलक ही काफी होती है,
जीवन के सभी संघर्षों को मिटाने की शक्ति होती है।

यह विश्वास करो कि हर सुबह होगा नया सवेरा,
मुस्कान बनाएगी आपके जीवन को सुहाना।
चिंताओं का अंधकार होगा दूर और गया,
खुशियों की छांव बनी रहेगी आपके संग जब तक संसार सदा।

तो आओ, हँसें, जीने का खूबसूरत अंदाज सीखें,
अपने चेहरे पर मुस्कान को हमेशा बनाएं रखें।
सुखी और संतुष्ट हों, आनंदित और उदार रहें,
मुस्कराने से जीवन को खुशहाल और सुगम बनाएं।

साहस को जोड़ों

साहस को जोड़ों
आपकी शक्ति ।
साहस
हो वो परिचय ।
साहस
आपकी आवश्यकता ।
साहस
विकास की सीड़ी ।
साहस
हो आपका उद्घोष ।
साहस
एक जोड़ ।
साहस
संग नम्रता ।
साहस
संग कुशलता ।
साहस
आपकी भाषा ।
साहस
हो अभिलाषा ।
साहस
संग समानता ।
साहस
निरंतरता ।
साहस
संवेदना ।
साहस
मन मस्तिष्क शरीर ।
साहस
संतुलन ।
साहस
ही संघर्ष ।
साहस
आंदोलन ।
साहस
ऊर्जा ।
साहस
ही लक्ष्य ॥
साहस
संगठन ।
साहस
योजना ।
साहस
कल्पना ।
साहस
सृष्टि ।
साहस
दर्शन ।
साहस
ही सुदर्शन ॥
साहस
भगवान।

साहस को जोड़ों , आपकी शक्ति,
अस्तित्व के मंदिर में, गर्व से विकास की प्रतीति।
जब डर के आवाले, आपके सामर्थ्य से टकराएं,
तब साहस बन जाए, आपकी दृढ़ता की पहचान।

साहस, मुक्ति की कुंजी, परिचय बनाता,
जीवन की उच्चाईयों पर, आपकी उड़ान भराता।
आपकी आवश्यकता, साहस के रूप में व्यक्त होती,
दुःखों को दूर करती, जीवन की महानता प्रकट होती।

साहस, विकास की सीड़ी, भरता है जीवन में उमंग,
विपणन के बादलों को छिड़कता, खुशहाली का अंग।
जब विपरीत परिस्थितियों में, आप अपना उद्घोष करें,
तब साहस खड़ा होकर, विजय की ओर बढ़ता नजर आएँ।

वीरता की आग से जलता, साहस का प्रकाश,
आपकी खुदरा करता, दुःखों का परिहार आश।
इस आधार पर आप चढ़ें, ऊँचाईयों की सीमा पर,
साहस बनें आपका संगीत, वीरता के संग बहर।