Posts tagged kavita in hindi

वो सहम गए

वो सहम गए , वो सहम रहे है
जो वहा रह रहे है ,
जो अब भी है वहां ,ना चैन से सो रहे
और ना चैन से जाग रहे है

वो डर गए , वो सहम गए , वो कांप गए
जिनके घर वाले मारे गए
कौन कसूरवार था ? कौन बेकसूर था ?
क्यों वो इतनी हैवानियत से मारे गए
क्युकी उस भीड़ का कोई नाम नहीं
भीड़ का कोई नाम नहीं था।

उनका कोई धर्म – मजहब नहीं
रात को पहरा अब भी घर के बाहर
लगाकर लोग बैठे है सप्ताह हो गया
दिन भर बैठ कर दिन कट रहा है,
रात की नींद दहसत में उड़ गई है

लगता है घर के बाहर आग लगा गया कोई
क्या मेरा फिर से घर जला गया कोई ?
देहसत तुमने फैला दी

मेरे दिल में नफ़रत की आग लगा दी
तुम्हे अपना भाई कैसे कहूं ?
जो तुमने इतनी हैवानियत दिखा दी
मै डरता हूं , मै डरती हूं अब तुम्हारे पास आने से
मै घबरा गया हूं , मै घबरा गई हूं
तुम्हे अपना भाई बनाने से।

यह भी पढ़े: मन यू हलचल, थोड़ी बेखबरी थी, समय का अंधेरा तला,

तुम्हें अपने ख्यालों में

मैं तुम्हें अपने ख्यालों में भी पनाह नही दूंगा इतराओ मत अब तुम मुझे पता है तुम मेरी धड़कनों में धड़क रही हो बस अब तुम्हे मैं अपनी धड़कनों से भी निकाल दूंगा

जब तुम्हें खुश देखना चाहता हूँ,
तो मुझे तुम्हारे ख्यालों में छोड़ देना होगा।
फिर तुम मेरी ज़िन्दगी का हर पल सजाओगे,
मुझे नहीं पता कि तुम मेरे बिना क्या करोगे।

मेरी खुशियों का सबब तुम हो,
मेरी आँखों में तुम ही नज़र आते हो।
मुझे तुमसे बेहद मोहब्बत है,
लेकिन मुझे भी तुमसे अलग होना है।

आज तुम मेरे साथ हो, लेकिन कल कहाँ होगे,
मेरे ख्यालों में भी तुम अब नहीं रहोगे।
मेरी जिंदगी का सबसे अहम रिश्ता हो तुम,
पर मैं तुम्हें अपने ख्यालों में भी पनाह नहीं दूंगा।

हम आँखों में तस्वीरें समेटे रहते हैं,
जो अपनों से दूर रहते हुए भी,
हमें हमेशा पास लगती हैं।

ये तस्वीरें हमें अपनों की याद दिलाती हैं,
जो हमें अपनी ज़िन्दगी की सबसे अहम चीज़ याद दिलाती हैं।
आँखों में तस्वीरें समेटे रहने से हमें उनसे नहीं दूर होने का एहसास होता है,
और हमें उनसे जुड़े रहने की ताकत देता है।

ये तस्वीरें एक संग्रह हैं,
जो हमें उन खुश पलों का याद दिलाती हैं,
जो हम अपनों के साथ बिताए थे।
ये तस्वीरें हमें हमारे अपनों के साथ बिताए वो पल याद दिलाती हैं,
जो कभी फिर से नहीं आ सकते।

आँखों में तस्वीरें समेटे रहने से हमें उनसे जुड़े रहने की ताकत मिलती है,
जो हमें अपनों से जुड़े रहने की ज़रूरत होती है।
ये तस्वीरें हमें उन लम्हों की याद दिलाती हैं,
जो हमारी ज़िन्दगी के सबसे ख़ास होते हैं।

जिंदगी

जिंदगी तेरे बिना कुछ ऐसी है
और कुछ वैसी है

जिंदगी और जब तू साथ है
जिंदगी और जब तू साथ है
तो लगता है कि कुछ है जिंदगी

हाल क्या बताऊँ ?
कुछ हाल ऐसा है कुछ हाल वैसा है
बस मसक्कत से भरी है जिंदगी

जब तू दूर जाती है तो रूठ जाती है
जिंदगी तू पास आती है
तो मुस्कुराती और खिलखिलाती भी खूब है
ये जिंदगी

गम ए छुपाये नहीं ये छुपता लगता है
बेमुरम्मद सी है जिंदगी
आंसुओ से आँखे भर भर जाती है
जब तू इन आँखों से दूर चली जाती है
चिरागे रोशन तू कर जाती है
जब तू फिर से पास आती है

ना जाने क्यों तेरे बिना ?
बेतहासा बेहाल सी है जिंदगी लगता है, कुछ फटेहाल सी है जिंदगी
लेकिन जब तू पास होती है
तो कमाल सी है जिंदगी
ना जाने क्या क्या करती धमाल सी है ये जिंदगी

इसलिए तू दूर जाना मत मुझे छोड़ कर
वरना लगेगी दुर्भर सी ये जिंदगी
अगर तू पास है तो हर हाल में मस्त है ये जिंदगी
तू साथ है इसलिए जबरदस्त भी है ये जिंदगी

तेरे बिना कुछ ऐसी है कुछ वैसी है जिंदगी

जब मैं तेरे बारे

जब मैं तेरे बारे सोचता हूँ

आंखे भीग जाती है मेरी

दिन का चैन खो जाता है

और

रातो की नींद उड़ जाती है

सारे सपने भूल जाता हूं

ना सोता हूं ना जागता हु

पागलो की तरह बड़बड़ाता हुआ

लोगो को नजर आता हूं

जब मैं तेरे बारे में सोचता हूं

ना काम कर पाता हूं

ना खाली बैठ पाता हूं

तेरी याद में ना जाने कहाँ खो जाता हूं

तुझको भूल ही नही पाता हूं

फिर ये बात भी गलत लगती है

कि मैं तेरे बारे सोचता हूं

तू तो मेरे खयालो से नही जाती है

हर पल हर दम तू मेरी

सांसो की धड़कनों में धड़कती

हुई सुनी जाती है 

फिर कैसे कह रहा था मैं

की जब भी तू मेरी यादों में आती है

अब तो यह बात मेरी सांसो ने भी झुठलादी है

की जब तू मेरी यादों में आती है, आंखे भीग जाती है मेरी जब भी तेरी याद आती है।  

यह भी पढे: आंखे, आंखे भीग जाती है, तेरी आंखे, आंखे मन का दर्पण, जिंदगी तेरे बिना,

जिंदगी एक कविता

जिंदगी एक कविता की भांति ही है, जिसमे आपको जिंदगी के हर उतार चदाव के बारे में मिलता है, जिस तरह से जिंदगी आपको प्रोत्साहित करती है उसी तरह कविता भी, कविता में ही जिंदगी की सच्चाई छुपी मिलती है जो शब्दों के माध्यम से आपको बताती है, रूबरू कराती है।

मुस्कराहट का ही तो एक नाम है जिंदगी
जरा इसे मुस्कुराने ही दो,

ना गम के साये में खोने जाने दो यह है जिंदगी
जिसे मिली उसे कदर नहीं है

जिसे न मिली उससे पूछो जरा क्या है जिंदगी ?
न तड़पाओ न रोने दो बड़ी प्यारी है जिंदगी

इसे खिलने दो जरा यह खिलना चाहती है
क्योंकि खिलखिलाती सी है यह जिंदगी

गुदगुदाती सी है जिंदगी
बहुत हसाती है यह जिंदगी

रुलाती भी बहुत है जिंदगी
मिलकर जीने का नाम है जिंदगी

बिछड़ने का नाम है जिंदगी
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी

प्यारी सी मुस्कान है यह जिंदगी
खुद में जीने का नाम है जिंदगी

रूठे हुए को मनाना है जिंदगी
किसी अपने से रूठ जाना भी है जिंदगी

इंतज़ार भी है जिंदगी
अधूरी प्यास है जिंदगी

सहलाती हुई माथे पर हाथ रखती माँ है यह जिंदगी
माँ का आँचल है जिंदगी

पिता की डांट का नाम है जिंदगी
खुदसे प्यार करने का नाम है जिंदगी

मैं से मैं मिल जाना है जिंदगी
तुम और मैं को खत्म कर देना है जिंदगी

जिंदगी एक कविता की भांति ही है बस इस जिंदगी को उसी तरह से जिओ

यह भी पढे: जीवन से सवाल पूछो, जिंदगी के साथ चलना, जिंदगी से जिंदगी,

औरत ना होती

औरत ना होती तो जिंदगी अधूरी होती
क्या जिंदगी पूरी होती अगर तुम ना होती ?

जिंदगी के हर हिस्से में तुम हो
कहानी और किससे में तुम हो

हर जीत में तुम हो
हर हार में भी तुम हो

सुबह भी तुम शाम भी तुम हो
ख़ुशी भी तुम हो गम भी तुम हो
धुप भी तुम छाव भी तुम हो

मिठास भी तुम हो खटास भी तुम हो
कभी कभी बेस्वाद भी तुम हो
जीवन के हर स्वाद में तुम हो

माँ बहन पत्नी और बेटी भी तुम ही हो
जीवन के हर रूप और स्वरुप में तुम हो

मुझे बनाने वाली भी तुम हो
मुझे बिगाड़ने वाली भी तुम हो

मुझे ऊँचाई पर पहुचाने वाली भी तुम
और उस ऊँचाई से नीचे गिराने वाली भी तुम हो

तुम से ही पैदा होती मेरी हर इच्छा है
तुम नहीं हो तो शायद जीवन ना ही हो
यह इच्छा है।

औरत ना होती तो जिंदगी कैसी होती।

यह भी पढे: यह जिंदगी कैसी, यह खाली हाथ, बड़े अधूरे अधूरे

आंखे भीग जाती है

आंखे भीग जाती है

जब मैं तेरे बारे सोचता हूँ,

दिन का चैन खो जाता है

और

रातो की नींद उड़ जाती है

सारे सपने भूल जाता हूं

ना सोता हूं ना जागता हु

पागलो की तरह बड़बड़ाता हुआ

लोगो को नजर आता हूं

जब मैं तेरे बारे में सोचता हूं , आंखे भीग जाती है

ना काम कर पाता हूं

ना खाली बैठ पाता हूं

तेरी याद में ना जाने कहाँ खो जाता हूं

तुझको भूल ही नही पाता हूं

फिर ये बात भी गलत लगती है

कि मैं तेरे बारे सोचता हूं

तू तो मेरे खयालो से नही जाती है

हर पल हर दम तू मेरी

सांसो की धड़कनों में धड़कती

हुई सुनी जाती है 

फिर कैसे कह रहा था मैं

की जब भी तू मेरी यादों में आती है

अब तो यह बात मेरी सांसो ने भी झुठलादी है

की जब तू मेरी यादों में आती है।

यह भी पढे: तेरे होने से, तेरी आंखे, तेरी यादे , पता नहीं मुझे, ढूँढता हूँ,

प्रेम शब्द

चन्द लफ्जो में बयान क्या करू ?
इस प्रेम को
मेरे सारे शब्द और मेरी उम्र बीत जाए
लेकिन प्रेम का अर्थ पूरा मेरे शब्द भी ना कर पाए
फिर भी एक नाकाम कोशिश सी है

कुछ बताने की एक नया रिश्ता बनाने की
ये संबंध वो है
जिसमे हर एक रिश्ता नाता समा जाता है
मत भेद दिलो मेंं जो है वो दूर हो जाता है ,
असीम आसमान भी धरती की औढनी नजर आता है

जब कभी सतरंगी होता है आसमान
तब यही आसमान एक छोर से
बाहे फैलाये दूसरे छोर को जाता है
तब देखो क्या मधुर संबंध

धरती और आसमान का बन जाता है
यह प्रेम है जो धरती और आसमान को
एक करता हुआ नजर आता है
यह प्रेम है

जो पूरे ब्रह्मांड को एक शब्द में बांधे नजर आता है
यह प्रेम
वो है जो ना शब्दो से बयान हो पाता है
ना मौन से
यह प्रेम तो शब्द और मौन दोनो के पार ले जाता है।

यह भी पढे: प्रेम क्या है, प्यार का इजहार, कौन हो तुम?, यह प्रेम है,

चल उठ और दौड़

चल उठ खड़ा हो जा
दुनिया भाग रही है
तू भी चल उठ खड़ा हो जा
दुनिया दौड़ रही है

तू भी उठ खड़ा हो जा
सोने दो यार मुझे नही खड़ा होना
नही खड़ा तू हो जा ….

अच्छा
चल ठीक है तू
रहने दे यार
मेरे ख्याल से तो तू सोजा
चल छोड़ तू यार सो ही जा

चल उठ

तू क्या करेगा भागकर
तू करेगा क्या जागकर
तू चद्दर तान और बस सोजा

तेरा अब काम नही है
तुझमे अब वो दमखम भी नही

तू तो नाकाम ही सही
तू हिम्मत हार चुका है
तू परिश्रम कर थक चुका है
खुद को नाकाम समझ तू रो चुका है
खुद को हारा मान चुका है

इसलिए
तू तो सोजा चद्दर तान और बस सो जा
ना भागेगा ना हिम्मत बढ़ाएगा
सिर्फ तू भीड़ बढ़ाएगा
भीड़ में उत्साह घटाएगा

जा तू सोजा चद्दर तान और सो जा
चल सोजा
नही रुको मैं उठता हूं
मैं आता हूं
मैं चलता हूं ,

सुनो मैं परिश्रम कर थका नही हूं ,
मैं नाकाम सही लेकिन
हिम्मत मैं हारा नही हूं
मैं भागूंगा नही लेकिन उत्साह बढ़ाऊंगा ,

मैं भीड़ का हिस्सा सही
लेकिन भीड़ का उत्साह बढ़ाऊंगा
ना रुकूँगा ना रुकने दूंगा ,
न थकूंगा ना थकने दूंगा
ना सोऊंगा ना सोने दूंगा
मैं सबसे आगे बढ़कर
ही अब दम लूंगा

समय का अंधेरा तला

समय का अंधेरा तला
जिसके अंदर तू बैठा छिपा आ बाहर आज तू फिेर से कर
चहल पहल
कुछ तो कर
ना बैठ यू तू

क्यों तू है सहमा सहमा
क्यों है तू बैठा यू
समय के उस अंधेरे तले में
ना छुपकर यू बैठ तू

आ बाहर कुछ फुसफुसाहट करे
आ चल उठ कुछ बात करे
थोड़ा सा साथ चले
थोड़ी सी कुछ शरारत, गुदगुदाहट करे
आपस में कुछ और की बात करे

चल उठ खड़ा हो कुछ दूरी ,
कुछ फासले हम तय करे
जो मंजिल राह देख रही है तेरी,
उस मंजिल की और आ आज साथ हम चले

कुछ दूरियां कुछ फासले तय करे हम
हो जाने दे कुछ हरकत , हो जाने दे जो होना है
जिंदगी जी लेने से पहले
काहे अंधेरे तले में
हम छिपकर मरे

बाहर आ रोशनी में ,
देख चकाचोंध रोशनी सूरज की ,
यह सूरज कैसे खुद जल कर
दुनिया को रोशन करे

चल उठ खड़ा हो
कुछ दूरी कुछ फासले हम तय करे
तू काहे समय के अंधेरे तले में
जी लेने से पहले क्यों तू मरे

समय का अंधेरा तला
जिसके अंदर तू बैठा छिपा आ बाहर आज तू फिेर से कर
चहल पहल

यह भी पढे: समय का सदुपयोग, समय बीत रहा है, समय की बचत,