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प्रेम क्या है

प्रेम क्या है ? यह कैसे बयान कर पाउ , हर छोर हर ओर बस प्रेम ही प्रेम मैं पाउ

इस प्रेम को मेरे सारे शब्द और मेरी उम्र बीत जाए

चन्द लफ्जो में बयान क्या करू ?

लेकिन प्रेम का अर्थ पूरा मेरे शब्द भी ना कर पाए

फिर भी एक नाकाम कोशिश सी है कुछ बताने की,

एक नया रिश्ता बनाने की ये संबंध वो है

जिसमे हर एक रिश्ता नाता समा जाता है

मत भेद दिलो मेंं जो है वो दूर हो जाता है ,

असीम आसमान भी धरती की औढनी नजर आता है

जब कभी सतरंगी होता है आसमान

तब यही आसमान एक छोर से बाहे फैलाये दूसरे छोर को जाता है

प्रेम क्या है यह कैसे बयां में कर पाउ हर छोर पर सिर्फ प्रेम ही प्रेम मैं पाउ

तब देखो क्या मधुर संबंध धरती और आसमान का बन जाता है यह प्रेम है जो धरती और आसमान को एक करता हुआ नजर आता है

यह प्रेम है जो पूरे ब्रह्मांड को एक शब्द में बांधे नजर आता है

यह प्रेम वो है जो ना शब्दो से बयान हो पाता है

ना मौन से यह प्रेम तो शब्द और मौन दोनो के पार ले जाता है।

प्यार का इजहार

मेरे दिल का हाल जब वो मेरे सामने से गुजर जाती है ओर प्यार का इजहार न कर पता हूँ

मेरा एक तरफ़ा प्यार ना जाने
कितना बढ़ चुका है अपने
प्यार का इजहार करने के लिए
मेरा पागलपन पता नही मुझे
किस हद् तक बढ़ चुका है
जब वो मेरे सामने से गुजर जाती है
मेरी धड़कने तेज़ हो जाती है
सांसे रुक जाती है
बदन में ना जाने कैसी
सरसराहट सी आ जाती है
मेरे शब्द रुक जाते है मेरी नजर
उसकी नजरो से मिल नही पाती है
लेकिन वो तो
इतराती, इठलाती अपनी आंखे झुका
कर बस भागी चली जाती है
एक नजर भर देखती नही
बात नही करती वो मुझसे
बस मुझे और बेचैन कर वो जाती है
मैं घंटो इंतज़ार करता हूं उसका
उसके एक नजर भर देखने के लिए
अपने पहले प्रेम का इजहार करने के लिए
लेकिन वो नजर भर उठाके मेरी और
देखती हुई नजर नही आती है
बस अपनी सहेलियो के संग वो
बाते करती हुई चली जाती है
उसे जरा सा भी इल्म नही है की
मेरे सारे अरमान जो उससे
बात करने
के लिए उमड़ रहे थे
उनका गला घोट वो जाती है
बस मेरे पहले प्यार का पहला इजहार
जो अब तक ना कर पाया हूं
उन सारे अरमानो को ज्यो का त्यों छोड़ वो जाती है

तुम्हें अपने ख्यालों में

मैं तुम्हें अपने ख्यालों में भी पनाह नही दूंगा इतराओ मत अब तुम मुझे पता है तुम मेरी धड़कनों में धड़क रही हो बस अब तुम्हे मैं अपनी धड़कनों से भी निकाल दूंगा

जब तुम्हें खुश देखना चाहता हूँ,
तो मुझे तुम्हारे ख्यालों में छोड़ देना होगा।
फिर तुम मेरी ज़िन्दगी का हर पल सजाओगे,
मुझे नहीं पता कि तुम मेरे बिना क्या करोगे।

मेरी खुशियों का सबब तुम हो,
मेरी आँखों में तुम ही नज़र आते हो।
मुझे तुमसे बेहद मोहब्बत है,
लेकिन मुझे भी तुमसे अलग होना है।

आज तुम मेरे साथ हो, लेकिन कल कहाँ होगे,
मेरे ख्यालों में भी तुम अब नहीं रहोगे।
मेरी जिंदगी का सबसे अहम रिश्ता हो तुम,
पर मैं तुम्हें अपने ख्यालों में भी पनाह नहीं दूंगा।

हम आँखों में तस्वीरें समेटे रहते हैं,
जो अपनों से दूर रहते हुए भी,
हमें हमेशा पास लगती हैं।

ये तस्वीरें हमें अपनों की याद दिलाती हैं,
जो हमें अपनी ज़िन्दगी की सबसे अहम चीज़ याद दिलाती हैं।
आँखों में तस्वीरें समेटे रहने से हमें उनसे नहीं दूर होने का एहसास होता है,
और हमें उनसे जुड़े रहने की ताकत देता है।

ये तस्वीरें एक संग्रह हैं,
जो हमें उन खुश पलों का याद दिलाती हैं,
जो हम अपनों के साथ बिताए थे।
ये तस्वीरें हमें हमारे अपनों के साथ बिताए वो पल याद दिलाती हैं,
जो कभी फिर से नहीं आ सकते।

आँखों में तस्वीरें समेटे रहने से हमें उनसे जुड़े रहने की ताकत मिलती है,
जो हमें अपनों से जुड़े रहने की ज़रूरत होती है।
ये तस्वीरें हमें उन लम्हों की याद दिलाती हैं,
जो हमारी ज़िन्दगी के सबसे ख़ास होते हैं।

दिन का चैन

आँखे भीग जाती है मेरी

जब मैं तेरे बारे सोचता हूँ

दिन का चैन खो जाता है

और

रातो की नींद उड़ जाती है

सारे सपने भूल जाता हूं

ना सोता हूं ना जागता हु

पागलो की तरह बड़बड़ाता हुआ

लोगो को नजर आता हूं

जब मैं तेरे बारे में सोचता हूं

ना काम कर पाता हूं

ना खाली बैठ पाता हूं

तेरी याद में ना जाने कहाँ खो जाता हूं

तुझको भूल ही नही पाता हूं

फिर ये बात भी गलत लगती है

कि मैं तेरे बारे सोचता हूं

तू तो मेरे खयालो से नही जाती है

हर पल हर दम तू मेरी

सांसो की धड़कनों में धड़कती

हुई सुनी जाती है 

फिर कैसे कह रहा था मैं

की जब भी तू मेरी यादों में आती है

अब तो यह बात मेरी सांसो ने भी झुठलादी है

की जब तू मेरी यादों में आती है 

मैं लिख रहा हूँ

मैं लिख रहा हूँ तुम्हारे लिए ही लिख रहा हूं, फिर भी लगता है, कि कही दूर हो मुझसे तुम आज के मेरे शब्दों पर गौर नही तुम्हारा, मैं हो गया हूं, तुम्हारी इनायत का आज मोहताज हो गया हूँ , क्या तुम एक झलक मुझे दिखलाओगी ? क्या तुम कुछ करीब आओगी ?

करीब

तुम इतने करीब ना आओ के हम तुम्हे छोड़ ना पाए बस थोड़ी दूरी बनाओ ताकि जन्मों तक साथ निभा हम पाए

इतना करीब होना कुछ खतरा लगता है, एक डर जो भीतर घर कर जाता है , कुछ एहसास ओर कुछ बात याद दिलाता है ये दिल मेरा कुछ कुछ घबराता है।

तुम्हारे दूर होने का भी एहसास भी दिलाता है, यह मन बहुत घबराता जब तुमको करीब नहीं पाता है