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संबंध जो सुंदर हो

संबंध जो सुंदर हो, आदर देना संबंधो के प्राण उसका नीव का पत्थर….
सम्बंध हँसते खिलते हो जाते वो सुंदर ओर मधुर ।
बिना किसी लोभ कपट के डाला जाए आदर का ईंधन …
व्यक्ति की विशिष्टता झलकती, अनुभव हो जाता अपनापन ॥

आदर देना संबंधों के प्राण है,
उसका नीव का पत्थर।
संबंध हँसते, खिलते हो जाते,
वो सुंदर और मधुर।

संबंध जो सुंदर हो बिना किसी लोभ कपट के डाला जाए,
आदर का ईंधन।
जो स्नेह और सम्मान में व्यवहार करे,
वही सच्चा मित्र, समर्पित बंधन।

आदर से भरी हैं ये रिश्तों की पूजा,
हर दिन और हर पल।
जब तक संबंधों में होता है आदर,
वे रहते हैं सदा जीवंत और प्रफुल्लित हर तरफ।


कभी मत करना

कभी मत करना “don’t give up”….
बनना rocket , ध्यान लक्ष्य पे ऊपर up and up ।
लक्ष्य सही जो कुछ भी होगा सुखदायक….
तुम ख़ुद के भाग्य विधाता तुम इस जीवन film के नायक ।

बुरा न किसी का सोचना यह महा दुःखदायक….
अपना पथ सही चुनना इस चुनाव के तुम महानायक ।
जो बीता अच्छा या बुरा वो करे आपको प्रकाशित….
फिर सब अच्छा हे नये शुभ विचारो से हो विकसित पुलकित ।

चलो उड़ जाएं उच्च स्वर्ग की ओर,
इस कविता में बनाएं नए सपने और उम्मीदें।
जीवन के खेल में, निरंतर आगे बढ़ें,
खोया हुआ लक्ष्य ढूँढ़ें और प्राप्त करें।

जीवन की सफलता की ओर बढ़ते चलो,
हार न मानो, पिछड़े रहो नहीं।
इस संगीत में नए स्वर गाते चलो,
हो जाओ एक रॉकेट, ऊपर, ऊपर फिरते चलो।

जब जीवन की गाथा मुश्किल हो जाए,
जब दूरीयाँ और बाधाएँ आ जाएं।
याद रखो, लक्ष्य है वह सुखदायक द्वार,
जो प्राप्त करेगा आपको खुशियों का उपहार।

थक जाओ तो नहीं, हार मत मानो,
अपनी मंजिल की ओर बढ़ते चलो।
जीवन की रेलगाड़ी बढ़ती रहे,
नये अवसर आपके पास आते चलो।

जहां आपका लक्ष्य वहां सुंदरता है,
खुशियों का संगम है और आनंद है।
तो अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास करो,
और खुद को उच्चतम ऊंचाइयों तक ले जाओ।

इसलिए कभी मत करना “थक मत जाओ”,
आगे बढ़ो और जीवन को जीतो।
रॉकेट बनो, ऊपर की ओर उड़ो,
और जीवन को सुखदायक बनाओ।

कुछ यादे है

हाँ, कुछ यादे है जिन यादों के सहारे मैं बैठा हूँ, इन यादों को

हाँ, कुछ यादे है जिनके संग मैं बैठा हूँ,
इन यादों को मैं अपनी कविता में ढालता हूँ।

यादें वो हैं, जो बीते लम्हों को जीवंत करती हैं,
वो पल जब सपने सच होने की घोषणा करती हैं।

वो पहली मुस्कान, वो प्यार की झलक,
जब मन था मस्ती और दिल भरा उमंग से।
वो दोस्ती की मिठास, वो खुशियों का संगम,
जिन्हें याद करके हर दिन हो जाता है रंग।

यादें वो हैं, जो हृदय को छू जाती हैं,
वो गम को दूर भगाती हैं और खुशी बढ़ाती हैं।

वो रंगीन चिड़िया की उड़ान, वो बारिश की बूंद,
जो भर देती हैं जीवन को हर तरफ मस्ती से।
वो माँ के प्यार की गोद, वो पिता की मुस्कान,
जिन्हें याद करके आता है शांति का अनुभव।

यादें वो हैं, जो जीवन को महकाती हैं,
वो खोये हुए सपनों को फिर से जगाती हैं।

वो सूरज की किरण, वो चाँद की चमक,
जो दिल में उम्मीद की आग जगाती हैं।
वो गीतों की धुन, वो किताबों की कहानी,
जिन्हें याद करके जीवन बन जाता है मधुर।

हाँ, कुछ यादे है जिनके सहारे मैं बैठा हूँ,
इन यादों को मैं अपनी कविता में ढालता हूँ।

स्वयं से मुलाकात

स्वयं से मुलाकात के लिए भीतर धारण करना मौन…..
भीतर चलते कोलाहल को सुनना बनना गवाह “हे वो कौन “ !
जब स्वयं के लिए व्यय करेंगे समय तब आएगा भीतर का समाचार….
दिखेगा बाहर निरंतर बदलाव लेकिन भीतर
की अलग ही सरकार ।

मनुष्य पल पल में पता नहीं क्या क्या उठते संकल्प विकल्प….
भीतर का व्यक्ति अलग व्यक्तित्व, अभी सुधार हुए बहुत अल्प ।
भीतर ही स्वास्थ्य ,बुद्धि ,संस्कार ,स्वभाव ओर विकास की जड़ …
जड़ में भी सुधारो की आवश्यकता ताकि बने सत्य पर दृढ़ता से पकड़ ॥

उठ रहा है अनजानी सी ध्वनि,
खिलखिला रहा है सिरहानी सी रवनि।
मन में बसे एक अजनबी ख्वाब,
चुपचाप धारण कर रहा है मौन।

भीतर विभोर हो जाती है घटाएं,
कोलाहल मच जाता है आस पास।
नगरों में फैलता है उदासी का साया,
करता है खुद को अनजान गवाह।

“हे वो कौन” इस दिल की धड़कन है,
जो बोलता है सुनने वालों को।
गुमसुम सिरहानी में छुपी खुशियाँ,
बदलती हैं ज़िंदगी के मोड़ों को।

भीतर धारण कर, मौन बन जाओ,
खुद को पहचानो और बोलो अपनी आवाज़।
क्योंकि ज़िन्दगी के पथ पर चलते,
आप ही हो वो कौन, जो देते हैं उत्तर का साथ, कर लो स्वयं से मुलाकात

यह भी पढे: खुद से करे सवाल, स्वयं का अध्ययन, तुम्हारा खुद का समय, अकेले बैठ,

अंध विश्वास

अंध विश्वास न करे जीवन में जीवन नक़ली नक़ली लोगो से भरा……
हाथी के दाँत दिखाने के और खाने के और सोचिएगा जरा ।
कहने का मतलब हे चले जरा संभल के….
वो बुरा नहीं हे उसका स्वभाव ही ऐसा ।

स्वभाव पहचान के दूरी बना लेना सही ….
नहीं पटरी खाती रास्ता अलग ही सही ।
तुम अपने बारे में सोचो और करो काम….
पाँच फुट मिले शरीर का करो सही इंतज़ाम ।

अंध विश्वास न करे , विश्वास सोच समझ के करे …..
नहीं तो इस्तेमाल करके फेंक जाएँगे बिन भाव धरे ।

अंध विश्वास से दूर रहें, जीवन में सच्चाई ढूँढें,
नकली लोगों से भरे न हों, जीवन को सच्चाई से जीने की खोज करें।

हाथी के दांत दिखाने के और खाने के लिए नहीं हैं,
सोचिएगा जरा, जीवन की सच्चाई को समझने का वक्त आएगा।

कहने का मतलब है, चलें जरा संभलकर आगे,
उसका स्वभाव ही ऐसा है, वो बुरा नहीं है, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा।

जीवन में सत्यता की खोज में बनाएं अपना संकल्प,
नकली लोगों की बातों में न आएं, सच्चाई को जानने का अभिलाषा रखें।

यह भी पढे: आपके शब्द, जब इच्छा शक्ति हो, अच्छा समय आएगा, दृढ़ निश्चय, लक्ष्य,

स्वयं को समय दे

स्वयं को समय दे …
जीवन क्षण क्षण हो रहा हे व्यय ।
जो जो करना हे उसका करे चिंतन …
उसपर फिर करे कर्मों से मनन ॥

स्वयं पे भी दे ध्यान….
स्वयं आप धुरी ले संज्ञान
आप प्रसन्न जो जग प्रसन्न …
ये अर्जित कमाई आपका धन ॥

स्वयं से करे संवाद…
पहचाने मन के विवाद ।
जीवन को मिले सही अर्थ …
बने हम इतने समर्थ ॥

स्वयं की करे सुरक्षा …
आपके चाहने वालों की यही मंशा ।
आपके चाहने वाले चाहते रहे सुरक्षित….
ये विचार मेरे मित्रों को समर्पित ॥

स्वयं को भी दे समय,
जीवन क्षण-क्षण हो रहा है व्यय।
जो-जो करना है, उसका करे चिंतन,
मन की ऊर्जा को जगाएं जगमगाते किनारे।

आओ, निर्णय का सागर तैरें,
ख्वाबों की उड़ान को पकड़ें,
आपातित्व की धारा में हर क्षण निकालें,
अपने अस्तित्व को नयी राह दिखाएं।

चिंता के बादलों को रोके,
आनंद की बूंदें बहाएं,
खुशियों के गीत गाएं,
भाग्य की रोशनी के साथ चले जाएं।

समय की पालकी में बैठें,
चरणों में जीवन की गाथा लिखें,
प्रतिभा के पंखों से ऊंचाई छू जाएं,
अपने सपनों को साकार करें और मनोरंजन करें।

जीवन क्षण क्षण हो रहा है व्यय,
इसे महत्वपूर्ण बनाएं और समय का सम्मान करें।
स्वयं को भी दे समय,
और खुद को नयी ऊंचाइयों तक ले जाएं।

आपका हृदय

जाईये वहाँ जहाँ आपका हृदय जाना चाहता ……
वहाँ वो होता प्रसन्न और स्वस्थ खूब खिलखिलाता ।
हृदय का सिंहासन मस्तिष्क से नीचे….
असली संपदा तो छिपी हृदय में पीछे ।

हृदय में बसते प्राण सब अंगों शिराओ को रक्त का करता संचार…..
प्रसन्न इसको रखना ,ना स्वय का किसी का तुम दुखाना उचित आधार ।
सब ह्रदयों के दृष्टिकोण का हो विकास …..
फिर धरती पे उत्सव उल्लास ही उल्लास ।

कीजे इसका सतत प्रयास , समय दीजे इस प्रयास ।

जाईये वहाँ जहाँ आपका हृदय जाना चाहता…
वहाँ वो होता प्रसन्न और स्वस्थ खूब खिलखिलाता।
हृदय का सिंहासन मस्तिष्क से नीचे…
जहाँ प्रेम और स्नेह सदैव प्रबल रहे।

वहाँ जहाँ सौंदर्य सदैव विराजमान हो,
सुख-दुःख के साथ आपसी सम्बन्ध गहराएं।
हंसी और आनंद की झलकें आपके चेहरे पर हों,
ज्योति के समान प्रकाशित रहें आपके मन में।

जाईये वहाँ जहाँ आप खुलकर हंसें,
खुशियों के संग संगीत गाएं और नाचें।
जहाँ आपकी आत्मा स्वतंत्रता का आनंद धरे,
और जीवन के रंगों में रंग भरें।

हाथों की छांव में सुरभि खिलें फूल,
दिल की गहराइयों में बसे खुशियों के मौल।
जाईये वहाँ जहाँ आपकी प्रतिभा चमके,
और सपनों के पंखों पर आप उड़ें।

हृदय का सिंहासन मस्तिष्क से ऊपर रखें,
जीवन की उच्चताओं को प्राप्त करें।
जाईये वहाँ जहाँ आपकी आत्मा मधुर हो,
और सुख का संगीत हर दिन सदैव बजे।

वहाँ जहाँ आपका हृदय जाना चाहता,
सीमाओं से परे खुशियों का आदान प्रदान करे।
चलिए, आओ वहाँ जहाँ आपकी प्रेम और स्नेह है,
और जीवन की हर दिन आपके लिए नया आरंभ है।

असम्भव बात

असम्भव बात कभी दुःख न आए …
लेकिन सम्भव तू मुस्कुराते उसे झेल जाए ।
तेरे मुस्कुराने की चाभी तेरे पास…
प्रयोग कर इस चाभी का ही तेरा साहस ॥

असम्भव बात की कभी समय न बदले….
आज तेरा कल किसी ओर का यह पगले ।
लेकिन मन की डोर तो तेरे ही हाथ ….
मन सदाबहार रखे उसे अपने साथ ॥

असम्भव आसमान कहाँ से शुरु समाप्त ..
लेकिन जगे अवचेतन में सब कुछ हे व्याप्त ।
अवचेतन सदा रहता जगा नही वो सोता…
सुन समझ उसके मौन को , बन तू श्रोता ॥

असम्भव कि कभी न हो मृत्यु…
मिली गिनती के सांसो रूपी आयु ।
जब तक हे जीवित तो हे जीवन…
मृत्यु से काहे डरना मिला अनमोल जीवन ॥

असंभव बात कभी दुःख न आए,
लेकिन संभव तू मुस्कुराते उसे झेल जाए।
तेरे मुस्कुराने की चाबी तेरे पास,
प्रयोग कर इस चाबी का ही तेरा साहस।

जब जीवन की धूप छिड़कती है आँखों में,
और अँधेरा हर तरफ़ फैलाकर दर्द लेता है दम,
तब अपने होंठों पर एक मुस्कान बिठा ले,
और दुःख को तू दूर भगा ले।

जीवन की लड़ाई में जब हार दिखाई दे,
और तू तोड़ दे दरिया और पार जाए,
तब उम्मीद की किरण तू बन जा,
और संघर्ष को तू दूर कर दे।

तेरे हाथों में है खुदा की खुदाई,
चाहे जितना भी बड़ा हो बादल का साया,
तेरी मुस्कान है शक्ति की अंतरा,
जिसे तू जिये और दूसरों को भी दिखाए।

आगे बढ़, ना झुक, ना रुक,
जीवन की गाथा तू खुद लिख,
मुस्कुराने की चाबी का इस्तेमाल कर,
और खुद को ख़ुश रख, यही है तेरा साहस।

जीवन संगीत और मौन

जीवन संगीत और मौन ….
करो इससे प्रीत। ।
जीवन कर्म….
जाने इसका मर्म ॥
जीवन सुख दुःख…
ये विषय प्रमुख ।
जीवन दिन रात..
निकलती इसकी बारात ॥
जीवन सरिता….
कल कल कविता ।
जीवन वायु….
सही मिले तो बड़े आयु ॥
जीवन व्यंग…
रहे उसमें ख़ुशियों की उमंग ।
जीवन चक्र….
निहित बहुत से अनबुझे तर्क ॥
जीवन पहेली …
झोली न हो मेली ।
जीवन कविता….
बने इसके श्रोता ॥

जीवन संगीत, मन की मधुर ध्वनि,
धरती की सामर्थ्य, स्वरों का वर्णनी।
सुरमयी गाथाएं, संगीत के संगीत,
मन को सहलाती, निर्मलता की नीत।

रचनाओं में छिपी, भावों की महानता,
मधुर गीतों के जरिए, पहुंचाती मन्दिर की ऊचाई पर।
टूटे दिल को सुलझाती, गानों की बादशाही,
दुःख को दूर करती, अनंत कर्म की संगति।

जीवन कर्म, करते रहो निरंतर,
अच्छाई की खोज में, अपना योगदान दर-ब-दर।
कर्मों की बाँधन से, मुक्ति की ओर बढ़ो,
जीवन की मरम्मत, कर्म के रंग में रंगो।

हर कर्म एक संग्राम, हर क्षण अद्वितीय,
अपने कर्मभूमि पर, देखो स्वर्ग की महिमा।
सदैव चलते रहो, जीवन के रोम-रोम से,
कर्म की गतिशीलता में, पाओ निजता की विजय।

जीवन संगीत और मौन की जोड़ी,
एक दूसरे के साथ, निभाती है वादी।
इसके भीतर छुपी, एक अमूल्य आत्मा,
निरंतर तरक्की करती, सत्य की अनंत स्रोता।

यह भी पढे: मौन का अवलोकन, मौन सही में परिपूर्ण, समय गूंगा नहीं है, गीत संगीत हृदय,

साहस को जोड़ों

साहस को जोड़ों
आपकी शक्ति ।
साहस
हो वो परिचय ।
साहस
आपकी आवश्यकता ।
साहस
विकास की सीड़ी ।
साहस
हो आपका उद्घोष ।
साहस
एक जोड़ ।
साहस
संग नम्रता ।
साहस
संग कुशलता ।
साहस
आपकी भाषा ।
साहस
हो अभिलाषा ।
साहस
संग समानता ।
साहस
निरंतरता ।
साहस
संवेदना ।
साहस
मन मस्तिष्क शरीर ।
साहस
संतुलन ।
साहस
ही संघर्ष ।
साहस
आंदोलन ।
साहस
ऊर्जा ।
साहस
ही लक्ष्य ॥
साहस
संगठन ।
साहस
योजना ।
साहस
कल्पना ।
साहस
सृष्टि ।
साहस
दर्शन ।
साहस
ही सुदर्शन ॥
साहस
भगवान।

साहस को जोड़ों , आपकी शक्ति,
अस्तित्व के मंदिर में, गर्व से विकास की प्रतीति।
जब डर के आवाले, आपके सामर्थ्य से टकराएं,
तब साहस बन जाए, आपकी दृढ़ता की पहचान।

साहस, मुक्ति की कुंजी, परिचय बनाता,
जीवन की उच्चाईयों पर, आपकी उड़ान भराता।
आपकी आवश्यकता, साहस के रूप में व्यक्त होती,
दुःखों को दूर करती, जीवन की महानता प्रकट होती।

साहस, विकास की सीड़ी, भरता है जीवन में उमंग,
विपणन के बादलों को छिड़कता, खुशहाली का अंग।
जब विपरीत परिस्थितियों में, आप अपना उद्घोष करें,
तब साहस खड़ा होकर, विजय की ओर बढ़ता नजर आएँ।

वीरता की आग से जलता, साहस का प्रकाश,
आपकी खुदरा करता, दुःखों का परिहार आश।
इस आधार पर आप चढ़ें, ऊँचाईयों की सीमा पर,
साहस बनें आपका संगीत, वीरता के संग बहर।