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छोटी कविता

कुछ छोटी कविता जो राम ललवानी जी द्वारा लिखी गई है, राम ललवानी जी प्रेरणादायक कविता लिखते है ओर कई विषयों पर लिखते है, सुबह के विचार व अन्य काफी कुछ जिन्हे आप पढ़ सकते है।

  1. अच्छे लोग ढूँढना कार्य दुष्कर

साथ छोड़ना बेवक़ूफ़ी नही हितकर

भूलना उनको नामुमकिन जीकर।

अब अच्छे सच्चे लोग नही मिलते

ये वो फूल हे जो  बहुत कम खिलते

सम्भाल लेना उन्हें जब वो मिलते ।

वातावरण सही जहां होते अच्छे लोग ….

वो बने उन धागों से करते सदा सहयोग

पूरा वो खर्च करते स्वयं का मनोयोग ॥

छोटी कविता:

2)  बेला आज आज़ादी की 75 वी वर्षगाँठ….

ख़ुशियों से मनाए ,यह राष्ट्र की ठाठ बाठ ।

घर घर  हर व्यक्ति मनाए यह राष्ट्रीय पर्व

राष्ट्र मेरा गौरव सम्मान , तिरंगा मेरा गर्व ।

तिरंगा हमारी आन बान शान का प्रतीक…

लहराए उसे आई आज़ादी की शुभ तारीख़।

तिरंगा ही मेरा क़र्म ओर मेरा धर्म….

राष्ट्र गान ही मेरा सबसे बड़ा सत्कर्म ।

छोटी कविता:

3)  न रुकिए

छोटी छोटी

प्यारी

घटनायें

घटाते

रहे

दूसरो

के लिए….

ये छोटी

छोटी

प्यारी बांते

उनके दिल

में मिलेगी बड़ी

पनाह

क्यूँ न कुछ ऐसा

हम जिए ?

छोटी कविता:

4) स्वयं पे विश्वास

बात ये ख़ास ।

ये जीत

की कुंजी….

स्वयं पे

विश्वास

हे अर्जित

पूँजी ।

स्वयं पे

विश्वास

ओर सतत

प्रयास….

व्यक्तित्व में

चार चाँद ओर

जीवन में बढ़

जाता उल्लास ।

अपने भीतर

विश्वास

करे रोशन….

फिर जीत

सदा कदम

चूमे हर क्षण

हर क्षण ।

स्वयं पे

विश्वास….

एक अति

सुंदर अहसास ।

छोटी कविता:

5) शरीर ओर सम्बंध चलायमान

तो स्वस्थ व्यवस्थित रहेगा इंसान ।

सब धन से बड़ा स्वास्थ्य धन….

ये सही तो आप बहुत हे सम्पन्न ।

बहता पानी शुद्ध ओर निर्मल….

चलते रहे बात सही , ये सत्य अविरल ।

मानसिक शरीर का स्वस्थ जब होता सही ..

मानो लिखी हे  फिर सही जीवन की बही ।

स्वस्थ प्रथम

फिर अन्य सुख़म

जीवन का  दर्शनम

जीवन का मर्म

6) ईश्वरीय रचना….

पे घटे छेड़छाड़ की घटना ।

वो केन्द्र हे सुंदरता सजावट

जिससे चेहरे मोहरे में होवे मिलावट ।

काले कोयले को करे केन्द्र ग़ोरा…

गोरे रंग को पसंद करते छोरी छोरा ।

सुबह जब उठता पुता हुआ चेहरा…

देख के बन्दा हो जाए अंधा बेहरा ।

ये प्रकृति छेड़छाड़ केंद्र की करोड़ों की आय…

अक्सर पतियों की जेब से निकल के जाए ।

आख़िर में भला हो छेड़छाड़ केंद्र वालों का ….

रिश्ते बने मुँह बंद किया उठते सवालों का ।

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ना करे चिंता

कृपया ना करे चिंता कौन कौन आपसे बढ़िया परिणाम दे रहा…..
ध्यान दे स्वयं स्थापित कीर्तिमान पे, जाने क्या वो निरंतरता से सुधर रहा ?

चिंता ना करें, ध्यान दें स्वयं स्थापित कीर्तिमान पर,
उच्चता की चोटी पर, जहां आप स्वयं बने हुए हैं स्वामी।

आपकी विजय की कविता गाती है समय के संगीत,
इतिहास की पन्नों में छाया है आपका नाम विक्रमित।

वीरता के अभिनय में आपकी छाप छोड़ी है साक्षी,
कहीं भी जब भी विजय की लहर उठी, आप ही थे नेता।

आपकी प्रगति, आपकी कर्म यात्रा का अभिनय,
चरित्र और साहस की गाथा, जो अमर हुई आज तक।

कोई चुनौती आई, आपने उसे गले लगाया,
सफलता की विजयगाथा, जो आज तक चमक रही है।

आपकी पराक्रम से रौशन हुई देश की प्रतिष्ठा,
वीरता के प्रतीक, जो बने हुए हैं आपके चरित्र का आधार।

ध्यान दें स्वयं स्थापित कीर्तिमान पर, जो निरंतर बढ़े,
कविता गाती है आपकी महिमा, जो आज तक बची रहे।

अपार सम्मान जो दिया आपको लोगों ने,
आपकी प्रतिष्ठा की चर्चा होती है अभिनय के रंगों में।

आपकी कीर्ति बहुतायत से ऊँचाईयों पर पहुँची,
आप हीं हैं वो वीर, जिनका लहराए ध्वज देश का।

आपकी आपने आप से हो प्रतिस्पर्धा….
निरंतर सुधार स्वयं कार्य में सच्ची विधा ।

दूसरे पे ध्यान रहेंगे सदा परेशान….
अपने कार्य पे ध्यान रखे जजमान ।

आपका कार्य बने आपकी पहचान….
और मिले आपको उचित सम्मान ।

सदा ध्यान स्वयं पे….
सम्मान सब को दे ।

नमस्कार देखे समझे चिंता से कुछ नहीं होता जो होता है आप की क्रिया प्रतिक्रिया आप की प्रतिस्पर्धा सिर्फ़ आप से है न कि दूसरे से बस आपको कोशिश करनी है स्वयं का स्थापित कीर्तिमान सुधारना है ये संकल्प करे जिधर का होगा ध्यान वही की सूचना आपको अपने घर में आमंत्रित करेगी तो इसी तरह से सोचना उचित है दूसरे पे ध्यान उससे आप प्रेरणा ले सकते है लेकिन उसकी नक़ल तो पहचाने नहीं हम में अक्ल ।

बस स्वयं से एग्रीमेंट करे कि अपने कार्य की गुणवक्ता में सुधार करते रहे जीवन सरिता अविचलित अविरल बहती रहे मार्ग में आये व्यवधानों से निपट कर अपनी राह सुनिश्चित करे और दूसरौ के लिए प्रेरणा सोत्र बने ।
जीवन चलने का नाम चलते रहो यहाँ सुभ ओ शाम, बस कृपया कर ना करे चिंता और हो जाए सब काम।

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बच्चे जब करते शरारत

बच्चे जब करते शरारत
चेहरे पे आती मुस्कुराहट….
शरारत भी अच्छी होती हे ।

दोस्त भी करते शरारत….
नहीं होती उसमें कुछ बनावट ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

पति पत्नी भी करे शरारत….
बस आए ख़ुशियों की आहत ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

शरारत भी जीवन का मसाला….
जेसे कभी कभी जाते मधुशाला ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

शरारत एक गुण ….
होना चाहिए इसमें निपुण ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

मीठी शरारत का न छोड़े मोका …..
बस न दे किसी को धोखा ।
कुछ भी बोलो शरारत अच्छी होती हे ।

बच्चे जब करते शरारत

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समस्या

हर समस्या का समाधान होता …..
ध्यान की कमी से नही पाते पहचान ।
समस्या का समाधान हमारे भीतर ….
दूसरो के पास सिर्फ़ सुझाव की खबर ।

भीतर करे समस्या का चिंतन ….
जन्मेगा समाधान समस्या का निश्चित पतन ।
अपने ध्यान की रखे सही दिशा और दशा ….
उत्तर मिलेगा न छोड़े समाधान की आशा ।

मित्रता अद्भुत

मित्रता अद्भुत संबंध है,
जो हमेशा हमारे साथ है।
दुःख में हमें आश्रय देती,
खुशी में हमारे साथ हंसती है।

मित्रता कही दिमाग़ी कही दिली….
मित्रता दिली ही ख़ालिस असली ।
मित्रता के अधभुत रिश्ते ….
कुदरत की मर्ज़ी में लिपटे ।।

मित्रता सच्ची और निःस्वार्थ होती है,
जो मित्र हमें देता है वह अपना सब कुछ हमें देता है।
मुसीबत में वह हमेशा हमारे साथ खड़ा होता है,
और सफलता में हमारे साथ खुशी मनाता है।

अदभुत संबंध हे मित्रता…..
हृदय से हृदय की निकटता ।
मित्र प्राणो का वो रखवाला….
मित्र रोशनी मित्र उजाला ।

मित्रता जीवन का एक अद्भुत उपहार है,
जो हमें हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण संबंध देती है।
जीवन का हर पल अधिक खुशहाल बनाने के लिए,
मित्रता हमारे साथ हमेशा है और हमेशा रहेगी।

मित्रता एक संगीत है जो हमारे जीवन को सुरीला बनाता है,
जो हमें हमारे अंतरंग भावों को समझने की शक्ति देता है।
मित्रता एक आभास है जो हमें हमारी असली पहचान बताता है,
जो हमें हमारी ज़िन्दगी का मतलब बताता है।

मित्रता अद्भुत संबंध है,
जो हमेशा हमारे साथ है।
दुःख में हमें आश्रय देती,
खुशी में हमारे साथ हंसती है।

प्रेरणा एक संभावना

प्रेरणा हमारे जीवन में कितना महतव रखती है ओर यही प्रेरनाए कितनी ही संभावनाओ को को जन्म देती है, ये प्रेरणा एक जीवन संभावना है जिसके द्वारा हमारे जीवन का सुधार होता है।
प्रेरणा एक जीवंत संभावना
जीवन में सुधार की कामना ।
प्रेरणा के द्वार अच्छे बुरे दोनों के लिए खुले
दस्तक दे इसके द्वार अच्छाई के फूल खिले ।

ले प्रेरणा नकारात्मक से सकारात्मक की
या फिर ले वो संदेह से विश्वास की
प्रेरणा ले निराशा से आशा की
प्रेरणा ले अंधेरो से उजाले की
सही प्रेरणा जीवन की मास्टर की।

असंभव को संभव

असंभव को संभव करना ही बहुत अच्छा लगता है ओर यह बात बिल्कुल खरी है की जब प्रयत्न किया जाए तो हर असंभव चीज संभव परिणामों से के साथ या जाती है इसलिए लगातार प्रयतन करना चाहिए ,

जिंदगी इसी को कहते है हमेशा लगता हे असम्भव,
जब तक कार्य हो नही जाता सम्पन्न ….
असम्भव बदल जाता हो जाता सम्भव,
जब कार्य को लेते जेसे बीता बचपन ॥

क़ार्य को माने बच्चा ,
ओर उसके साथ खेले ।
खेल खेल में कार्य को
सही दिशा में धकेले ॥

हम जब तक किसी भी कार्य की शुरुआत नहीं करते हमे उसके बारे में पता ही नहीं लगता, और वो कार्य कठिन भी बहुत है लगता है, इसलिए किसी भी को कठिन ना समझे बस शुरुआत करके के देखे जब तक शुरुआत नहीं होगी कोई परिणाम नहीं निकलेगा ओर वह कार्य भी असम्भव ही लगेगा , यदि कार्य को करने से पहले ही हार मान लोगे, तो सफलता कैसे मिलेगी इसलिए कोई भी कार्य असम्भव नहीं है बस उसकी शुरुआत जरूरी है। तभी असंभव को संभव किया जा सकता है।

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जीवन सुख दुख मेला

जीवन सुख दुख मेला
न मालूम कब मृत्यु अपने पाश
में लेकर कहाँ उस हँसते रोते
जीवन को उसने धकेला ॥

मृत्यु एक अटल कड़वा सत्य…..
व्यक्ति के लिए हम क्या क्या
कर सकते , सबसे क़ीमती प्रार्थना कि
मृत्यु के बाद यात्रा का सही हो पथ्य ।

प्रार्थना मनुष्यों की संवेदना…..
प्रभु की हम सब अनुपम संरचना ।
इस धरती पर जो आते वो जाते हे …
लेकिन न मालूम कहाँ गुम हो जाते हे ।