जीवन सुख दुख मेला

जीवन सुख दुख मेला
न मालूम कब मृत्यु अपने पाश
में लेकर कहाँ उस हँसते रोते
जीवन को उसने धकेला ॥

मृत्यु एक अटल कड़वा सत्य…..
व्यक्ति के लिए हम क्या क्या
कर सकते , सबसे क़ीमती प्रार्थना कि
मृत्यु के बाद यात्रा का सही हो पथ्य ।

प्रार्थना मनुष्यों की संवेदना…..
प्रभु की हम सब अनुपम संरचना ।
इस धरती पर जो आते वो जाते हे …
लेकिन न मालूम कहाँ गुम हो जाते हे ।

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