काटें तो आने ही थे मेरे हिस्से में,
मैंने यार भी तो फूल जैसे चुने हैं।
जीवन की राहों में थीं कठिनाइयाँ,
पर दोस्ती के फूल मुझे मिले हैं।
चाहत के रंग बिखेरे हैं हमने,
प्यार और सदा का वादा किया है हमने।
जैसे फूलों की खुशबू होती है अदा,
वैसे ही दोस्ती की मिठास है यारों।
हमारे बीते हुए पलों के साथ,
बनते हैं यादें, प्यार के प्यारों।
जब भी थक जाती हूँ राहों की चालों में,
फूलों की माला घुमाती हूँ मैं।
दोस्तों के साथ हाथ थामे चलती हूँ,
खुशियों की बहार बिताती हूँ मैं।
काटें तो आने ही थे मेरे हिस्से में,
मैंने यार भी तो फूल जैसे चुने हैं।
दोस्ती की दास्तान ये रंगीनी जारी रहे,
हर लम्हे में यारी की धुन बजे हैं।
काटें तो आने ही थे मेरे हिस्से मे, मैंने यार भी तो फूल
जैसे चुने हैं…