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महात्मा गांधी


महात्मा गांधी के विचार और उनके जीवन से सीखने योग्य बातें


महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से “बापू” कहा जाता है, केवल भारत की स्वतंत्रता के नायक ही नहीं थे, बल्कि वे पूरी दुनिया के लिए सत्य, अहिंसा और मानवता के प्रतीक भी थे। उनके विचार न केवल समाज सुधार के लिए बल्कि हमारे व्यक्तिगत जीवन को भी संवारने के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। आइए जानते हैं गांधी जी के कुछ महत्वपूर्ण विचार और जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जिन्हें अपनाकर हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।


1. सत्य और ईमानदारी का मार्ग अपनाएं

गांधी जी का सबसे बड़ा सिद्धांत था “सत्य”। वे मानते थे कि सत्य की राह कठिन हो सकती है, लेकिन अंततः जीत सत्य की ही होती है। हमारे दैनिक जीवन में भी हमें सच्चाई का दामन नहीं छोड़ना चाहिए, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो।

🡆 अपनाने योग्य बात: हमेशा सच बोलें और अपने कार्यों में ईमानदारी बनाए रखें।


2. अहिंसा को जीवन का आधार बनाएं

गांधी जी ने दुनिया को सिखाया कि बिना किसी हिंसा के भी क्रांति लाई जा सकती है। वे हर परिस्थिति में अहिंसा के मार्ग पर चले और इसे अपने जीवन का मूल मंत्र बनाया।

🡆 अपनाने योग्य बात: क्रोध, द्वेष और हिंसा से बचें। समस्या का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से निकालने की कोशिश करें।


3. सरल जीवन, उच्च विचार

गांधी जी का जीवन अत्यंत सादा था। वे विलासिता से दूर रहकर जरूरत भर की चीजों में संतोष रखते थे। उनका मानना था कि हमें अपने विचारों को ऊँचा रखना चाहिए, न कि अपने रहन-सहन को।

🡆 अपनाने योग्य बात: फिजूलखर्ची से बचें, जीवन में अनावश्यक दिखावे के बजाय ज्ञान और नैतिकता को प्राथमिकता दें।


4. स्वच्छता अपनाएं

गांधी जी स्वच्छता को केवल बाहरी सफाई तक सीमित नहीं रखते थे, बल्कि वे मानसिक और आत्मिक स्वच्छता को भी महत्वपूर्ण मानते थे। उनका मानना था कि स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।

🡆 अपनाने योग्य बात: अपने घर, मोहल्ले और आसपास सफाई रखें। न केवल शरीर बल्कि मन और विचारों को भी स्वच्छ बनाए रखें।


5. क्षमा और सहनशीलता का अभ्यास करें

गांधी जी मानते थे कि किसी को माफ करना कमजोरी नहीं, बल्कि सबसे बड़ी ताकत होती है। उन्होंने अपने जीवन में कई बार अपने विरोधियों को क्षमा किया और उनके प्रति सहनशीलता दिखाई।

🡆 अपनाने योग्य बात: दूसरों की गलतियों को माफ करना सीखें और नकारात्मक भावनाओं को खुद पर हावी न होने दें।


6. स्वदेशी अपनाएं और आत्मनिर्भर बनें

गांधी जी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की थी। वे मानते थे कि हमें दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय खुद अपने संसाधनों पर भरोसा करना चाहिए।

🡆 अपनाने योग्य बात: भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दें, अपनी योग्यता को बढ़ाएं और आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करें।


7. धर्म और जात-पात से ऊपर उठें

गांधी जी हमेशा सभी धर्मों का सम्मान करते थे। वे मानते थे कि सच्चा धर्म मानवता है और किसी भी इंसान को उसके धर्म या जाति के आधार पर नहीं बांटना चाहिए।

🡆 अपनाने योग्य बात: सभी धर्मों का सम्मान करें, सभी इंसानों को बराबर समझें और किसी के प्रति भेदभाव न करें।


निष्कर्ष

महात्मा गांधी के विचार केवल किताबों तक सीमित नहीं रहने चाहिए, बल्कि हमें उन्हें अपने जीवन में अपनाने की कोशिश करनी चाहिए। यदि हम सत्य, अहिंसा, ईमानदारी, सहनशीलता और स्वच्छता जैसे मूल्यों को अपने जीवन का हिस्सा बना लें, तो न केवल हमारा जीवन बेहतर बनेगा, बल्कि समाज भी एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेगा।

🚀 आइए, गांधी जी के विचारों को आत्मसात करें और एक बेहतर इंसान बनें!


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कुछ बाते करे

आओ जिंदगी से मिल कुछ पल हम बाते करे
      और 
पूछे दिल का हाल कैसा है ऐ जिंदगी तेरा,
कुछ सुनादे तू भी अपने बारे में आज हमको भी,
हम भी सुनादे कुछ हाल दिल का अपना तुझे ए जिंदगी 
हम बेखबर है, बैठे यहाँ बिना तेरे हम भटकते है 
ना जाने कहा- कहाँ
आओ कुछ पल बिताये हम जिंदगी के साथ
यहाँ ना जाओ कही बैठ जाओ बस यही
क्यों जिंदगी आज बात करना चाहती है तुमसे यहाँ

कुछ हाल तुम बताओ 
कुछ हाल हम बताये 
चले साथ हम और 
सफर बीत जाए और 
जो बीत गए है पल उसे 
आज फिर हम दोहराए 

थोड़ी खट्टी और 
थोड़ी मीठी कुछ बाते करे,  
गीले शिकवे जो रह गए 
उन्हें हम आज मिटाए 
कुछ हाल तुम बताओ 
कुछ हाल हम बिताए 


Rohit shabd

मन की अवस्था

प्रेम मन की अवस्था न दे कभी किसी को मुरझाने।
नफ़रत की शक्ति व्यय होती लगती सबको वो डुबाने ॥
प्रेम में बहे प्रेम ही आगे रखके सब होवे विचार ।
नहीं नफ़रत की बचे जगह प्रेम ही होवे आधार ॥

प्रेम में बहे प्रेम ही आगे रखके सब होवे विचार।
बांधे रहे दिलों को एक-दूजे के साथी,
भावनाओं का रंग लेकर बढ़ जाएं सब के सफ़र।

विद्रोह की आग न जलाएं, प्रेम को जीवन में हराएं,
हर एक दिल को छुओते रहें प्यार के संगीत।
सबको गले लगाएं, दूर भटके विचारों को लाएं,
सृष्टि को प्रेम की ओर ले जाएं इस दौर में विचार।

प्रेम की उगलने वाली धारा, नफ़रत को लेकर सहारा,
हर एक दिल को जोड़े एक दूजे के साथ।
सृजनशीलता की लहरों में बह जाएं सबकी दुख-सुख की बात,
हो जाएं प्रेम की बारिश, और नफ़रत की जड़ जले ज़रा।

प्रेम में बहे प्रेम ही आगे रखके सब होवे विचार ।

यह कविता प्रेम की महत्वपूर्णता को व्यक्त करती है। प्रेम मन की एक अवस्था है जो हमें खुशी, समृद्धि और संतोष की ओर ले जाती है। जब हम प्रेम के भाव में रहते हैं, तो हम अपने आस-पास के लोगों के प्रति सम्मान, स्नेह और सहानुभूति व्यक्त करने की क्षमता बढ़ाते हैं।

नफरत की शक्ति एक विनाशकारी ताकत होती है जो हमारे अंदर की उज्ज्वलता को कम करती है। जब हम नफ़रत को अपने मन में बांधे रखते हैं, तो हम खुद को और दूसरों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए, हमें नफ़रत की बजाय प्रेम का चयन करना चाहिए।

प्रेम में बहे प्रेम ही आगे रखके सब होवे विचार। यह लाइन मनुष्यों को यह समझाती है कि प्रेम की शक्ति से हम सबका भला कर सकते हैं। जब हम प्रेम के भाव में रहते हैं, तो हम स्नेह, समझदारी और सहयोग के गुणों को विकसित करते हैं, जो हमें एकदृष्टि और सद्भावना के साथ दूसरों के प्रति अनुकरणीय बनाते हैं।

इस कविता के माध्यम से हमें यह याद दिलाया जाता है कि प्रेम हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है और हमें सभी मनुष्यों के प्रति स्नेहपूर्वक बर्ताव करना चाहिए। प्रेम की शक्ति हमारे जीवन को सुंदर, समृद्ध और समान्य बनाती है। इसलिए सभी से प्रेम करते रहे, और प्रेम का संदेश फाइलाते रहे।

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पहली बार

वो जो तुमसे पहली बार मिला था मैं, आज भी उस बात का एहसास है मुझे बस तुमसे मिलने की चाहत आज भी बहुत है, इकरार ऐ जिंदगी का एहसास आज भी बहुत है, कुछ दूरिया कुछ फासले कम हुए है शायद फिर भी लगता है ये दूरिया, ये फासले है बहुत।

इन दूरियों को मिटाने की कोशिश में खुद को मिटा दु तो गम नहीं, बस तेरी चाहत, तेरी मोहब्बत कम हुई तो ये गम बहुत…..

मेरा धैर्य से संवाद

मेरा धैर्य से संवाद , धेर्ये में तेरे में पलता
तेरे में मेरा बचपन जवानी में जीता ।
तू जेसा मुझे वैचारिक भोजन स्वस्थ
भोजन देगा उसी प्रकार मेरा शरीर
बनेगा ।

मै तुझे बदरी विशाल की तरह चाहता देखना ।
धेर्य सपना तो तेरा बहुत बड़ा लेकिन पहचान तू क्या जीवन जी रहा । पल भर में मुझे छोड़
ग़ुस्से के घोड़े की सवारी करने लगता हे ।
मुझे तो साहस दे मुझे पाल अच्छा वेचारिक भोजन दे निरंतर तो में तेरा सपना पूरा कर सकता हूँ ।

में तुझ से प्रतिज्ञा करता हूँ धैर्य मेने तेरे विचारो को सुना में तुझे अपनी तकलीफ़ों में आगे झोकूँगा तुझे में बहुत मज़बूत बनाऊँगा ओर
जीवन को महान उज्ज्वल बनाऊँगा मै समझ रहा हूँ तेरी कितनी आवश्यकता हे जो भी बड़ा दिख रखा लोगों के जीवन में वो तेरे ही बल पर प्राप्त हुआ हे ।

मेरा धैर्य से संवाद यही है अब तू लग जा काम पे वेसे ही समय जो अब आगे बचा हे उसे पहचान ओर अपने बुद्धि कोशल से आगे बढ़।

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उत्तम व्यवहार

उत्तम व्यवहार रहता हमेशा खुशियों पर सवार हर रिश्ते मजबूत करता एक बड़ी पहचान बनता , अच्छे व्यवहार से जीवन में सरलता आती है जीने का एक तरीका बताती है, खुल जाते खुशियों के द्वार है होने से अच्छे व्यवहार यही है आज का विचार रहे सदा उत्तम व्यवहार

उत्तम व्यवहार,
ख़ुशियों पे सवार …..
अच्छे रिश्ते के,
खुलते उससे द्वार ।

व्यवहार कुशलता,
जीवन में सरलता…..
जीवन ताले की चाभी,
सरलता ख़ुशियों की नाभि ॥

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छात्रों के लिए

छात्रों को रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है और उनके विद्यार्थी जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है। छात्रों के लिए ये कुछ बाते है जिन्हे ध्यान में रखना चाहिए:

1. शारीरिक स्वास्थ्य: जल्दी सोने से शारीर को पर्याप्त आराम मिलता है और शरीर के उत्तेजना स्तर को बढ़ाकर उचित स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है।

2. ध्यान केंद्रित करना: जल्दी सोने से छात्रों का मन अगले दिन के लिए ताजगी से भर जाता है, जिससे वे अध्ययन और संबोधन में अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।

3. अच्छे अभियांत्रिकी क्षमता: जल्दी उठकर सुबह के समय विद्यार्थी अधिकतर शांति और चुपचाप होते हैं, जिससे उनकी अभियांत्रिकी क्षमता बढ़ती है और पढ़ाई में अधिक फोकस और प्रभावी होते हैं।

4. नियमित दिनचर्या: समय पर सोने और उठने से छात्रों के दिनचर्या में नियमितता आती है, जिससे उन्हें समय का बेहतर व्यवस्था करने में मदद मिलती है।

5. स्वास्थ्य लाभ: जल्दी सोने से छात्रों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है जिससे उन्हें बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है।

इसलिए, एक विद्यार्थी को रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठने का प्रयास करना चाहिए ताकि उनके शिक्षा और विकास के लिए समय का बेहतर उपयोग हो सके।

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प्रकृति का सौन्दर्य

अनुपम सौन्दर्य प्रकृति का इसकी खूबसूरती जिसका नहीं कोई तोड़ है जीवन को मनमोहक करे ये प्रकृति चितचोर है। प्रकृति का सौन्दर्य

प्रकृति का अनुपम सौंदर्य….
क्या खूबसूरत झरने…
सूर्य की निराली छटा….
चंद्रमा एक प्यारा गोला …
निराले पेड़ निराले फूल…
निराले प्यारे पक्षी जानवर….
निराले दिन निराली रात…..
निराली हवायें निराली फ़िज़ाएं ….
निराली नादिया निराला समुंदर….
निराला मौसम सर्दी गर्मी बरसात ….
प्रकृति तू बहुत खूबसूरत ओर बहुत
खूबसूरत तेरे सारे व्यापार….

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अकारण प्रश्नता

अकारण प्रश्नता हो जाए व्यवहार….
यही सच्चा जीवन का शृंगार ।
बॉट दे उसे कर दे यह व्यापार…..
करो सब को जो जैसा हे स्वीकार ।

माँग और पूर्ति का खेला चल रहा….
खेल रहे हे सब सब होके बेपरवाह। ।
समय आधार सब हो गाएगा मिट्टी……
अकारण प्रसन्नता हे तेरी मुट्ठी ।

आसरा

जो हो रहा है वो बेहतर है बस यही एक विचार तेरा ही आसरा यह की जो हो रहा है वो सबसे बेहतर सबसे सर्वोत्तम

यह क जो हो रहा है वो सबसे बेहतरीन सबसे सर्वश्रेष्ठ………..
बस आसरा एक कि चरित्र में प्राण डाल सकूँ
तो कार्य हो जाए दी बेस्ट ।

मर्जी अपनी तो अक्सर सभी चलाना चाहते……
चाहूँ जो सही हे वही हो चाहे मेरे हो विरुद्ध कार्य जो मुझे नहीं भाते।

यह जो हो रहा है,
वो सबसे बेहतरीन, सबसे सर्वश्रेष्ठ,
हर गिरती शाम के पीछे छुपा हो,
कोई नया सवेरा स्वर्णरेष्ठ।

आसरा यह कि जो राहें मुड़ीं,
वो मोड़ किसी मंज़िल तक जाएँ,
हर दर्द की लकीरें मिट जाएँ,
हर अधूरा ख़्वाब खिलखिलाएँ।

बस आसरा एक कि शब्दों में,
कोई धड़कन उकेर सकूँ,
संवेदनाओं को साँस दे सकूँ,
चरित्र में प्राण डाल सकूँ।

हर कहानी में कुछ धड़कनें हों,
हर किरदार में कोई आत्मा,
सिर्फ़ अक्षर न हों पन्नों पर,
बल्कि गूँजे जीवन की गाथा।

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