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बड़ों का आशीर्वाद

बड़ों का आशीर्वाद
उनकी दी हुई शुभकामनाएँ,
वो कोई रंग लिए नही होती……..
समझने की बात,
आशीर्वाद के फूल खिलते,
शुभकामनाये उन्नति लाती,
दसो दिशाओं में सतरंगी छटा छा जाती ॥

बड़ों का आशीर्वाद, है सर्वोच्च वरदान,
जीवन को सुन्दरता और खुशियों का अद्भुत विस्तार।
उनकी दी हुई शुभकामनाएँ, अनमोल हैं सदैव,
मार्गदर्शन करती हैं, जीवन की आगे की यात्रा।

वो कोई रंग लिए नहीं होती, यह विशेष विशेषण है,
बल्कि प्रेम और समझ का गहना, जो सदैव है साथ।
उनके वचन अमृत समान हैं, जीवन को आनंदित करते,
बड़ों की माधुर्य पूरे जीवन को गुलज़ार बनाते।

समझने की बात, ज्ञान की अपार देन है,
बड़े जनों का आशीर्वाद सर्वोपरि शिक्षा है।
जीवन में अभिशाप को बदलते, आशीर्वाद की बौछार,
खुशहाली और सफलता के रास्ते हैं ज्योतिषार।

आशीर्वाद के फूल खिलते, प्रेम और आदर की बरसात,
जीवन का आधार, उनकी ममता के साथ।
बड़े जनों का आशीर्वाद अनमोल वरदान है,
जीवन को समृद्धि और सुख से भर देता निधान।

वक्त का तराजू

कुछ प्रेमी हो गए वो वक्त का तराजू से बाहर…..
न बता पाएगी वक्त मशीन अब उनका कितना होता उनका भार ।
अब उनको यादों के तराज़ू में उनका भार तोलता हूँ……
जहाँ भी रहे खुश रहे ,पलड़ा सुख का भारी रहे प्रभु से यही माँगता हूँ ॥

कुछ प्रेमी हो गए वो वक्त का तराजू से बाहर,
न बता पाएगी वक्त मशीन अब उनका कितना होता उनका भार।
अब उनको यादों के तराज़ू में,
जब तकरीरें और हंसी की चिराग जलते हैं।

वक्त की पटरी पर उनकी मुस्कान चमकती है,
जैसे वो अभी भी यहाँ हों, नए दिन मनाते हैं।
पर सच्चाई ये है, कि वक्त की लम्बाई नहीं होती,
जब ये अनमोल पल भी धीरे-धीरे बितते हैं।

यादों के तराज़ू में उनकी मुहब्बत का भार होता है,
हर बार जब यादें उनका ध्यान दिलाती हैं।
चाहे वो दिल तोड़े या अपने साथ ले जाएं,
पर यादें हमेशा उनके होंगी, जब भी याद आती हैं।

वक्त की मशीन ज्ञात नहीं कर सकती,
कि कितना भारी होता है प्रेम का उनका भार।
पर ये यकीनन है, कि जब वो हमारे साथ होते हैं,
दुनिया की सारी खुशियाँ अपने साथ लाते हैं।

यादों के तराज़ू में हमेशा सच्चाई होती है,
प्रेम का महत्व और उसका भार समझाती है।
जब भी मन हो उनको याद करने का,
यादों के तराज़ू में प्रेम बहुमूल्य बन जाती है।

उनकी ना थी खता

उनकी ना थी खता, हम ही कुछ गलत,
समझ बैठे यारो, आँखों की चलती हुई हवा,
जब परछाईयाँ भी अलग हो गई थीं,
हमने उनको खो दिया था अपनी निगाहों से।

दिल में जो दरारें हो गई थीं,
वो कोई बात नहीं थी तुम्हें बताने की,
गलती हमारी थी, हमने नजर उठाने की,
जब चाहा था तुम्हें समझाने की।

आज भी उनकी याद आती है रातों में,
वो दिन जब हमने बातें की थीं कई,
पर एक गलती ने सब बिगाड़ दिया,
और उन्हें खो दिया हमने बहुत जल्दी।

क्या करें अब हम, बातें रह गईं अधूरी,
दिल में छेड़ी हुई यादें दर्द सह रही हैं,
बस यही सोचकर रह जाते हैं हम,
कि उनकी ना थी खता, हम ही कुछ गलत।

उनकी ना थी खता
उनकी न थी खता

उनकी न थी खता, हम ही कुछ गलत
समझ बैठे यारो….
वो मुहब्बत से बात करते थे, तो हम मुहब्बत
समझ बैठे ….

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हम आसमान छूते है

अगर हमारे रोकने से वो रूक जाते
तो हम उनके सामने झुक जाते, हम आसमान छूते है

हम आसमान छूते है
Sanjay gupta shayri

जब हमारी रफ्तार से उन्मुक्त हो जाते,
और दूर तक वो हमें रोकने की कोशिश करते,
तो उन्हें जवाब में हम ये शायरी लिखते:

ज़िंदगी की राहों में चाहते हो रोकना हमें,
हम तो उड़ान भरने का जुनून रखते हैं।
ये वक्त नहीं रुकने का, ये रवाना हैं हम,
कोई ताकत नहीं जो हमें थाम सकते हैं।

जब बादलों की तरह हम आसमान छूते है,
और चाहते हो तुम हमें यहाँ ठहराने के लिए,
तो ये ख़्वाबों की दुनिया है, ये अद्भुत हैं जगह,
कोई बंधन नहीं जो तुम हमें थाम सकते हैं।

हम नदियों के सागर से उछलते हैं,
और चाहते हो तुम हमें बंधन में बांधने के लिए,
तो जाओ तुम और खो जाओ अपनी कहानी में,
हम तो खुद ज़िन्दगी के साथ निभाते हैं।

ये रास्ते नहीं रुकने का, ये आगाज़ हैं हमारा,
जिन्दगी की लहरों में हम बहते चलते हैं।
तुम चाहे जैसे भी हमें रोको, हम नहीं थमेंगे,
शायरी के सहारे अब हम बदलते चलते हैं।

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बहाना ओर जवाब

बहाना ओर जवाब -2 , बहाना :- मुझे बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी…..

जवाब :- लता मंगेशकर को भी बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी थी….

बहाना ओर जवाब
बहाना और जवाब

चेहरे की खुशी

किसी के चेहरे की खुशी को अपनी खुशी समझना
शायद इसी का नाम मोहब्बत है….

जब उसकी हंसी से दिल मुस्कराता है,
जीवन के गमों को भूल जाता है।

उसकी नज़रों में खिलती है ज़िंदगी की रौशनी,
हर लम्हे में बहार और हर ग़म को भुलाती है।

जब वो प्यार से मुस्कराती है,
दिल में ख़ुशी का आगाज़ हो जाता है।

उसकी मुस्कान का इतना असर है,
जैसे ख्वाबों को रंगीं आशियाँ बनाती है।

मोहब्बत का नाम है ये ज़िंदगी की ख़ूबसूरती,
जो खुद को भूलकर दूसरों को ख़ुशी देती है।

इस मोहब्बत की रौशनी में जीना है ज़रूरी,
चेहरे की खुशी को अपनी खुशी समझना है मज़बूरी।

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मूड को फ्रेश बनाना

मूड को फ्रेश बनाना है जिंदगी , जिंदगी कभी रुलाती है तो कभी हँसाती है, हर गम को भुलाती है जिंदगी, तुम्हारी मंद मुस्कान को मुस्कुराहट का नाम भी है जिंदगी, कभी मूड को खराब कर देती है तो मूड फ्रेश कर देना ही है जिंदगी,

मूड को फ्रेश बनाना है जिंदगी

मूड को फ्रेश बनाना भी है ज़िंदगी

लगातार जिंदगी को बेहतर बनाना ही हमारा काम है, जिंदगी बहुत बड़ी है ओर हम बहुत छोटे है। इस जिंदगी को बहुत बड़ा ही समझ कर जिन चाहिए तभी हमारे सारे सवालों ओर परेशानियों का समाधान मिलता है, यदि आप मुस्कुरा नहीं पा रहे है, तो जिंदगी की मुस्कुराहट को देखो जरा वह कितना मुस्कुरा रही है, क्या जिंदगी दुखी है? क्या जिंदगी परेशान है? तकलीफ ओर दुख तो तुम्हारी जिंदगी को है इस नन्ही सी जान को इतना परेशान कर रहे है हम।

इसलिए खुद को जिंदगी समझकर जिओ खुद को मानो जिंदगी हूँ मैं ओर जिओ इस जीवन को अपनी आदत में कुछ ऐसे शब्दों को जोड़ लेना बेहद जरूरी है।

अधूरा ही रहने दे

मुकम्मल ना सही तो अधूरा ही रहने दे
ऐ सितमगर, ये इश्क है कोई मकसद तो नहीं।

दिल की गहराईयों में छुपी उम्मीदें हैं,
जो जगा रहीं हैं, मगर अभी तक नहीं मिली।

आग जब भी जलती है, दिल में एक ख्वाहिश है,
जो बुझा रहीं हैं, मगर अभी तक नहीं मिली।

खुशियों की दौलत में कुछ कमी सी है,
जो पूरी नहीं हुई, वो ख्वाब तो नहीं मिली।

शायद ये इश्क ने छीन ली है सारी रातें,
पर वो सुबह अभी तक नहीं मिली।

ज़िंदगी की राह में इश्क का सफर जारी है,
कुछ ऐसी ही अधूरी कहानी रहने दे।

ऐ सितमगर, तू ही तो है जो रुका है मेरे दिल को,
मुकम्मल ना सही, पर अधूरा ही रहने दे

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छोड़ दो ख्याल

के अब उन खयालो को पनाह मत दो
हमे तुमसे दूर हो जाने मत दो
के अब ये रुठ जाने का
ख्याल छोड़ दो

शायद
अब ये मुमकिन ना होगा तुम्हारा
मेरी बाहों से दूर जाना
इसलिए
दूरियां मिट जाने दो
पास अब

हमे आने दो
ना तड़पाओ, रुलाओ ,
सताओ अब
बस मुक्कमल हो जाने दो

ख्वाब जिस्म और जान को
एक हो जाने का
छोड़ दो ख्याल
दूर हो जाने का अब हमे पास आने दो.

इस मोहब्बत को बेइंतहा हो जाने दो , दो जिस्म एक जान हो जाने दो

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काहे को खाली खाली

काहे को खाली खाली , खाली , खाली
खाली क्या है ???
समय
खाली कौन है ??

इंसान
खाली किस से है
पैसों से या समय से
यह खाली भी अजीब शब्द है

आजकल खाली वैसे कोई है क्या ?????
एक तरफ लगता है
सब खाली है
एक तरफ लगता है

दूसरी तरफ देखो तो कोई भी ना खाली
खाली कोई नही है,
कभी खाली तो कभी भरा सा लगता है इंसान
कहते है खाली दिमाग होता है।

शैतान का घर
खाली बड़ा या छोटा
मुट्ठी खाली , जेब खाली ,

रहता नही कोई तो मकान खाली ,

खाया नही कुछ तो पेट भी खाली
खाली डब्बा ,खाली बोटल
अगर तुम भी हो खाली तो

हर कोई आकर बके दो गाली
अरे बुड़बक काहे तू है खाली
यह जब होते है खाली
गेम खेले, जुआ खेले ,
ना जाने क्या क्या है ये खेले
बस दिखते है हरदम खाली, काहे को खाली खाली