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समय के अनुसार

समय के अनुसार इस शरीर को मृत्यु आती है कोई भी साधन इस मृत्यु को रोक नहीं पाता है, सब कुछ यही रह जाता है, कौन था राजा कौन रंक ये कौन जाने मृत्यु तो बस अपने रास्ते आती है, इस शरीर को मृत्यु ले जाती है
प्रकृति यह नियम अपनाती।
ये सब प्रकृति का केमिकल
लोचा….
शरीर सब तत्वों में मिल जाता जो नही था सोचा ॥

समय के अनुसार मृत्यु नही लगनी चाहिए वो बुरी……
इसमें एक ख़ुशी समय अनुसार चली जीवन की धुरी ॥

मृत्यु सच्चाई नही वो बुरी वो कड़वा सत्य लेकिन सत्य नही वो बुरी ॥

समय अनुसार प्रकृति अपना चक्र पूरा करती हे यह प्रकृति का चक्रव्यूह हे उसमें वो मतभेद नही करती राजा हो रंक हो अमीर हो गरीब हो ताकतवर हो कमजोर हो सब के साथ समान व्यवहार इसकी पहचान ।
प्रणाम प्रकृति को उसके सत्य को उसकी कार्यशेली को नमन वंदन बस सत्य कि माँ प्रकृति इस सत्य के दर्शन भीतर से हो पाए उसमें सहायक बनना आपका अति आभार ।

जीवन का गणित

जीवन का गणित एसा है जो किसी को समझ ना आए इस गणित सब उलझे हुए नजर आए , इस गणित को जो समझे वो इस भवर से बाहर निकल जाए।

जीवन का गणित
जीवन में आशीर्वादों को जमा कीजिए
दुःख तकलीफ़ों को घटा दीजिए
भलाई को गुणा कीजिए
इच्छाओं को भाग दीजिए
जीवन के विकास में जहां जहां
जो ज़रूरी हे कही घटा कही जोड़
कही भाग तो कही गुणा निरंतर कीजिये

दुःख तकलीफ़ों को घटा दीजिए, दर्द को मिटा दीजिए,
खुशियों को बांटिए, सबको हंसा दीजिए।

भलाई को गुणा कीजिए, अच्छाई को फैलाइए,
सद्गुरु की ओर से मंगलकामनाएं लेंगे आपको बहुत सारी।

दूसरों की मदद कीजिए, सदैव नेकी में लग जाइए,
प्रेम और समझ से बनाइए, जीवन को अपारी।

सफलता की राह पर चलिए, मेहनत और समर्पण से,
आपकी कठिनाइयाँ घटाएंगे, सफलता की उच्चाईयाँ पाएंगे।

खुश रहिए, मुस्कराइए, दूसरों को खुश रखिए,
यह जीवन का गणित है, जिसे हमेशा आप सुलझाइए।

यह थी प्रेम, शांति और समृद्धि की कविता,
जीवन के साथी बनकर, खुशहाली की पथ पर चलिए सदा।

यह भी पढे: रूठना नहीं है, क्या है जिंदगी, जिंदगी क्या है,

प्रभु का आशीर्वाद

प्रभु का आशीर्वाद निरंतर हर दिन
करे प्रभु से प्रति दिन निरंतर संवाद ।
जो चाहते वो करे प्रभु जी से प्रार्थना …..
मिलेगा प्रभु जी बनाएँगे देने का भी बहाना ॥

प्रभु देकर देखते क्या बदला इसका स्वभाव ..
प्रभु चाहते दूर हो दुखी जीवनो से अभाव ।
अपनी ख़ुशियाँ दूसरे से उन्हें बाँटे….
प्रभु जी चाहते , कमियों को सुख से पाटे ॥

सच्चा मित्र

एक अस्त्र ही बहुत है वह अस्त्र आपका मित्र है , जिस मित्र के सदा विजय नहीं चाहिए सहस्त्र मित्र बस एक ही हो वो सच्चा मित्र मित्र आपका अस्त्र…
एक ही बहुत
नही चाहिए वो सहस्त्र ।
मित्र सच्चा सहयोगी….
सुगंध उसकी सर्वत्र उपयोगी ।

मित्रता की सदा विजय हो ,
मित्रता ही नारा ।

एक अस्त्र ही बहुत है, वह अस्त्र मेरा मित्र है,
जो सदा विजय नहीं चाहता, सहस्त्र मित्र बस एक ही है।

वो सच्चा मित्र, जो मेरे साथ सदैव खड़ा है,
जब भी जरूरत पड़ी मेरी, मेरे पास हमेशा आया।

उसकी आँखों में छिपी है विश्वास की ज्वाला,
वो मेरी हर बात को समझता, मेरे दुखों को महसूस करता।

जब समय था मुझे पीछे खींचते अंधकार के घेरे,
वह मेरे साथ चला, मेरे साथ हैरानी और डरे।

जब भी जीवन की लहरें मेरे सामने उठाएं,
वो सहारा बनकर मेरे पास खड़ा रहे आए।

उसने मुझे शक्ति दी, सामर्थ्य की प्रेरणा दी,
जिससे जीता मैं हर युद्ध, हर मुश्किल से लड़ा हूँ।

उसका आभास हर सांस में है, हर धड़कन में बसा,
वो सच्चा मित्र, जो मेरे जीवन का अद्वितीय रंग बना।

जब भी मैं उदासी से भरा, अशांति से घिरा हूँ,
वो मेरे पास आकर मुझे हंसाता, खुशियों से भर देता है।

सदा मेरे पक्ष में स्थिर रहकर, मेरे साथ चलने वाला,
हर संकट और समस्या से मुझे बचाने वाला।

वो जिसका नाम प्यार से जुड़ा है,
जो सदैव मेरे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान धरा है।

इस अस्त्र की शक्ति सदैव मेरी आस्था बनी रहे,
सहस्त्र मित्र, तू मेरा सच्चा मित्र है और रहेगा सदैव ही।

यह भी पढे: मित्र या शत्रु, अच्छे लोगों का साथ, अच्छा समय आएगा,

संबंध नहीं टूटते

संबंध नहीं टूटते वो जाते बच,
जब जानते एक साधारण नियम …..
कि वो नही ग़लत वो हे सिर्फ़ अलग
उठाना सिर्फ़ इस दिशा में कदम ।

हर व्यक्ति अलग…
ऐसा ही बना ये जग ।

ये ही जीवन की सुंदरता…
ये ही जीवन का सही पता ।

आम अलग अलग नीम…
वही धरती वही मिट्टी
दोनो ही क़ीमती चाहे
नीम कड़वा मीठा आम ,
क्या फ़र्क़ दोनो ज़रूरी
कोई राम कोई रहीम ॥

संबंध नहीं टूटते वो जाते बच,
जब जानते एक साधारण नियम।
कि वो नहीं ग़लत, वो है सिर्फ़ अलग।

उनकी आँखों में छुपे ख्वाब हैं,
दिल के मंज़र अनजान हैं।
जब भी मुस्काते हैं वो बहारों की तरह,
दिल में उत्साह और आशा की फुलवार हैं।

जीवन की सड़कों पर चलते हैं वो अपने क़दमों से,
सबके बीच में भी है वो अपने आप में रुकमण हैं।
वो नहीं थमते, नहीं झुकते,
अपनी अलग पहचान और गर्व से चलते हैं।

जब उठती है आवाज़, तो धरती हिलती है,
उनके साथ चलती है हवाओं की लहरें।
क्योंकि वो है सिर्फ़ अलग, नहीं ग़लत,
विश्वास की गहराई में छुपी एक मिसाल हैं।

जब देखते हैं उन्हें दुनिया की नज़रों से,
तो उनकी अद्भुतता से चमकती है सृष्टि।
क्योंकि वो है सिर्फ़ अलग, नहीं ग़लत,
उनका हर कदम है एक अनूठी कविता।

यह भी पढे: संबंध जो सुंदर हो, मालूम नहीं, प्रेम क्या है, प्रेम शब्द, कोई खुश है, थामिए अच्छे से,


जीवन एक प्रेम कथा

जीवन एक प्रेम की कथा ….
हर हृदय को जीना ये प्रथा ।
जीवन दुःख का सागर ….
हंसके पार करना ,
नही करना अगर मगर ॥
जीवन तुम्हारा बनाया खेल….
या तो चला मस्ती से या फिर धकेल ।
जीवन में जब मिले प्रेम …
खिले जीवन नित नेम ॥

सब संभव

सब संभव हो जाता है , जब मिलता है सही व्यक्तियों का साथ , बहुत शुभ होता है , आपकी तरक्की में भी उनका होता है उनका हाथ , सही ओर अच्छी सोच जीवन के रंगमंच का सत्य जाने , समझे इस जीवन का प्रपंच क्या है? इसी पर आधारित एक कविता “सब संभव

सब संभव, जब मिलता सही व्यक्तियों का साथ,
बहुत शुभ, आपकी तरक़्क़ी में होता उनका हाथ॥

जीवन की सारी छवियाँ सजाएं,
रंगों से भरे इस नाटक को बनाएं।

प्रेम की पटियां बिछाएं सबके बीच,
खुशियों की कहानी लिखें, ना हो कोई त्रिश।

संयम और समर्पण से भरे ये अभिनय,
जीवन की सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास।

संघर्षों के मैदान में नृत्य करते हुए,
हर स्थिति में सही राह चुनते हुए।

जीवन की संघर्षों को रंगीन बनाएं,
मन के रंगों से ये छवियाँ चमकाएं।

संगठित सोच और सही कर्म,
साथ चलते हुए विजय की ओर धाव।

सब सम्भव, जब मिलता सही व्यक्तियों का साथ,
बहुत शुभ, आपकी तरक़्क़ी में होता उनका हाथ॥

इस रंगमंच पर खुद को प्रकट करें,
अपनी पहचान को जगाएं और बढ़ाएं।

जीवन के सभी पात्र निभाएं सही तरह,
सामरिक आत्मा को जगाएं और जगाएं।

सब सम्भव है, जब आपके साथ हैं सही लोग,
आपकी तरक़्क़ी में होता है उनका योग।

यह भी पढे: असम्भव याद रखना, असम्भव बात, असंभव को संभव, हमारी उम्मीद, कामयाबी,

जीवन एक रंगमंच

जीवन एक रंगमंच जीवन एक एक मौका है

जीवन रंगमंच….
जीवन मौक़ा…
जीवन सकारण…
जीवन उधारण….
जीवन ऊर्जा …..
जीवन भिन्नता…..
जीवन ममता …
जीवन प्रेम …..
जीवन दया….
जीवन माया ….
जीवन छाया….
जीवन संयोग…
जीवन प्रयोग …
जीवन समता….,
जीवन रमता…..
जीवन क्षमता….
जीवन दक्षता….
जीवन संचय….
जीवन परिचय…..
जीवन दिव्य….
जीवन संगीत …
जीवन रीत…
जीवन नृत्य…
सब जीवन हो सुखमय…
सब जीवन पनपे निर्भय ।
सब जीवन हो सुरम्य….
जीवन की हो सही लय ।

अधिक से अधिक जीवन जब होंगे
जब सुखमय….
कारण सम्पूर्ण देश भी होगा ख़ुशमय ॥

आशा न बाँधिए

इस जीवन से आशा न बाँधिए, यह एक बहुत ही प्रेरणादायक पंक्ति है। इसका अर्थ है कि हमें आशाओं को बंधने से रोकना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि जीवन आसान होगा। हमें अपने आप को अपने गुरु के रूप में बनना चाहिए, जो हमें सही मार्ग दिखा सकते हैं। दुःख की दुकान जो हमें दुख देती है, उसे हमें स्वीकार करना चाहिए, और ऐसा करने से हमारी दुकान बहुत अच्छी तरह चलेगी और हमें कोई नुकसान नहीं होगा। यह पंक्ति हमें यह बताती है कि सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

रुक जाए आशायें न बांधे,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!आशायें जाल,
दुःख की चलाती वो दुकान!
जो हे जेस हे वो स्वीकार,
खूब चलेगी दुकान नही होगा नुक़सान !!

रुक जाए आशायें न बांधे,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!

हर दिन चंद्रमा चमके,
सूरज खिले उजियारों से।
आशाओं का विश्वास जगाए,
हर पल नयी उम्मीद भरे।

जीवन की राह में आगे बढ़े,
संकटों का सामना करें।
स्वीकार करें जीवन की चुनौतियों को,
खुद को अद्वितीय बनाएं।

दुःख की दुकान खोले न रहें,
खुशियों के सौगात लें।
सकारात्मकता के संग चलें,
आनंद से जीवन बिताएं।

ज़िन्दगी का नुकसान ना होगा,
जब आत्मविश्वास हो सदा।
बन जाओ आपने आप के गुरु,
जीवन के रंगों में खड़ा।

आशाओं के जाल छिन बांधो,
दुःख की दुकान बंद हो।
स्वीकारो जीवन के हर चुनौती को,
खुशियों से जीवन बना लो।

रुक जाए आशायें न बांधे,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!

आशा की किरण से जगमगाए,
प्रेरणा से मन भरे।
कविता की इस पंक्ति से,
आपकी हृदय को छू जाए।

चलो आगे बढ़े, जीवन की राह में,
खुशियों की धूम मचाएं।
स्वीकार करें दुःख और संघर्षों को,
हर दिन उम्मीद से जीना सिखाएं।

रुक जाए आशा न बाँधिए,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!

बुने सपने

आप किसी छोटे मस्तिष्क
के घेरे में न आए ….
जो आपके बुने सपने को
बहुत बड़ा वो बताए । आप दिल दिमाग़ से
अपने बुने सपने देखे…
केसे वो धरती पे उतरेंगे
इस बात में बल चले लेके ॥