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आनंद कल होगा

आनंद कल होगा एक अनुमान….
कल कभी आता नहीं रहोगे परेशान ।
वर्तमान का आनंद पे अधिकार …..
अभी हे तो सत्य यह भीतर का त्योहार ।

भीतर रहे आनंद से ओतप्रोत….
बाहर तो बदलता रहता स्रोत ।
जीवन का बल स्मृद्धि हे आनंद ….
सब जीवनो को मिले इसकी सुगंध ।

बीते कल के बोझ से छुटकारा,
आनंद कल होगा एक अनुमान।
चिंताओं के झरोखों को बंद करो,
कल कभी आता नहीं रहोगे परेशान।

वर्तमान का आनंद पे अधिकार,
भाग्य की लकीरों को बदल दो।
हर पल को खुशी से भर दो दिल,
आनंद की नई कहानी लिख दो।

चिंताओं के बादलों को हटा दो,
उजाला लाओ अपनी जिंदगी में।
हंसी के संग बिताओ हर पल को,
आनंद की राह पर चलो निशानी में।

कल की सोचों को छोड़ दो दरिया,
वर्तमान के तरंगों में बहो।
हर दिन लो आनंद का वादा,
यही तुम्हारा अधिकार।

कब होगा आनंद कब नहीं यह सोचकर क्यू परेशान होते हो, आनंद आज अभी है यही बस यही सोच कर आनंदित रहो यह है तुम्हारा अधिकार, छोड़ो कल की चिंता कल की बात है पुरानी जी लो इस पल को यही लिखेंगे हम नई कहानी, अपनी चिंता के बादलों को हटा लो ओर उम्मीद की किरण से अपने मन मस्तिष्क को भर लो वर्तमान में जिओ, ओर भविष्य से छींट मुक्त रहो।

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समय का अभाव

क्या तुम कर सकते हो ओर कितना तुम कर सकते हो, ना तुम्हारे पास समय का अभाव है, न किसी ओर चीज का इसलिए जो भी तुम अब करना चाहते हो कर लो पूरा

सोच तू कितना सोच सकता है,

लिख तू

कितना लिख सकता है

सो तू

कितना सो सकता है

नाच तू, कितना नाच सकता

गा तू

कितना गा सकता है

समय का अभाव
समय का अभाव

खा तू , कितना खा सकता है

आराम कर तू कितना कर सकता है

पढ़ तू

कितना पढ़ सकता है

टीवी देख तू कितना देख सकता है

गेम खेल ,

तू कितना खेल सकता है

बात कर , गप्पे मार

तू कितनी गप्पे ओर कितनी बात कर सकता है

तू क्या-क्या कर सकता है? ओर कितना कर सकता है अब करले जो जो तू कर सकता है। नहीं समय की कमी अब तेरे पास, बहुत समय है हर कार्य को पूरा कर ले, हर इच्छा जो अधूरी थी वो पूरी कर ले।

सवालों के कटघरे में

सवालों के कटघरे में खुद को
हर बार छोड़ देता हूं

तुम्हारे लिए में सपनों को
बार बार तोड़ देता हूं

इंतज़ार करता हूं तुम्हारा
की तुम आओगी लौटकर
और

तुम आ भी जाती हो
लेकिन फिर??
मेरे सामने फिर वही

सवालों का ढेर तुम लगा जाती हो
क्यों तुम आती हो ?

क्यों सवालों का ढेर लगाती हो ?
मुझे क्यों नहीं यह बताती हो
की छोड़ना बस तुम मुझे चाहती हो।

घटना घट रही

आज जुबान पर कुछ शब्द आना चाह रहे है,
जैसे
शब्द अपनी आप बीती सुनाना चाह रहे है, उन शब्दों को बाहर आने दो कुछ तुमसे कह जाने दो, उन शब्दों को भी तुम्हें अपना बना जाने दो, यह घटना घट रही इसे घट जाने दो।

कही से आज फिर शुरुआत होना चाहती है
मानो
आज फिर जिंदगी से बात होना चाहती है।

यु ना तुम रूठ जाओ जिंदगी मनाना चाह रही है,
बात अब
मान जाओ मौन होकर ना बैठो यह जिंदगी आज कुछ तुमसे 
कहना चाह रही है।

बात कुछ है तभी तो जिंदगी तुमसे आज बतियाना 
चाह रही है, दो शब्द बाते आज होना चाह रही, यह घटना घट रही रही है घाट जाने दो, जो होना है उसे हो ही जाने दो

हम संभलेंगे भी

हम गिरे है तो संभलेंगे भी
हार गए है इसका मतलब
ये नही की हम जीतेंगे नही
जीतकर हम एक दिन दिखाएंगे,

टूटे हुए सपनो को फिर से जोड़ कर
एक नया सपना हम बनाएंगे
आंखों में लाखो दृश्य उन दृश्यों से
ही एक खूबसूरत मूरत बनाएंगे

अपने आज को नही बिखरता छोड़ेंगे
इसको सीमेट कर हम अपना कल बनाएंगे
हम गिरे है तो संभल कर भी हम ही दिखाएंगे

यू ही नहीं हम बीच रास्ते में रुक जाएंगे, मंजिल को पाकर ही दम लेंगे, राह हम भी अपनी आसान बनाएंगे, मुश्किलों को पीछे छोड़ आगे बढ़ते जाएंगे, चाहे गई जाए कितनी ही बार हम भी संभल उठ खड़े हो जाएंगे, हम संभलेंगे भी ओर मंजिल को पाएंगे।

यह मन भी

यह मन भी ना जाने क्या क्या करता है कभी, लिखने का मन
कुछ करने का मन
कुछ हो जाने का मन
कुछ भाग जाने का मन
कुछ दूर जाने का मन, कभी पास होने का मन
कुछ नजर चुराने ओर मिलाने का मन
यूं गम को छिपाने और गम बताने का मन
फिर उसको समझाने का मन, कुछ ना बताने का मन
मालूम नहीं क्या क्या
और किस किस
हद्द से गुजर जाने का मन
बस आज यह मन चाहता है,कुछ करने को, कुछ होने को

शब्दों की बाते

मैं आपको कुछ शब्दों की बाते बताता हूं
इनकी बाते सुनो इनको जानो तुम जरा पहचानो इनको
यह शब्द कौन है इनका जरा मेल मिलाप तो देखो, ये अद्भुत ये निराले इनके कार्य सारे मतवाले

शब्द हस्ते है 
ये ठहाके मार मार हँसते है 
तो कभी बहुत वेदना के साथ रोते है 
इनकी भी अजीब है कहानी

 हर पल में हो जाती है  इनकी बाते बेईमानी 
अपने मुह मिया मिट्ठू भी बन जाते 
अपनी प्रशंसा सुन खुश हो जाते 

शब्द बच्चे भी है
तो जवान भी है
ये बूढ़े भी है इनमें अब जान भी कुछ नही है 
यह  बड़े अनजाने है 
कभी कभी बहुत जाने पहचाने भी हो जाते है 

यह बड़े मतवाले भी बहुत है 
इनकी चाल निराली हर बात में है
इनमें निरालापन भी बहुत है 

इन शब्दों का मुस्कुराना देखो और
इनका  इतराना देखो
शब्द निराश भी बैठे है हतास भी है 

उदास भी बैठे कभी कभी ये लाजवाब भी बैठे है।
शब्द गुस्सा भी बहुत करते है और शांत भी हो जाते है 
शब्दों के चेहरे भी अलग अलग है इनकी बाते भी अलग है।

शब्दों का मटकना देखो, शब्दों का नाच भी देखो यह नाचते बहुत है 
इनके करतब अजीब है कभी कभी ये शब्द बहुत बत्तमीज है। 
कभी कभी सीखा डते ये सलीका और तमीज़ है
 
शब्द अपने ही शब्दों में करते कहानी बयान है
न इनकी कोई जुबान है और ना इन पर कोई लगाम है।
अगर लगाना चाहो इन शब्दो पर लगाम
 
तो ये क्रोधित  हो जाते है 
यह शब्द कभी कभी मौन भी हो जाते है 
तो कभी कभी ये रोते, चीखते और चिल्लाते है

शब्द तो कभी चुप भी इनमे मौन रहने की क्षमता भी है।
तो कभी इनमें कोई क्षमता नही नजर आती है 
शब्द सर्वशक्तिमान भी और अपने आपमें असहाय भी है
शब्द परिश्रम करता ही दूसरे शब्द के लिए है

स्वयं शब्द तो खुद को भूल ही गया है
शब्द ही शब्द का सहारा है वरना शब्द बेचारा बेसहारा है
शब्दों की भीड़ बहुत है, शब्द अकेले भी रह जाते है।
शब्द शोर बहुत मचाते है।शब्द शांत भी हो जाते है।

इनका होश तो देखो इनका जोश तो, जोश में होश खो देते है कभी तो , ओर कभी जोश ही नहीं रहता इनमे यह शब्द कही खुद में गुम हो जाते है,
देखो कभी कभी ये कितनी बड़ी बड़ी बातें कर जाते
मतलब जिन का सिर्फ यह सीखा पाते है। यह शब्दों की बाते है शब्द खुद ही बताते है, इनको समझना बड़ा मुश्किल है नया जाने यह शब्द कैसे इनको खुद ही समझ पाते है।

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दुनिया एक किताब

दुनिया एक किताब ….
दिलचस्प उसका हिसाब ।
मुश्किल दुनिया का हिसाब….
जो भी समझ आये करते जाये जनाब ।

इस किताब के अनेक अध्याय….
समझ के कदम दर कदम चलते जाये ।
इसके अध्याय हमे बांचते शिक्षा…
होती तय समय पे निरंतर परीक्षा ।

परीक्षा में सदा बनाये रखे समता…..
ख़ुशियों का संवर्धन बढ़े क्षमता ।
दुनिया एक किताब…..
इसका रखिए सही हिसाब ।

दुनिया एक किताब है हकीकत का,
हर पन्ना छिपा है रहस्य से भरा।
जीवन की कहानियाँ इसमें बसी हैं,
हर अक्षर एक अनमोल उपहार से भरा।

मुश्किल दुनिया का हिसाब नहीं आसान,
हर कठिनाई देती है सबका सामर्थ्य परीक्षण।
पर जो भी समझ आये, वही आगे बढ़ता है,
जनहित का मार्ग धुंधला नहीं होता संघर्ष से भरा।

हर चरित्र, हर विचार इसमें लिपटे हैं,
सबका अपना अद्भुत प्रकट हिस्सा है।
समय की लहरों में यहाँ उभरते हैं कविताएं,
जो जीवन को स्पर्श करती हैं सुंदरता से भरा।

इस किताब के पन्नों पर जगत की छवि दिखती है,
जीवन की अद्भुत कहानियाँ इसे रंगी हैं।
हर प्रश्न का उत्तर यहाँ छिपा है,
समझने की इच्छा से जीवन में उड़ान भरा।

अपनी आंखों से इसे पढ़ो जनाब,
जीवन की सच्चाई यहाँ लिपटी है।
ज्ञान की अमर पुस्तक यही है,
जो सबको प्रेरित करती है, विचारों से भरा।

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खर्च किया धन

ज्ञान प्राप्ति में खर्च किया धन ….
मन में भरे सुखद अहसास करे प्रसन्न ।
धन से हमारी कैसी अभिलाषा….
स्वास्थ्य प्रसन्नता की आशा ।

धन एक शक्ति लेकिन अपूर्ण….
बहुत कुछ कर सकती पूर्ण ।
अच्छे विचारो संग धन संपन्नता….
सब फूल खिलते सब ओर प्रसन्नता ।

ज्ञान के लिए खर्च किया धन,
अधिकार से नहीं, सम्पत्ति से कम।
मन में भरे सुखद अहसास,
ज्ञान की अमृत धारा के द्वारा प्रसन्न।

धन से यदि हो अभिलाषा,
तो ज्ञान में विचरण करें सदा।
विद्या के मार्ग पर चलें,
ज्ञान का लाभ सबको मिले, निश्चय।

धन की प्राप्ति सिर्फ एक अंश है,
ज्ञान का आदान अनंत धाम है।
ज्ञान के रंग में रंग जाएं,
ज्ञान की आग में जल जाएं, निरन्तर।

धन से ज्ञान की प्राप्ति करें,
अभिलाषा ऐसी हो उच्च।
ज्ञान की अनंत खोज करें,
ज्ञान से अपनी आत्मा जोड़ें, निश्चय।

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माँ प्रकृति

एक लंबी साँस लीजिए यह माँ प्रकृति रखती सबका ध्यान……
हम सब प्रकृति माँ के अंश इसी से हे जन्मे यही निकलेंगे प्राण ।
साँसे मिली हे गिनतियों की लंबी लंबी लेंगे तो जियेंगे भी लंबी आयु …..
जहाँ रहे रखे सफ़ाई स्वच्छता रहे ,आयु रहेगी जब शुद्ध होगी वायु ।

सांस एक विज्ञान अपनी सांसो को पहचाने…
सारा जगत भी लेता साँस जीवित उसे जाने ।
माँ प्रकृति सबका समान रूप से रखती ध्यान..
हर दृश्य में उसका खेल हरेक दृश्य का उसे संज्ञान

सांस एक विज्ञान, अपनी सांसों को पहचाने,
जीवन की गहराईयों में उसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति जाने।
सारा जगत भी लेता सांस, जीवित उसे जाने,
इस निर्जीव विज्ञान के बिना, जीवन नहीं बन सकता थामे।

माँ प्रकृति सबका समान रूप से रखती ध्यान,
वायुमंडल में सांसों की महत्वपूर्ण गति पहचान।
हर उस संवेदनशील जीव को ऊर्जा की आवश्यकता होती है,
माँ प्रकृति संभालती है, सांसों की खुदाई करती है।

सांसों का जीवन के साथ गहरा संबंध है,
हर इंसान के लिए यह अपार महत्व रखता है।
प्राणी जीवन की शुरुआत सांसों से होती है,
उसकी गति का आदान-प्रदान सांसों में होता है।

सांसों की महक प्रकृति का चमत्कार है,
वातावरण को धरती के आदर्शों से सजाती है।
जीवन की प्रवाह को संतुलित रखने का काम,
धरती माता का है, सांसों की वर्तमान का साथी काम।

सांस एक विज्ञान, जीवन की संवेदनशील धारा,
हमें यह याद रखना चाहिए, हर पल, हर बारा।
चाहे जीने के लिए या मुक्ति की आशा के लिए,
सांसों के महत्व को हमेशा समझना चाहिए।

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