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अहंकार सत्य सच नहीं

अहंकार सत्य सच नहीं स्वीकारता….
शक्ति सत्य की अहंकार उससे हारता ।

अहंकार मैं का भोजन….
मैं को स्थापित का आयोजन ।

अहंकार की अल्प आयु ….
सत्य सनातन पुरातन जैसे वायु ।

अहंकार प्रशंसा का भी भूखा….
मैं को होता विस्तारण का धोखा ।

अहंकार सत्य सच नहीं स्वीकारता,
शक्ति सत्य की अहंकार उससे हारता।

अहंकार मोह में धूल बन जाता,
माया के जाल में फंसा रह जाता।

मनुष्य की बुद्धि गढ़ी हो या कमजोर,
अहंकार उसे बांधे रखता है तोर।

गर्व में डूबा हुआ व्यक्ति बन जाता,
सत्य को नहीं पहचान पाता।

जब आहुति देता है अहंकार को व्यक्ति,
विचार और बुद्धि रह जाते हैं शून्य।

सत्य की ओर जाने का मार्ग होता है निर्माण,
अहंकार को त्यागना होता है आवश्यक अवधान।

विचारों को स्वतंत्र करो और अहंकार को छोड़ो,
सत्य की ओर बढ़ो, अपने आप को समझो।

बहुमत से नहीं चलना, अहंकार की बातों में,
अपने हृदय की सुनो, सत्य की ओर जाने का रास्ता जानो।

अहंकार को त्याग करो, सत्य को ग्रहण करो,
हम सब एक हैं, यह बात समझो।

सत्य ही हमारा आधार है, अहंकार को छोड़ो,
अपनी असली पहचान में खुद को समझो।

अहंकार प्याज़ के समान….
झूठ के छिलको से होता निर्माण ।

सत्य जैसे दूध की मलाई…
ऊपर आके तेरती सच्चाई ।

सत्य मेव जयते ….
सुख दुख में सम रहते ।

यही सच्चे जीवन का सार
सत्य सबसे बड़ा हथियार।

यह भी पढे: अहंकार का कद, अहंकार से मुक्ति, अपमान ओर अहंकार, सच्चाई का करे,

सकारात्मक प्रतीक्षा

सकारात्मक प्रतीक्षा की करते है बात, लिखने का कार्य कुछ देर रोकते है ओर चलते है उनसे करने के लिए मुलाकात, जब कोई इंतजार कराए उसमे बहुत होने को होता है, इंतजार में बहुत कुछ बाकी होता है उस इंतजार का स्वाद हर किसी से चखा नहीं जाता, कोई दुखी हो जाता है तो इंतजार कर ही खुश हो जाता है, बहुत सारे सपने इंतजार में ही बुन लेता है कुछ अधूरे रह जाते है तो कुछ पूरे हो जाते है।

सकारात्मक प्रतीक्षा की करेंगे बात….
लेखन से करने निकले उससे मुलाक़ात ।

इंतज़ार मतलब प्रतीक्षा….
कुछ अच्छा होने की आकांक्षा ।

प्रतीक्षा का आनंद….
पकने पे आती सुगंध ।

प्रतीक्षा बहुत भली…..
ज़बरदस्ती  से मुसीबतें पली  ।

ज़बरदस्ती…
बल प्रयोग बात सस्ती ।

प्रतीक्षा में आनंद….
सब्र सही समय की गंध ।

प्रतीक्षा एक आशा…
भीतर संतुलन की भाषा ।

प्रतीक्षा नहीं कामचोरी….
भीतर से पुकार ,नहीं कमजोरी ।

प्रतीक्षा बलवान…..
बने वो पहचान ।

सकारात्मक प्रतीक्षा की करेंगे बात,
लेखन से करने निकले उससे मुलाक़ात।

जीवन की उड़ान को बढ़ाते सपने,
आशा के पंखों पर पूरे करते अपने।

ख्वाबों की गुड़ियों को हम बनाते,
आगे बढ़ते रहते, ना होते थमाते।

हर दिन नए सपनों को लेकर आते,
मिटाते अंधकार, अपने आगे ज्योति प्रज्वलित करते।

निराशा की बादलों को छेड़कर,
सकारात्मकता के सूरज को उगलते।

मुश्किलों का सामना करते निडरता से,
हार न मानते, खुद को जीतते।

विचारों की उड़ान को लेते उच्चाईयों पर,
दृढ़ता के साथ आगे बढ़ते हैं हम।

हर दिन एक नयी प्रतीक्षा के साथ,
जीवन के सफर में आनंदित रहते हैं हम।

सकारात्मकता की किरणों से ज्योतित हैं हम,
उम्मीदों के प्रदीप से प्रज्वलित हैं हम।

जीवन के पथ पर चलते रहें सकारात्मकता के साथ,
आगे बढ़ते रहें, खुशियों को बांटते रहें हम।

ये सकारात्मक प्रतीक्षा का जीने का तरीका है,
खुशहाली के मार्ग पर चलने का रास्ता है।

सकारात्मक प्रतीक्षा की करेंगे बात,
आनंद और संतोष से भरी रहेगी यह रात।

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धैर्य व्यवहार

धैर्य व्यवहार का शुभ गहना….
समझ कर इसे धारण करना ।

योग्यता स्वस्थता का मुख्य सूत्र धेर्य…
जितना सधा धेर्य उतना ही प्रबल शौर्य ।

धेर्य का गहना निरंतरता की साधना…
समय सदुपयोग से इस को निखारना ।

धेर्य का गुण बने शिक्षा का अंग ….
व्यक्ति विकास होगा बिखरेगे रंग ।

सब का हो भला जीवन में उमंग ।
समाज परवर्तित होगा बदलेगा ढंग ।

महत्वपूर्ण बस धेर्य हो सकारात्मक…
सकारात्मकता ही मुख्य शुभ घटक।

धेर्य व्यवहार का शुभ गहना,
समझ कर इसे धारण करना।

जब जीवन की लहरें ऊँची उठाएं,
और परेशानियों की आंधियाँ छाएं।

तब धेर्य से जीने का आदेश होता है,
चंदन की तरह खुद को गंधित करना।

जब चिंताएँ मन को सताएं,
और निराशा की आंधियाँ छाएं।

तब धेर्य से जीने का आदेश होता है,
अग्नि की तरह अपनी रोशनी बढ़ाना।

जीवन के प्रत्येक पथ पर,
चुनौतियाँ बनी रहें बार-बार।

तो धेर्य तुम्हारा साथ देगा,
आगे बढ़ने की ताकत देगा।

संघर्षों के मैदान में उठते हैं तूफान,
और अस्थायी बन जाते हैं मनुष्यों के आदान-प्रदान।

तब धेर्य को निभाने का समय होता है,
जब तूफान की चपेट में हो जाना।

तो धेर्य की शक्ति तुझे आगे बढ़ाएगी,
हर लम्हे में खुद को बेहतर बनाएगी।

धैर्य व्यवहार का शुभ गहना,
समझ कर इसे धारण करना।

यह कविता राम ललवानी जी द्वारा लिखी गई है, आप उनकी अन्य और कविताए पढ़ सकते है, नीचे उनकी कुछ ओर कविताओ के लिंक दिए है। कमेन्ट कर हमारा प्रोत्साहन बढ़ाए, धन्यवाद

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मैं सुनाता हूँ

मैं सुनाता हूँ तुम्हें जबान की कहानी….
यह मीठी तो फूल बरसते यही कड़वी तो उसकी क़ीमत पड़ती चुकानी।
ज़ुबान से दिल का निकलता महामार्ग …
बात अच्छी तो दिल होता गदगद लगती बुरी तो लगाता बंदा लार्ज।

जबान से निकला तीर नहीं होता वापस….
चूस जाता इस जीवन का पूरा मधुर रस ।
इसलिए ज़बान का/ को इस्तेमाल करे
सम्भाल के….
दे इज्जत और ले इज्जत इसके सही इस्तेमाल से..

मैं सुनाता हूँ तुम्हें जबान की कहानी,
यह मीठी तो फूल बरसते यही कड़वी तो उसकी क़ीमत पड़ती चुकानी।

ज़ुबान से दिल का निकलता महामार्ग,
वक्त के साथ बदलती कहानियों का विस्तार।

शब्दों की बातें जगातीं हैं भावनाएं,
ज़ुबान की बारीकी से उभरती हैं आदतें।

एक मुस्कान की ताकत होती है शब्दों में,
खुशियों का जादू छिपा होता है बोलों में।

प्यार की मिठास छिपी होती है वाक्यों में,
दिलों के मेल को जोड़ती हैं वाचाएं।

पर कभी-कभी कटुता भी होती है ज़ुबान में,
ठेस पहुंचाते हैं कुछ निर्बाध शब्द समयांतर में।

हमें समझना चाहिए क़ीमत शब्दों की,
नकारात्मकता से दूर रखें हम भाषाओं की।

ज़ुबान को उचित उपयोग में लाएं,
सद्य और शिष्टाचार से खुशहाली पाएं।

जबान की कहानी सुनने से पहले सोचें,
शब्दों की महत्वपूर्णता को समझें और महसूस करें।

ज़ुबान की ताकत से भर जाएं आप भरपूर,
कहें अच्छे शब्द, बनें अच्छे बहुत शानदार!

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लगन की चमक

लगन की चमक, लगन एक छोटा शब्द, परिभाषित करे विशेष,
हौसला और जोश की बहुत ही अनूठी भेष।

जब लगन लग जाती, जीवन देती है रंग,
बदल देती है सोच, बनाती है भाग्य को संग।

लगन वही चमत्कार है, जो बदल देती है ख्वाब,
रास्ते सजाती है मुश्किलों में उठा देती है कबाब।

जीवन की उड़ान को देती है पंख,
विफलता को पार कर, देती है सफलता की फुलवारी रंग।

हर कठिनाई को पार कर, चलती है आगे,
लगन की रोशनी जगाती है हर एक रिश्ते को साथ लेकर बढ़ती है आगे।

मेहनत की राहों में लगन बनी होती है साथी,
सपनों को साकार कर, जीने को मिलती है साथ रात-दिन।

लगन की शक्ति से जगता है कर्म,
संघर्षों को मिटा कर, देती है सफलता को आराम।

जब लगन जीवन की साथ बन जाती है इक राह,
चमकती है जीवन में बदलाव, बनाती है सफलता का महासागर अपार।

लगन की चमक, लगन एक छोटा लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द,
जो जीवन को देती है नई दिशा और उम्मीद की आभा।

लगन एक छोटा लेकिन बहुत सुंदर संदेश है इसमें , जब लगन लग जाती वही फिर चमत्कार दिखाती है जीवन को बदल देती है transform कर देती है ।
सफल जीवन में लगन अति आवश्यक ….
वही लगती बनाती बन्दे को लायक़ ।
ल से अर्थ बनता “लक्ष्य”….
बनेगे महान न हो कोई संशय ।
ग से अर्थ बनता “गंभीर”…
क़ुव्वत बदलता वो तक़दीर ।
न से अर्थ बनता “निरंतर”…
सिखाता खोजने से प्राप्त है सारे उत्तर।

यह भी पढे: गुणों में निरंतर विकास, लगातार करते रहे, सफलता का सफर, वादा, बस कोशिश है,

कल सिर्फ एक शब्द

कल सिर्फ एक शब्द
नहीं इसका अस्तित्व ।

कल एक कल्पना….
एक झूठा सपना ।

कल की सच्चाई….
हमेशा आज की शक्ल बनाई ।

कल सबसे बड़ा चोर…..
झूठ बोल के ख़ुद मचाता शोर ।

कल का कुख्यात भाई परसों…
कल नहीं क़ाबू वो तो दूर कोसो ।

कल का मृत पिता भूतकाल….
सूचना और याँदो को लेता सम्भाल ।

कल एक शब्द, नहीं उसका अस्तित्व….
कल का शरीर लगते कल्पना के तत्त्व ।

कल सिर्फ़ एक शब्द…
नहीं इसका अस्तित्व,
परन्तु अनगिनत ख्वाबों की एक उम्मीद,
जो दिल में समायी रहती है।

कल अनजान भविष्य की कथा,
जो अधूरी सी यादों में छिपी है।
कल की एक कहानी, एक सपना,
जिसे आज के आईने में देखी है।

कल गुजरी हुई वो पल,
जो अनुभवों में बसी है।
कल की मुस्कान, कल की आहटें,
जिन्हें आज यादों में सजायी है।

कल अभिलाषाओं की झलक,
जो आज को आराम देती है।
कल की आशा, कल की चाह,
जिन्हें आज के आसमान में पायी है।

कल सिर्फ एक शब्द
परन्तु इसकी अहमियत अनमोल है।
क्योंकि कल ही तो हमारा भविष्य है,
जिसे हम स्वयं निर्मित करते हैं।

धन से योग्यता

धन से योग्यता का हुआ मुक़ाबला….
धन लूटता योग्यता नहीं वो कला ।
योग्यता की शक्ति से धन उपजता….
समझ योग्यता बड़ी ये साक्षात दिखता ।

योग्यता के विस्तारण में लगे ध्यान….
इसमें सब का भला सब का कल्याण ।
धन आवश्यक लेकिन योग्यता बड़ी….
धन ज़मीनी ,योग्यता आसमान में खड़ी ।

योग्यता की शक्ति से धन उपजता…
समझ योग्यता बड़ी ये साक्षात दिखता ।

धन की माला चमकती है व्यक्ति की आंखों में,
पर योग्यता से ही मिलता है सच्चा सम्मान।

वित्त की सत्ता तोड़े बन्धनों को,
योग्यता की ऊँचाईयों तक पहुँचो।

धन से केवल वस्त्र बदलते हैं लोग,
पर योग्यता से मिलती है विश्वास की नई झोली।

धन जीवन की साधना है केवल,
योग्यता ही है सफलता का मूलमंत्र।

ताकत की दौड़ में धन कहाँ पहुँचा सकता है,
पर योग्यता की उड़ान सबको सच्ची ख़ुशी दिखा सकती है।

धन जो कमाया जाता है उपार्जन से,
योग्यता से ही मिलता है आदर और मान।

धन तो सिर्फ जीवन की एक दौड़ है,
पर योग्यता ही है असली ख़ुशी और बंधन।

धन के पीछे न भागो, योग्यता की ओर बढ़ो,
जीवन को समृद्धि से भर दो।

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चुराना कैद करना भी

चुराना कैद करना भी अच्छा उम्र के खूबसूरत लम्हे….
मौक़ा मिलते ही करना यह चोरी , वक़्त की क़सम है तुम्हें ।
वक़्त की बुनियाद में हमेशा बदलने
की फ़ितरत…
वक़्त आएगा जब क़ैद कर पायेंगे अच्छे लम्हे पूरी होगी सब हसरत ।

चोरी करने का अच्छा इक उम्र का सवेरा,
खूबसूरत लम्हों से भरी एक कहानी यह मेरी।
मौका मिलते ही छिन लेना वो भाग्य की बहाना,
चोरी करना है जिसकी आदत, वक्त की क़सम है वह तूम्हें।

जीवन की रफ्तार तेज, बदलावों की लहरें गहरी,
कुछ लम्हों को छीन लो यही कहती है यह कविता में धरा।
वक्त की बुनियाद में हमेशा बदलते रहना चाहिए,
नयी सोच और अनुभवों को गले लगाना चाहिए।

पल्लों में छुपे हैं जीवन के रहस्य अनेक,
वक्त के संग्रहालय में बिखरती है यह चमक।
जब वक्त के पर्वतों से उछलती है धूल,
चोरी करती है उजाले को नयी दुल्हन रूप में।

जीवन के रंग बदले तो नए चित्र बनाएं,
चोरी करे वक्त से एक नया वादा लाएं।
क्योंकि जीवन की चोरी करने की ख्वाहिश,
वक्त की विशेषता बन जाए, यह सच्ची मानिंदगी की विशेषता।

चोरी करने का अच्छा इक उम्र का सवेरा,
जीवन की मोहर हो, वक्त की दौलत का रंग उतारा।
अच्छा उम्र की खूबसूरत लम्हों से अभिभूत,
बदलते वक्त को जींदगी के संग सम्बोधित, चुराना कैद करना भी अच्छा उम्र के खूबसूरत लम्हे।

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अपने शब्दों पर जोर

अपने शब्दों पर जोर दे….
ख़याल न आवाज़ का शोर दे ।

न चाहते हुए शोर हो जाता…
बात की गरिमा पे मटिया मेट हो जाता ।

यह बात बहुत ही अच्छी….
मैं अपनाना चाहता हूँ सच्ची ।

किया है संकल्प न यह टूटे….
निरंतर ध्यान प्रयास न छूटे ।

मुद्दा शोर करने पे वो भटकाता….
रखे शब्दों पे ज़ोर व्यथा रख पाता ।

आवाज़ तेज तो नये नये मुद्दे जागते…
समस्या ज्यो की तयों रहती जानते ।

मैं कही पढ रहा था….
समस्याओं को समझ रहा था ।

बारिश बरसात से फ़ुल खिलते….
बिजलियों गड़गड़ाहट से नहीं वो पलते ।

अपने शब्दों पर जोर दे….
ख़याल न आवाज़ का शोर दे ।

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शिक्षा का संस्कार

शिक्षा का संस्कार
दिखता व्यक्ति का व्यवहार  ।
शिक्षा एक निरंतर प्रक्रिया…
बनता वो ख़ुशियों का ज़रिया ।

सच्ची शिक्षा सिखाती झुकना….
सिखाती साहस नहीं किसी से है डरना ।
शिक्षा से ख़ुशहाली समाज का सुधार….
शिक्षा के बीज की शक्ति अपरंपार ।

माँ व्यक्ति की पहली शिक्षक….
कार्य में वो पूर्ण दक्ष और रक्षक ।
बच्चा अच्छे बुरे की लेता शिक्षा….
माँ ज्ञान बांचती कक्षा दर कक्षा ।

ज्ञान की धारा, शिक्षा की नदी,
हमेशा बहती रहे, प्रगति की सदी।
ज्ञान और सद्गुणों से युक्त,
व्यक्ति को बनाए समर्पित।

ज्ञान का प्रकाश, शिक्षा की आग,
जीवन को बनाए उजाला और ताग।
शिक्षा ही है जो अंधकार को हराए,
ज्ञान के पंखों से व्यक्ति को उड़ाए।

आचार्य की शांति, शिक्षक की क्षमा,
छात्र को बनाए सच्चे नेतृत्व का धर्मा।
अद्यापि बनी हुई है विद्यालयों की वाणी,
शिक्षा का यह समर्पण, नगर से नगर तक पहुंचा रही सुख-दानी।

शिक्षा से बनता है मनुष्य का भाग्य,
ज्ञान की उड़ान से बदल जाता है यह समाज।
समय के साथ, शिक्षा ने तरक्की की ओर बढ़ाया कदम,
हर व्यक्ति बना है आदर्श नागरिक, विचारशील और धर्मप्रिय व्यक्ति अपार ध्यान से ध्यान देता है सबको।

शिक्षा ही विचारशीलता की भूमि,
व्यक्ति को देता है सच्ची संतोष की गाढ़ी।
जीवन की प्रेरणा, बन जाती है शिक्षा से प्राप्त,
ज्ञान की राह पर अग्रसर बन जाता है व्यक्ति संपन्न।

शिक्षा का संस्कार, मार्गदर्शक होता है,
सोच और विचारों को सदैव नया दिखाता है।
इसलिए, हमेशा शिक्षा की ओर बढ़ते रहें,
जीवन कोअच्छी शिक्षा से सजाएं।

शिक्षा का संस्कार, जीवन की महत्वपूर्ण खंड,
व्यक्ति को बनाता है समर्पित और गुणवान।
ज्ञान की पुष्टि, शिक्षा की देन,
व्यक्ति को उच्चतम सफलता की ओर ले जाती है यह सेन।

शिक्षा का संस्कार, आदर्शों की पहचान,
व्यक्ति को बनाता है नेतृत्व के योग्य और धार्मिक व्यक्ति सम्मान।
ज्ञान की उड़ान, शिक्षा की बांह,
व्यक्ति को बनाता है समय के साथ बढ़ता हुआ नागरिक सम्मान।

शिक्षा का संस्कार, ज्ञान की उगाह,
व्यक्ति को बनाता है उज्ज्वल और सुखी जीवन का मार्गदर्शक।
ज्ञान का ताज, शिक्षा की महिमा,
व्यक्ति को बनाता है सदैव अच्छे कर्मों का प्रेमी और विचारशील व्यक्ति सम्मानित।

शिक्षा का संस्कार, विश्वास की धारा,
व्यक्ति को बनाता है नए और उच्चतम सपनों के आकाश में स्वप्न संचारा।
ज्ञान की ज्योति, शिक्षा की दीप्ति,
व्यक्ति को बनाता है अच्छे समाज का निर्माता और नेतृत्व की दीक्षा।

शिक्षा का संस्कार, एक अमृत समान,
व्यक्ति को बनाता है समृद्ध, सद्गुणी, और समर्पित।
ज्ञान की वृद्धि, शिक्षा की महिमा,
व्यक्ति को बनाता है सबके लिए आदर्श और उच्चतम स्थान।

शिक्षा ही जीवन का सशक्त आधार,
व्यक्ति को बनाता है विचारशील, समर्पित, और समाजसेवी

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