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कुछ सुनहेरी यादें हैं

कुछ सुनहेरी यादें हैं तेरी,
जो दिल को छू जाती हैं खुशी से भरी।
तेरी हँसी की मुस्कान, तेरे प्यार की मिठास,
हर लम्हे को यादगार बनाती हैं वो आस्था।

यादें वो धुंधली सी, मधुर सी और सुहानी,
जो भर देती हैं दिल को अमन और भरोसा नयी।
तेरे साथ बिताए हर वो पल, जो अद्वितीय हैं,
हमेशा याद रहेंगे, वे अनमोल दिन और रातें।

तेरी हंसी का चमकता है आसमान,
तेरे साथ बिताए हर वो पल हैं महान।
जीवन की यात्रा में, तू है मेरी साथी,
तेरी यादें बनी हैं मेरी आत्मा की अभिलाषी।

जब भी याद आती हैं तेरी हंसी की धुन,
मन होता है प्रसन्न, खुशियों से भर जाता हूँ।
तेरी यादों के संग, चलता हूँ जीवन की राहों पर,
मुस्कान बनाती हैं वो यादें, अनमोल हैं वो लम्हों की बारिश।

कुछ सुनहेरी यादें हैं तेरी जिनके संग, जीता हूँ खुशियों से भरी ज़िन्दगी,
हर एक पल बनता हैं यादों का एक सुंदर पहरी।
तेरी यादों के जरिए, जीने को मिला सच्चा अर्थ,
बन गई हैं वो सुनहेरी यादें, जो हैं मेरी आत्मा की मृदुल अर्ग्य।

स्वयं से मुलाकात

स्वयं से मुलाकात के लिए भीतर धारण करना मौन…..
भीतर चलते कोलाहल को सुनना बनना गवाह “हे वो कौन “ !
जब स्वयं के लिए व्यय करेंगे समय तब आएगा भीतर का समाचार….
दिखेगा बाहर निरंतर बदलाव लेकिन भीतर
की अलग ही सरकार ।

मनुष्य पल पल में पता नहीं क्या क्या उठते संकल्प विकल्प….
भीतर का व्यक्ति अलग व्यक्तित्व, अभी सुधार हुए बहुत अल्प ।
भीतर ही स्वास्थ्य ,बुद्धि ,संस्कार ,स्वभाव ओर विकास की जड़ …
जड़ में भी सुधारो की आवश्यकता ताकि बने सत्य पर दृढ़ता से पकड़ ॥

उठ रहा है अनजानी सी ध्वनि,
खिलखिला रहा है सिरहानी सी रवनि।
मन में बसे एक अजनबी ख्वाब,
चुपचाप धारण कर रहा है मौन।

भीतर विभोर हो जाती है घटाएं,
कोलाहल मच जाता है आस पास।
नगरों में फैलता है उदासी का साया,
करता है खुद को अनजान गवाह।

“हे वो कौन” इस दिल की धड़कन है,
जो बोलता है सुनने वालों को।
गुमसुम सिरहानी में छुपी खुशियाँ,
बदलती हैं ज़िंदगी के मोड़ों को।

भीतर धारण कर, मौन बन जाओ,
खुद को पहचानो और बोलो अपनी आवाज़।
क्योंकि ज़िन्दगी के पथ पर चलते,
आप ही हो वो कौन, जो देते हैं उत्तर का साथ, कर लो स्वयं से मुलाकात

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अंध विश्वास

अंध विश्वास न करे जीवन में जीवन नक़ली नक़ली लोगो से भरा……
हाथी के दाँत दिखाने के और खाने के और सोचिएगा जरा ।
कहने का मतलब हे चले जरा संभल के….
वो बुरा नहीं हे उसका स्वभाव ही ऐसा ।

स्वभाव पहचान के दूरी बना लेना सही ….
नहीं पटरी खाती रास्ता अलग ही सही ।
तुम अपने बारे में सोचो और करो काम….
पाँच फुट मिले शरीर का करो सही इंतज़ाम ।

अंध विश्वास न करे , विश्वास सोच समझ के करे …..
नहीं तो इस्तेमाल करके फेंक जाएँगे बिन भाव धरे ।

अंध विश्वास से दूर रहें, जीवन में सच्चाई ढूँढें,
नकली लोगों से भरे न हों, जीवन को सच्चाई से जीने की खोज करें।

हाथी के दांत दिखाने के और खाने के लिए नहीं हैं,
सोचिएगा जरा, जीवन की सच्चाई को समझने का वक्त आएगा।

कहने का मतलब है, चलें जरा संभलकर आगे,
उसका स्वभाव ही ऐसा है, वो बुरा नहीं है, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा।

जीवन में सत्यता की खोज में बनाएं अपना संकल्प,
नकली लोगों की बातों में न आएं, सच्चाई को जानने का अभिलाषा रखें।

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आपका हृदय

जाईये वहाँ जहाँ आपका हृदय जाना चाहता ……
वहाँ वो होता प्रसन्न और स्वस्थ खूब खिलखिलाता ।
हृदय का सिंहासन मस्तिष्क से नीचे….
असली संपदा तो छिपी हृदय में पीछे ।

हृदय में बसते प्राण सब अंगों शिराओ को रक्त का करता संचार…..
प्रसन्न इसको रखना ,ना स्वय का किसी का तुम दुखाना उचित आधार ।
सब ह्रदयों के दृष्टिकोण का हो विकास …..
फिर धरती पे उत्सव उल्लास ही उल्लास ।

कीजे इसका सतत प्रयास , समय दीजे इस प्रयास ।

जाईये वहाँ जहाँ आपका हृदय जाना चाहता…
वहाँ वो होता प्रसन्न और स्वस्थ खूब खिलखिलाता।
हृदय का सिंहासन मस्तिष्क से नीचे…
जहाँ प्रेम और स्नेह सदैव प्रबल रहे।

वहाँ जहाँ सौंदर्य सदैव विराजमान हो,
सुख-दुःख के साथ आपसी सम्बन्ध गहराएं।
हंसी और आनंद की झलकें आपके चेहरे पर हों,
ज्योति के समान प्रकाशित रहें आपके मन में।

जाईये वहाँ जहाँ आप खुलकर हंसें,
खुशियों के संग संगीत गाएं और नाचें।
जहाँ आपकी आत्मा स्वतंत्रता का आनंद धरे,
और जीवन के रंगों में रंग भरें।

हाथों की छांव में सुरभि खिलें फूल,
दिल की गहराइयों में बसे खुशियों के मौल।
जाईये वहाँ जहाँ आपकी प्रतिभा चमके,
और सपनों के पंखों पर आप उड़ें।

हृदय का सिंहासन मस्तिष्क से ऊपर रखें,
जीवन की उच्चताओं को प्राप्त करें।
जाईये वहाँ जहाँ आपकी आत्मा मधुर हो,
और सुख का संगीत हर दिन सदैव बजे।

वहाँ जहाँ आपका हृदय जाना चाहता,
सीमाओं से परे खुशियों का आदान प्रदान करे।
चलिए, आओ वहाँ जहाँ आपकी प्रेम और स्नेह है,
और जीवन की हर दिन आपके लिए नया आरंभ है।

असम्भव बात

असम्भव बात कभी दुःख न आए …
लेकिन सम्भव तू मुस्कुराते उसे झेल जाए ।
तेरे मुस्कुराने की चाभी तेरे पास…
प्रयोग कर इस चाभी का ही तेरा साहस ॥

असम्भव बात की कभी समय न बदले….
आज तेरा कल किसी ओर का यह पगले ।
लेकिन मन की डोर तो तेरे ही हाथ ….
मन सदाबहार रखे उसे अपने साथ ॥

असम्भव आसमान कहाँ से शुरु समाप्त ..
लेकिन जगे अवचेतन में सब कुछ हे व्याप्त ।
अवचेतन सदा रहता जगा नही वो सोता…
सुन समझ उसके मौन को , बन तू श्रोता ॥

असम्भव कि कभी न हो मृत्यु…
मिली गिनती के सांसो रूपी आयु ।
जब तक हे जीवित तो हे जीवन…
मृत्यु से काहे डरना मिला अनमोल जीवन ॥

असंभव बात कभी दुःख न आए,
लेकिन संभव तू मुस्कुराते उसे झेल जाए।
तेरे मुस्कुराने की चाबी तेरे पास,
प्रयोग कर इस चाबी का ही तेरा साहस।

जब जीवन की धूप छिड़कती है आँखों में,
और अँधेरा हर तरफ़ फैलाकर दर्द लेता है दम,
तब अपने होंठों पर एक मुस्कान बिठा ले,
और दुःख को तू दूर भगा ले।

जीवन की लड़ाई में जब हार दिखाई दे,
और तू तोड़ दे दरिया और पार जाए,
तब उम्मीद की किरण तू बन जा,
और संघर्ष को तू दूर कर दे।

तेरे हाथों में है खुदा की खुदाई,
चाहे जितना भी बड़ा हो बादल का साया,
तेरी मुस्कान है शक्ति की अंतरा,
जिसे तू जिये और दूसरों को भी दिखाए।

आगे बढ़, ना झुक, ना रुक,
जीवन की गाथा तू खुद लिख,
मुस्कुराने की चाबी का इस्तेमाल कर,
और खुद को ख़ुश रख, यही है तेरा साहस।

छोड़ना पकड़ना

छोड़ना पकड़ना एक चीज को छोड़ते है तो दूसरी चीज पकड़ लेते है, लेकिन जिंदगी बोल रही है कब तक छोड़ेगा और पकड़ेगा एक दिन सब छूट ही जाना है कुछ भी तेरे साथ पकड़ा हुआ नही जाना है।

छोड़ते हैं एक चीज़ को, पकड़ते हैं दूसरी को,
जीवन की यह लहरें, बदलती रहती हैं हमारी कोशिशों को।
पर ज़िन्दगी आवाज़ उठाती है और कहती है,
कब तक छोड़ेंगे, कब तक पकड़ेंगे, एक दिन सब छूट ही जाना है।

सच है, कुछ भी तेरे साथ पकड़ा हुआ नहीं है,
यह दुनिया एक पल में बदल जाती है अपनी छवि।
जो आज है, कल वही नहीं रहेगा,
सब छूट जाएगा, यह जान ले तू अपनी सीमाएं।

इसलिए न तेरा आसरा हो और न तेरा अभिमान,
जीवन का अनुभव ले, बांध के न रह जा एक स्थान।
अपने सपनों को पूरा करने का अवसर ढूंढ़,
क्योंकि ज़िंदगी की रफ्तार है अद्यायवादी और अवसादी।

छोड़ना पकड़ना, ये खेल है जीवन का,
लेकिन जब सब छूट जाएगा, तभी तू जीवन को समझ पाएगा।
चल आगे बढ़, जिए अपने यथार्थ सपनों को,
जीने का आनंद ले, हर पल को खुशियों से सजाएगा।

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लगातार बने रहे

एक शब्द है लगातार ये लगातार शब्द जब भी कही लग जाता है तो बहुत सारी चीज़ें अधूरी चीज या कार्य पूरे हो जाते है इसलिए कुछ भी अधूरा ना रह जाए इसलिए लगातार बने रहे, और आप अपनी जिंदगी हासिल करना चाहते है उसके लिए प्रयासरत रहे।

एक शब्द है, लगातार ये शब्द जब बोला जाता है,
पूरी हो जाती हैं अधूरी चीज़ें और कामनाएँ सारी।
यह विश्वास दिलाता है, हौसला बढ़ाता है,
कि अधूरा न रह जाए, हर कार्य पूरा हो जाता है।

संघर्षों के बावजूद आगे बढ़ते रहना,
हमेशा इच्छाओं को पूरा करके का जीना।
कठिनाइयों को देखते हुए भी मुस्कान बनाए रखना,
जीवन के हर मोड़ पर ये शब्द सुना जाता हैं।

लगातार बने रहे, ये नया संग्राम है,
हर अधूरी चीज को पूरा करने का दांव है।
कठिनाइयों को तोड़ते हुए आगे बढ़ते जाएं,
जीवन के सभी अध्यायों को लगातार पूरा करते जाएं।

ये शब्द हैं प्रेरणा का स्रोत, आगे बढ़ने की शक्ति,
जब भी बोले जाते हैं, जीवन में उजाला बरसता है।
चिंताओं को दूर भगाते हैं, आशा की किरण बनते हैं,
सब कुछ पूरा हो जाता हैं, जब ये शब्द बोले जाते हैं।

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मुस्कुराने का सेहत पर

मुस्कुराने का सेहत पर पड़ता असर….
बुद्धि खुलती ओर दिखते नए अवसर ।
मन बुद्धि का प्रिय पेय हँसना खिलखिलाना …
जीवन का मार्ग होता सुगम ओर सुहाना ।

छोटी छोटी घटनायो का जोड़ ये जीवन…
छोटी छोटी मुस्कुराहट से खिले ये उपवन ।
मुस्कुराहट से सही रहती मन बुद्धि की सेहत ..
जीवन बने सुंदर ,लगाए रखे हँसी की लपट॥

हंसे ओर जाने प्रकृति भी रही हे वो हंस….
हँसी उसकी फल फूलो के रूप में वो बरस ।
सदा प्रकृति के नियमो का करे पालन ….
बरसे का सदा ख़ुशियों का धन दे दनादन ॥

दूसरो को करे प्रेरित वो भी हंसे मुस्कुराए…
वो भी जीवन को ख़ुशियों से चमकाए ।
आपके घेरे में जो आए उसका चेहरा खिले …
जीवन का उत्तर ओर जीवन को दिशा मिले ॥

मुस्कुराने का सेहत पर पड़ता असर,
खुलती है बुद्धि, दिखते हैं नए अवसर।
मन और बुद्धि का प्रिय पेय है हँसना, खिलखिलाना,
जीवन का मार्ग होता है सुगम और सुहाना।

हँसने से जीवन में आती है रौशनी,
दूर होती है चिंताएं, होता है व्यंग्य।
खुशी की मुस्कान से बढ़ती है खुशियों की बारिश,
जीवन के हर पल को बनाती है अद्वितीय और अमरित।

जब हम मुस्कुराते हैं, तब दिल को मिलता है शांति,
खुशी की लहरें हमारे चरणों में मंडराती हैं।
मुस्कान की एक झलक ही काफी होती है,
जीवन के सभी संघर्षों को मिटाने की शक्ति होती है।

यह विश्वास करो कि हर सुबह होगा नया सवेरा,
मुस्कान बनाएगी आपके जीवन को सुहाना।
चिंताओं का अंधकार होगा दूर और गया,
खुशियों की छांव बनी रहेगी आपके संग जब तक संसार सदा।

तो आओ, हँसें, जीने का खूबसूरत अंदाज सीखें,
अपने चेहरे पर मुस्कान को हमेशा बनाएं रखें।
सुखी और संतुष्ट हों, आनंदित और उदार रहें,
मुस्कराने से जीवन को खुशहाल और सुगम बनाएं।

जीवन संगीत और मौन

जीवन संगीत और मौन ….
करो इससे प्रीत। ।
जीवन कर्म….
जाने इसका मर्म ॥
जीवन सुख दुःख…
ये विषय प्रमुख ।
जीवन दिन रात..
निकलती इसकी बारात ॥
जीवन सरिता….
कल कल कविता ।
जीवन वायु….
सही मिले तो बड़े आयु ॥
जीवन व्यंग…
रहे उसमें ख़ुशियों की उमंग ।
जीवन चक्र….
निहित बहुत से अनबुझे तर्क ॥
जीवन पहेली …
झोली न हो मेली ।
जीवन कविता….
बने इसके श्रोता ॥

जीवन संगीत, मन की मधुर ध्वनि,
धरती की सामर्थ्य, स्वरों का वर्णनी।
सुरमयी गाथाएं, संगीत के संगीत,
मन को सहलाती, निर्मलता की नीत।

रचनाओं में छिपी, भावों की महानता,
मधुर गीतों के जरिए, पहुंचाती मन्दिर की ऊचाई पर।
टूटे दिल को सुलझाती, गानों की बादशाही,
दुःख को दूर करती, अनंत कर्म की संगति।

जीवन कर्म, करते रहो निरंतर,
अच्छाई की खोज में, अपना योगदान दर-ब-दर।
कर्मों की बाँधन से, मुक्ति की ओर बढ़ो,
जीवन की मरम्मत, कर्म के रंग में रंगो।

हर कर्म एक संग्राम, हर क्षण अद्वितीय,
अपने कर्मभूमि पर, देखो स्वर्ग की महिमा।
सदैव चलते रहो, जीवन के रोम-रोम से,
कर्म की गतिशीलता में, पाओ निजता की विजय।

जीवन संगीत और मौन की जोड़ी,
एक दूसरे के साथ, निभाती है वादी।
इसके भीतर छुपी, एक अमूल्य आत्मा,
निरंतर तरक्की करती, सत्य की अनंत स्रोता।

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साहस को जोड़ों

साहस को जोड़ों
आपकी शक्ति ।
साहस
हो वो परिचय ।
साहस
आपकी आवश्यकता ।
साहस
विकास की सीड़ी ।
साहस
हो आपका उद्घोष ।
साहस
एक जोड़ ।
साहस
संग नम्रता ।
साहस
संग कुशलता ।
साहस
आपकी भाषा ।
साहस
हो अभिलाषा ।
साहस
संग समानता ।
साहस
निरंतरता ।
साहस
संवेदना ।
साहस
मन मस्तिष्क शरीर ।
साहस
संतुलन ।
साहस
ही संघर्ष ।
साहस
आंदोलन ।
साहस
ऊर्जा ।
साहस
ही लक्ष्य ॥
साहस
संगठन ।
साहस
योजना ।
साहस
कल्पना ।
साहस
सृष्टि ।
साहस
दर्शन ।
साहस
ही सुदर्शन ॥
साहस
भगवान।

साहस को जोड़ों , आपकी शक्ति,
अस्तित्व के मंदिर में, गर्व से विकास की प्रतीति।
जब डर के आवाले, आपके सामर्थ्य से टकराएं,
तब साहस बन जाए, आपकी दृढ़ता की पहचान।

साहस, मुक्ति की कुंजी, परिचय बनाता,
जीवन की उच्चाईयों पर, आपकी उड़ान भराता।
आपकी आवश्यकता, साहस के रूप में व्यक्त होती,
दुःखों को दूर करती, जीवन की महानता प्रकट होती।

साहस, विकास की सीड़ी, भरता है जीवन में उमंग,
विपणन के बादलों को छिड़कता, खुशहाली का अंग।
जब विपरीत परिस्थितियों में, आप अपना उद्घोष करें,
तब साहस खड़ा होकर, विजय की ओर बढ़ता नजर आएँ।

वीरता की आग से जलता, साहस का प्रकाश,
आपकी खुदरा करता, दुःखों का परिहार आश।
इस आधार पर आप चढ़ें, ऊँचाईयों की सीमा पर,
साहस बनें आपका संगीत, वीरता के संग बहर।