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नए ब्लॉग

यदि आप एक नए ब्लॉगर हैं, तो निम्नलिखित टिप्स आपको अपने नया ब्लॉग को शुरू करने में मदद कर सकते हैं

अपने नए ब्लॉग का विषय चुनें: आपको एक थीम चुननी होगी जो आपके ब्लॉग के सभी पोस्ट के लिए उपयुक्त हो। आप अपने ब्लॉग के विषय के बारे में विचार करें जो आपकी रुचि के अनुसार हो।

एक नाम चुनें: एक उपयोगी नए ब्लॉग नाम चुनें जो आपके उद्देश्यों और विषय से संबंधित हो। ब्लॉग नाम को सरल और यादगार बनाने के लिए एक छोटा और स्पष्ट नाम चुनें।

एक ब्लॉग होस्ट का चयन करें: एक अच्छे ब्लॉग होस्टिंग सेवा का चयन करें, जो आपके वेबसाइट को चलाने के लिए आवश्यक हो। आपको एक बेहतरीन होस्टिंग सेवा चुननी चाहिए जो आपके ब्लॉग के लिए उचित समर्थन और सुरक्षा प्रदान करती हो।

एक शीर्षक और लोगो बनाएं: एक शीर्षक और लोगो (LOGO) बनाना आपके ब्लॉग के लिए एक अलग और पहचानी चीज होगी। एक जीवंत और उपयोगी लोगो बनाएं जो आपके ब्लॉग के विषय को ठीक से दर्शाता हो।

अपने ब्लॉग के लिए सामग्री लिखें: अपने ब्लॉग के लिए उचित सामग्री (CONTENT ) लिखें जो आपके विषय से संबंधित हो। सामग्री को आकर्षक, सरल और उपयोगी बनाएं जो आपके पाठकों को समझने में मदद करेगी।

एक सोशल मीडियाप्रवेश करें: एक सोशल मीडिया साइट पर अपने ब्लॉग का प्रचार करना आपके ब्लॉग के लिए उचित ट्रैफिक लाने में मदद कर सकता है। आप एक या दो सोशल मीडिया प्लेटफार्म चुन सकते हैं, जैसे फेस्बूक, ट्विटर , पिनटेरेस्ट, जो आपके लक्ष्यों और विषय से संबंधित हों।

अपने ब्लॉग को विज्ञापित करें: अपने ब्लॉग को विज्ञापित ( Advertise ) करना आपके ब्लॉग के लिए ज्यादा ट्रैफिक लाने में मदद कर सकता है। आप इंटरनेट पर अपने ब्लॉग के बारे में जानकारी शेयर कर सकते हैं और अपने ब्लॉग को लोगों के बीच फैलाने के लिए विभिन्न दलों और समुदायों को जोड़ सकते हैं।

नियमित रूप से सामग्री अपडेट करें: एक अपडेट किया गया ब्लॉग लोगों को अपने ब्लॉग के लिए वापस आने के लिए प्रोत्साहित करता है। नियमित रूप से नई सामग्री अपडेट करें और अपने पाठकों से संबंधित टिप्स और लेखों के बारे में संपर्क में रहें, लोगों से फीडबैक जरूर ले ये आपके ब्लॉग को सुधार करने में मदद करता है।

अपने पाठकों से संपर्क में रहें: अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहना आपके लिए उचित होगा। अपने पाठकों के टिप्स, प्रश्नों और टिप्पणियों का जवाब दें और उनसे अपने ब्लॉग के बारे में अधिक जानकारी जानने की कोशिश करें।

धैर्य रखें: अपने ब्लॉग को सफल बनाने में समय लगता है। धैर्य रखें और हर रोज नियमित रूप से सामग्री अपडेट करें ताकि पाठकों की संख्या बढ़ती रहे।

पाठक आपके ब्लॉग के लिए वापस आते रहें। अपने ब्लॉग को बढ़ाने के लिए आपको अपने लक्ष्यों के लिए एक समय सीमा तय करनी चाहिए और अपने ब्लॉग में नियमित रूप से समय निकालना चाहिए। यदि आप परत टाइम कर आढ़े रहे है तो भी आप इस कार्य को कम से कम 1-2 घंटे जरूर दे।

आप अपने नए ब्लॉग के लिए एक समुदाय (Group) भी बना सकते हैं, जो आपके ब्लॉग के विषय से संबंधित हो। इससे आप अपने पाठकों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, अपनी सामग्री को साझा कर सकते हैं और अधिक बढ़ने के लिए एक सामान्य नेटवर्क बना सकते हैं।

एक अच्छे नए ब्लॉग को संचालित रखने के लिए, आपको अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहना चाहिए। आपको अपने पाठकों के टिप्स, प्रश्नों और टिप्पणियों का जवाब देना चाहिए जिसके लिए आप Quora को चुन सकते है, और उनसे अपने ब्लॉग के बारे में अधिक जानकारी जानने की कोशिश करनी चाहिए। इससे आप अपने पाठकों के बीच एक विशेष रिश्ता बना सकते हैं जो आपके ब्लॉग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।

अंत में, आपको धैर्य रखना चाहिए। ब्लॉगिंग में सफल होने में समय लगता है इसलिए आपको धैर्य रखना चाहिए और नियमित रूप से सामग्री अपडेट करना चाहिए। अपने ब्लॉग के लिए उचित समय निकालें, उचित सम्पादन और शोध करें, और अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहें। यदि आप इन टिप्स का पालन करते हैं, तो आप अपने ब्लॉग को सफल बनाने में सक्षम होंगे।

रविवार का दिन

रविवार का दिन खास क्यों है ? आज इतवार है, वही सुबह उठना ओर चल देना काम पर उस दिनचर्या से मैं अब बाहर हूँ ,जब मन करता है काम करता हूँ जितनी देर मन करता है उतनी देर काम करता हूँ, अब मैं उस समय सारणी को फॉलो नहीं करता जिसमे मैं बंध जाऊ कुछ लोगों को बंधन अच्छा लगता है।

लेकिन मुझे नहीं, जैसे मैंने पहली नौकरी भी इसी वजह से छोड़ी थी की मुझे बंधकर काम नहीं करना बस मैं खुद के समय के अनुसार काम करूंगा जितना मन करेगा उतना काम करूंगा ओर एसा बिल्कुल नहीं है की मैं काम कम करता था, मेरी काम करने की क्षमता शुरुआत से काफी अधिक ही थी ओर आज भी मैं लंबे समय तक काम करता हूँ, बस फरक इतना है की वो मेरी मनपसंद का काम नहीं था यह मेरी पसंद का काम है जिसको मैं पूरे मन से करता हूँ।

एक खास दिन जो कोई भी दिन हो सकता है सप्ताह का मेरे लिए रविवार था, अपने दिन को ढूँढना, अपने समय को ढूँढना को व निकालना क्युकी समय की उस डोर से तुम्हें अलग होना है खुद के लिए हम सभी के पास 24 घंटे है लेकिन वो 24 घंटे किस कार्य में लगाते हो बस वही उपयोगी है, आप गेम खेलतों, बाहर दोस्तों के संग जाते हो, यू ही बैठ समय को बिताते हो, या फिर किसी के साथ बहस करने लग जाते हो उस समय की डोर को पकड़ो वो तुम्हारे ही हाथों में है।

हममे से बहुत से लोग रविवार को घूमने के लिए रखते है, कुछ काही जाने के लिए कुछ अपनी जिंदगी में जो करना चाहते है उसके लिए कुछ अपनी skill को Develop करने में या किसी क्लास में, कुछ सीखने में या दोस्तों से मिलने में लेकिन आप रविवार को क्या करते है? क्यूकी यह रविवार वाला दिन है, जब आप कुछ नया करते है तो बताए हमे की आप क्या करते है?

मेरे एक मित्र है विनीत अरोरा जी को पक्षियों से बड़ा लगाव है, और उनकी फोटो खिचने का भी बहुत शोक है वह हर रविवार को निकल जाते है घर से दूर पक्षियों की फोटो खिचने के लिए अलग अलग जगह जाते है।

यह भी पढे: रविवार वाला दिन, इतवार वाला दिन, औरत ना होती, मेरी दिनचर्या, ढूँढता हूँ,

स्वयं को जाने

स्वयं को जाने की कौन हूँ मैं यह एक प्रश्न ही बना हुआ है, लेकिन यह प्रश्न भी तभी तक है जब तक आपके मन में इस प्रश्न का उत्तर जानने की इच्छा नहीं है, नहीं तो यह प्रश्न फिर प्रश्न नहीं रहता उत्तरों की भरमार होती आपके पास, इसलिए अपने प्रश्न का उत्तर जानने के लिए आज से ही अपने भीतर की यात्रा को शुरू करे ओर जानिए की आप कौन है? आपका इस जीवन को पाने का क्या उद्देश्य है।

यदि कोई ओर व्यक्ति इस प्रश्न का उत्तर देगा तो उसका उत्तर शायद आपके लिए सही न हो क्युकी हम सभी की यात्रा का अर्थ अलग है।

जिन महापुरुषों ने इस प्रश्न का उत्तर जानने की इच्छा की उन्होंने जान लिया ओर जो लोग संसार के दवंध में फंसे वो फिर फंसे ही रहे इससे बाहर वो नहीं आ सके, इस प्रश्न का उत्तर हमारी दृढ़ इच्छा पर ही निर्भर करता है इसलिए दृढ़ निश्चय कर, दृढ़ संकल्प करो ओर भीतर की यात्रा शुरू करो तभी हमे सफलता मिलेगी।

स्वयं को जाने

आपके भीतर अनंत जिज्ञासा होने पर ही इस सवाल का जवाब मिल सकता है, यदि आपके मन भीतर इस प्रकार के प्रश्न उठते है तो आप स्वयं को एक जिज्ञासु के रूप में देख सकते है, परंतु इस प्रकार के प्रश्न उठे ओर आपने शांत कर दिए तो फिर आप जिज्ञासु कहाँ बस फिर तो आप किसी चीज को देखकर पढ़कर ही यह सवाल कर रहे है।

यदि आपके भीतर वास्तव में ऐसे प्रश्न उठते तो आप उन सवालों का उत्तर जानने के ईछुक हो ओर आप अपने आसपास के लोगों से , मित्रों व अन्य चीजों का सहारा लेते हो इन प्रश्नों का हल खोजने के लिए फिर आपको काही दूर नहीं जाना होता बस स्वयं में गोते लगाने होते है।

इस प्रश्न का उत्तर आपको 9 मिनट में भी मिल सकता है, ओर 9 जन्मों में भी न मिले ऐसा भी हो सकता है आप कितने जिज्ञासु है स्वयं की खोज के लिए यह इसी बात पर निर्भर करता है, फिर भी मैं आपको 4 ऐसी बाते बताता हूँ, जिसका सहारा लेकर आप स्वयं की खोज को शुरू कर सकते है।

1- ध्यान करना अत्यंत आवश्यक है।

2- अपने विचारों को देखना।

3- वर्तमान काल में ही जीवन को जीने की कोशिश करना।

4- स्वयं के साथ जिओ

रविवार वाला दिन

रविवार वाला दिन कही खो तो नहीं गया ? एक समय था जब मैं सिर्फ संडे को घुमा करता था हर हफ्ते घर से निकलता तह कभी फिल्म देखने तो कभी कही घूमने या सत्संग सुनने , मंदिर या किसी मित्र के साथ चाय पर चर्चा हो जाती थी , वो रविवार ही होता था जब मैं स्वयं को पाता था की मेरी जिंदगी में कुछ बढ़ रहा है , वो रविवार ही होता था, जो मुझे बहुत प्यार था

पिछले कुछ सालों से मानो मेरा कोई रविवार नहीं आया था कुछ अधूरा अधूरा स लग रहा था भीतर मानो खालीपन था कोई उत्सुकता नहीं थी ,बस जिंदगी भी घर से दुकान ओर दुकान से घर जिस तरह से लोग कहते है “ मुल्ला जी की दौड़ मस्जिद तक ” बस यही मेरी जिंदगी का हाल था कुछ बदहाल था, वो रविवार आज फिर से लौट आया है बड़ी मसक्कत के बाद मैने रविवार को अपनी जिंदगी में फिर से बुलाया है।

लेकिन आज बहुत लंबे समय बाद फिर से उस रविवार को जीकर आया हूँ, अब लगता है की हर रोज मेरी जिंदगी का रविवार हो, काम उतना जितनी जरूरत है ओर मेरा जीवन भी उतना ही जरूरी है जैसे मेरी जिंदगी में इतवार जरूरी था, एक आजादी का अनुभव हुआ आज अकेले घूमने पर बस ये घूमने वाली आजादी मेरी कायम रहे ओर मैं घूमता रहू यू ही , रुकु नहीं अब बस मैं चलता रहू, मेरा रविवार वाला दिन मुझे फिर से मिल गया है इस रविवार के साथ मेरी यादे जुड़ी है जिनको मैं सजाकर रखना चाहता हूँ ओर इन यादों संग कुछ और यादे आने वाले संग जोड़ना चाहता हूँ।

कही आपका रविवार तो खो नहीं गया क्या आप भी बाहर जाते थे गोल गप्पे, दोस खाने सिर्फ उस रविवार को , क्या आप भी इंतजार करते थे उस रविवार का या करते है रविवार का इंतजार यदि हाँ तो कैसा था आपका रविवार मुझे भी बताए

हर रोज बेहतर होना है

हर रोज बेहतर होना है, उस बेहतर होने की तैयारी करनी है

हर रोज बेहतर होने के लिए कुछ न कुछ करना है

एक नई चीज रोज करनी है

कुछ नया सीखना है,

कुछ अलग करने की चाह इस मन में है, जो फिर से करना है

जिस चीज को आप बचपन में बड़े मन से करते है उसको फिर से करो

जो आप सीखना चाहते थे बचपन में उसे फिर से सीखो

कुछ दुबारा करो , कुछ नया करो

कुछ पहली बार करो, तो कुछ बार बार करो

रोज किताबे पढ़ो खुद को बेहतर करने के लिए

स्वयं को सुधारों आने वाले कल के लिए, अपने शब्दों को सुधारों 

हर रोज बेहतर होना है।

यह भी पढे: लोग बदल जाते है, कल की तैयारी, तैयारी करो, नए साल की तैयारी, मंजिल की तरफ,

सफल कैसे हो

सफल कैसे हो ? तुम्हें क्या लगता है ? की तुम थोड़ा बहुत कुछ करके सफल हो जाओगे कुछ 2-4 शॉर्टकट से बहुत अमीर ओर सफल व्यक्ति बन सकते हो? यदि तुम ऐसा सोचते हो तो इसका जवाब है। नहीं बिल्कुल नहीं इस तरह कभी भी सफल नहीं हो सकते, तुम्हें कड़ी मेहनत ओर बहुत दिमाग का प्रयोग करना होगा हर समय तुम्हें अपने Idea को एक नया रूप देना होगा ओर जब वो Idea फैल हो।

तुम्हें फिर से उतनी या उससे भी कई गुना मेहनत कर फिर उठना ओर आगे बढ़ना होगा, यू ही सफलता हाथ नहीं लगती, यू लकिरे इन हाथों में नहीं बनती, यू ही तुम इन लकीरों के राजा नहीं बन जाते कड़ी मेहनत ओर बुलंद हौसले ही तुम्हें सफल व्यक्ति बनाते है।

सफलता प्राप्त करना एक निरंतर प्रक्रिया है जो अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास करने वाले व्यक्तियों को संबोधित करती है। यह एक अविरत प्रक्रिया होती है जो समय, संयम, धैर्य, संघर्ष और सही दिशा में निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है।

यहां कुछ संभव तरीके हैं जो आपको सफलता तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं: सफल कैसे हो

  1. लक्ष्य तय करें: सफलता के लिए अपने लक्ष्य को स्पष्ट करें और उसके लिए एक रणनीति तैयार करें।
  2. प्रयास करें: सफलता के लिए निरंतर प्रयास करें। इसके लिए समय, संयम, धैर्य और तत्परता की आवश्यकता होती है।
  3. सकारात्मक सोच विकसित करें: सकारात्मक सोच वाले लोग संघर्षों से बाहर निकलने के लिए तैयार होते हैं और एक सकारात्मक मानसिक स्थिति उन्हें सफलता के दरवाजे तक पहुंचने में मदद करती है।
  4. अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करें: अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए निरंतर अध्ययन करें और नए और विशिष्ट तकनीकों का उपयोग करें।
  5. अपने संबंधों को संवारें: संबंधों को संवारना भी सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। अपने संबंधों को संवारें और उन्हें अपने लक्ष्यों के समर्थन में जोड़ें।

इन सभी तरीकों का उपयोग करके आप सफलता की ओर अग्रसर हो सकते हैं। लेकिन सफलता का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए भिन्न हो सकता है। इसलिए, आपको अपनी वास्तविक आकांक्षाओं और लक्ष्यों को स्पष्ट करने की आवश्यकता होगी। यदि आप अपने लक्ष्यों के लिए उठाए गए कठिनाईयों से परे रहेंगे और अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक रखेंगे तो सफलता आपके कदमों में बेहद निकट होगी।

शब्द ही शब्द को जाने

शब्द ही शब्द को जाने, बिन शब्द हम किसको माने,
शब्दो से शब्दो का मिलन हो रहा है, शब्दों से बिछड़ना भी अनोखा है , इन शब्दो से  इस ब्रह्माण्ड का विस्तार हो रहा यह रहसे अनोखा है कौन इसको समझ रहा है,
शब्दो का अनूठा जीवन इनका रहस्य ना कोई जान पाया, शब्दों ने अपना अनेक रूप दिखाया , शब्द एक होकर भी आया ओर भिन्न होकर भी इन शब्दों ने समझाया, लेकिन इन शब्दों के रहसे कोई नहीं समझ पाया ,
शब्द ही शब्द को उदघोष करते है, शब्द का जीवन बहुमूल्य
है, शब्दो का सहयोग शब्दो के लिए अनोखा है इस जीवन में ,
शब्द में प्रीति , शब्द में भाव , शब्द का बदलाव, शब्दों का अर्थ, शब्द कभी व्यर्थ तो शब्दों का कभी अनर्थ भी है।

शब्दो की चर्चा भी खूब होती है कभी यह
शब्द का मान – अपमान
शब्दो का क्रोध , लोभ , मोह , अहंकार ,
शब्दो का मिलना बिछड़ना , शब्दो का एकजुट होना और शब्दो का अलग अलग हो जाना
यह शब्द ही जो तुम्हे खोखला कर देते है यह शब्द ही है जो तुम्हारा जीवन खुशियों से भर देते है , शब्द के अलग अलग रूप , आकर है इनको समझना बुद्धि के पार है।

शब्दो का क्रम, शब्दो का लयबद्ध होना इनका यही एक विचार है शब्द कर रहे अपना प्रचार प्रसार यही इनका कार्य यही इनका आचार है, शब्दो में कितने ही भेद और मतभेद है, शब्द स्थिर है और अस्थिर भी है इनका प्रयास एकमत है लेकिन मतलब अनेक है इसलिए बढ़ रहा भेद नहीं हो पा रहे है ये एक!

फिर से एक और पड़ाव पार करने को हूं अब जिंदगी को इस पार से उस पार करने को हूं,
जिंदगी के कई पड़ाव पार किए है लेकिन ये पड़ाव और भी महत्वपूर्ण है जिसमे शब्द को जाना शब्द में जिया था, अब शब्द से मौन की और होने को हूं या शब्दातीत होऊंगा मैं।

क्या बनना है

हम सभी अपनी जिंदगी में कुछ बनना तो चाहते है लेकिन क्या बनना है यह बात बहुत कम लोग ही जानते है, जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वह जो बनना चाहते थे उस रास्ते से भी भटक जाते है, जाना तो कही ओर था लेकिन चले कही ओर जाते है बस इसी दुविधा में अपनी जिंदगी पीछे छोड़ कही दूसरे रास्ते में भटक जाते है ओर उस भटके हुए रास्ते से वापस लौट नहीं पाते क्युकी अब सफर सफर बहुत पीछे छूट गया है बस यही कहते हुए वो लोग नजर आते है……

आपको जिंदगी में क्या बनना है ? और क्यों? यह एक सवाल आपको लगातार चुभना चाहिए , खुद से पूछना चाहिए ताकि आप इस सवाल को हल कर सको, ओर समझ सको अपनी जिंदगी का असल उद्देशय क्या है?

जिंदगी में बहुत सारे भटकाव आते है, उन्मे से ये भी एक बहुत बड़ा भटकाव है लेकिन हमे इसका हल ढूँढना है, हमे जाना तो कही ओर होता है लेकिन हम चल दिए कही ओर ही होते है इसलिए हमे अपनी मंजिल, अपना रास्ता पता होना चाहिए यदि हमे नहीं पता तो उसे खोजना बहुत जरूरी है।

हमारी मनपसंद चीज क्या है? जो हमे करनी है, बस उसको जानना है, यदि नहीं पता तो ढूंढो उसे, उसकी तलाश शुरू करदों, कही वो तलाश अधूरी ना रह जाए ये जीवन की जो प्यास है वो प्यास फिर प्यास ही ना रह जाए

फिर कही देर न हो जाए इसलिए आज से शुरू करो

धन्यवाद

आपका मित्र : रोहित शब्द

कभी पुराना नहीं होता

लिखना कभी भी पुराना नहीं होता यदि आपको भी लगता है की जो मैंने कई साल पहले लिखा था आज वो कुछ हल्का हो गया है या काफी पुराना हो गया, या यह बचपन में लिख दिया था अब इसका कोई मूल्य नहीं है तो यह बात सही नहीं है क्युकी यदि आप कल बच्चे थे तो आज कोई ओर बच्चा है, जो इस बात को पढ़ेगा ओर अपनी जिंदगी से मेल करेगा अब यह शब्द उनके लिए है।

बहुत काम आएगी क्युकी अब आपकी सोच विकसित हो गई है, लेकिन जब आप लिख रहे थे तब वह सोच उस लेवल पर थी इसलिए उन शब्दों को हमेशा पढ़ते रहे, और कुछ ना कुछ लिखते रहे सीखते रहे अपने ही शब्दों से बहुत कुछ मिल जाता है, क्युकी लिखा हुआ कभी पुराना नहीं होता वह एक खजाने के रूप में है उसका प्रयोग करे।

हम जो भी लिखते है वह उस समय के अनुसार का अनुभव होता है अब वह अनुभव किसी ओर काम आता है।

Restart

Fir se restart likhne ke liye kar raha hoon umeed karta hu ab main lagatar likhta rahunga aur dher saari aapse baat karunga aur kuch nayi baate btaunga, har roj kuch likhne ko yeh baat jaruri nahi hai lekin main likhne ki koshish karta rahunga bas isi umeed main likhta rahunga.

likhne se jo mann mei dba hua hota hai vo bahar nikal jata hai, bahut saari pareshaniya to likhne bhr se hi khatam ho jati hai, likhne se sukun milta hai, likhne se mann accha rehta hai, bahut jyada mood swing bhi nahi hota jab aap likhte hai, shabdo mei thehraav aata hai…

yadi aap kahi ruk gaye hai to usey restart kare vahi ruke na rahe, restart karna jaruri hai nahi toh jo sapne dekhe the vo adhure hi reh jayenge.

Saath hee aapse bhi umeed karta hu ki aap mere saath apne vicharo ko saanjha karenge

mujhe likhna pasand aapko kya aapko bhi likhna pasand hai yadi haa toh kuch likh kar aap mujhe email kar sakte hai ham use apni website par publish karenge

good night friends