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छोड़ दो ख्याल

के अब उन खयालो को पनाह मत दो
हमे तुमसे दूर हो जाने मत दो
के अब ये रुठ जाने का
ख्याल छोड़ दो

शायद
अब ये मुमकिन ना होगा तुम्हारा
मेरी बाहों से दूर जाना
इसलिए
दूरियां मिट जाने दो
पास अब

हमे आने दो
ना तड़पाओ, रुलाओ ,
सताओ अब
बस मुक्कमल हो जाने दो

ख्वाब जिस्म और जान को
एक हो जाने का
छोड़ दो ख्याल
दूर हो जाने का अब हमे पास आने दो.

इस मोहब्बत को बेइंतहा हो जाने दो , दो जिस्म एक जान हो जाने दो

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मंजिल की तरफ

मंजिल की तरफ तू बढ़ता चल , हर राह को पार कर तू आगे निकल , मुश्किलए आती है राह में लेकिन तू घबरा मत कामयाबी तेरी राह रही है तू बस आगे निकल

कामयाबी के सफ़र में धूप महत्वपूर्ण…
धूप बदलती छाँव तो बात होती पूर्ण ।

धूप एक घटना भीतरी शक्ति का इंधन …
सच्चे कामयाबी के रास्ते का हे चयन ।

अथक सदा नज़र हो मंज़िल की तरफ़…
कोई कुछ भी बोले न पड़े तुम पे फ़र्क़ ।

तैयारी हो ऐसी चाहे धूप या हो छाँव….
नव नूतन कामयाबियाँ पे लगाने हे दाँव ।

मन यू ही भागता

मन यू ही भागता फिर रहा है कही, फिर रहा है कही, इस मन को कैसे संभालु , बस इस मन की व्यथा है , मन यू ही भागता रहा,
खुशियों की तलाश में थका हुआ।
कहीं न रुकता, न ठहरता,
हर समय खोजता रहा।

जीवन की दौड़ में पड़ा हुआ,
खुद को भुलाता जा रहा था।
सफलता की तलाश में जुटा हुआ,
मन खुशियों के सागर में बहता रहा था।

पर वो नहीं जानता था,
कि जो उसे खुश करता था,
वो उसी के अंदर ही मौजूद था।

बस वो एक दिन देख लिया,
खुशियों का सागर अपने अंदर ही था।
जो उसने ढूंढा था बाहर,
वो उसी के अंदर छुपा हुआ था।

अब वहीं बैठकर, खुशियों के साथ,
वहीं वो खुश होता जा रहा है।
मन नहीं भागता अब,
खुशियों का सागर अपने अंदर ही पाता है।

हर रोज बेहतर होना है

हर रोज बेहतर होना है, उस बेहतर होने की तैयारी करनी है

हर रोज बेहतर होने के लिए कुछ न कुछ करना है

एक नई चीज रोज करनी है

कुछ नया सीखना है,

कुछ अलग करने की चाह इस मन में है, जो फिर से करना है

जिस चीज को आप बचपन में बड़े मन से करते है उसको फिर से करो

जो आप सीखना चाहते थे बचपन में उसे फिर से सीखो

कुछ दुबारा करो , कुछ नया करो

कुछ पहली बार करो, तो कुछ बार बार करो

रोज किताबे पढ़ो खुद को बेहतर करने के लिए

स्वयं को सुधारों आने वाले कल के लिए, अपने शब्दों को सुधारों 

हर रोज बेहतर होना है।

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मुस्कुराने का जादू

यह मुस्कुराने का जादू है , जहाँ शब्द न करे काम मुस्कुराहट काम कर जाती……
बात पते की मुस्कुराहट की नही कोई जाति प्रजाति ।
यह तो प्रकृति का वरदान बात यह सब को समझ हे आती ।

मुस्कुराहट में प्यारी सी आहट…
काम को बनाने की इसमें चाहत ।
मुस्कुराहट का प्रभाव…..
कहलाता अच्छे व्यवहार का स्वभाव ।
मुस्कुरा कर जब करते काम….
उसमें झलकता शांत मन का आयाम ।

मुस्कुराहट से हो जाता हर असमभाव वाला संभव काम , मुस्कुराहट करती हर दुख को दूर शांति का प्रस्ताव लाती हर दिल में उम्मीद में जगाती , यही मुस्कुराने का जादू है, जो मुस्कुराहट खुशिया बिखेरती जाती।

ए मुसाफिर

ए मुसाफिर
वजह बेवजह तू मुस्कुराता चल
वजह बेवजह तू मुसकुराता चल
बेखबर राहो पर तू आगे निकल

तुझे मिलेगी चुनौतियां
उन चुनौतियों पर कदम बढ़ाता चल
तू चल , तू चल , तू चल

ना थकना
ना रुकना
ना घबराना
ना हार मान जाना तू
बन अपना साथी तू
खुद से खुद में जाकर तू मिल

भूत , भविष्य की फिकर छोड़ दे
वर्तमान के साथ जी तू हर पल
ए मुसाफिर तू कदम बढ़त चल

हर डगर, हर मंजिल पर न तू रुक
बस अपनी मंजिल पर नजर रख कर
बढ़ता तू आगे चल , बढ़त तू आगे चल

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इन सदृश पन्नों पर

मन के इन सदृश पन्नों पर

मैं कुछ लिखना चाहू

मन भीतर की कल्पनाओ से

इस जीवन को जैसा चाहू वैसा मैं बनाऊ

इस मन को

इस मन को

जीवन की

उधेड़ बुन में

मैं ना उलझाऊ – मैं ना उलझाउ

मन अलग अलग राहों में उलझे

कैसे मैं इसको सुलझाऊ

मन भीतर

मन भीतर

मन भीतर करे राग द्वेष

तन बैरी हो जाए

इच्छाओ का लगाके मेला

इस तन को खूब नाच नचाए

जगत के इन दृश्यों में

यह मन अटक बार बार जाए

जगत जाल में यह तन फँसता जाए

अरे मेरा तन बैरी हो जाए

यह तन बैरी हो जाए

मन के इन सदृश पन्नों पर, मैं कुछ लिखना चाहू

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अपनी मेहनत

अपनी मेहनत का गुणगान करेंगे…
सत्य का हम संग जब साथ लेंगे ।
निश्चित लक्ष्य हो हम साध लेंगे ….
दूसरो को मेहनत का प्रोत्साहन देंगे ।।

मेहनत का कोई विकल्प नहीं….
उसके आगे सब मुश्किलें झुकी ।
मेहनत करके गुणगान कीजिए…..
मेहनत का तुम सदा साथ दीजिए।।

प्रेरणा एक संभावना

प्रेरणा हमारे जीवन में कितना महतव रखती है ओर यही प्रेरनाए कितनी ही संभावनाओ को को जन्म देती है, ये प्रेरणा एक जीवन संभावना है जिसके द्वारा हमारे जीवन का सुधार होता है।
प्रेरणा एक जीवंत संभावना
जीवन में सुधार की कामना ।
प्रेरणा के द्वार अच्छे बुरे दोनों के लिए खुले
दस्तक दे इसके द्वार अच्छाई के फूल खिले ।

ले प्रेरणा नकारात्मक से सकारात्मक की
या फिर ले वो संदेह से विश्वास की
प्रेरणा ले निराशा से आशा की
प्रेरणा ले अंधेरो से उजाले की
सही प्रेरणा जीवन की मास्टर की।

सुंदर आयाम

हर सुबह उठकर अपने विचारों को उत्तम बनाए उन विचारों को बार बार मनन व चिंतन करे आज का शब्द “सुंदर आयाम”

सुंदर आयाम प्रकृति के,
नादियाँ अपना जल नहीं पीती,
वृक्ष अपना फल नहीं खाते,
हीरे जवाहरात भी दूसरे को सुशोभित ,
नियम प्रकृति का दूसरे के प्रति समर्पित ……
ऐसे ही दयावान व्यक्ति अनायास दूसरो के
हित के लिए होता हर समय आकर्षित ।

सुंदर आयाम प्रकृति के,
नादियाँ अपना जल नहीं पीती।
वृक्ष अपना फल नहीं खाते।
हीरे जवाहरात भी दूसरे को सुशोभित।

प्रकृति की अनूठी सुंदरता,
मनोहारी नजारों में बिखराती।
नदियाँ अपनी बहुता प्रदर्शित करती,
पर खुद को नहीं उन्हें भरती।

वृक्षों की हरियाली से लबरेज,
फलों की मिठास से नहीं भरेज।
वे धरती के अनुपम उपहार हैं,
जो दूसरों को खुशियाँ देते हैं।

हीरे और जवाहरात की मोहकता,
दूसरों के श्रृंगार में बसता।
ना स्वयं चमकते हैं, ना भूलते हैं,
पर दूसरों की ख़ूबसूरती में खो जाते हैं।

यह अद्भुत प्रकृति का रहस्य है,
सदैव दूसरों को सुशोभित करने का इरादा है।
जो देती है वृक्षों को जीवन,
और नादियों को मार्गदर्शन।

इसीलिए वे सुंदरता का प्रतीक हैं,
जो प्रकृति की महिमा को दिखाते हैं।
हमें सिखाते हैं समर्पण और निस्वार्थता,
क्योंकि खुद को भूल जाना ही सुंदरता है।

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