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हिन्दी कविताए

हिन्दी कविता एक ऐसी साहित्यिक शैली है जो भारतीय संस्कृति और भाषा की अद्भुतता को दर्शाती है। हिन्दी कविताओं में भावनाओं को अभिव्यक्त करने की कला है जो कि उन्हें अन्य भाषाओं से अलग बनाती है। हिन्दी कविताए एक बहुत ही सुंदर और रोमांचक विधा है जो हमारे जीवन की विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है।

हिन्दी कविताएँ अपने आप में एक अलग दुनिया हैं। वे हमें अपने संदेश, भावनाओं और उत्साह का पता लगाती हैं। इनकी सादगी और आसानी से हम गहराई तक पहुंच सकते हैं। हिन्दी कविताएँ हमें जीवन के अनुभवों का समझने में मदद करती हैं और हमें एक सकारात्मक दृष्टिकोण देती हैं।

हिन्दी कविता को जानने और समझने के लिए इसे पढ़ना बहुत आवश्यक है। इसके लिए आप अनेक ऐसे साइट्स और ब्लॉग्स पर जा सकते हैं जहाँ पर आपको हिन्दी कविताए मिलेंगी। ये साइट्स और ब्लॉग्स आपको कई अलग-अलग विषयों पर लिखी गई कविताओं से रूबरू कराते हैं।

हिन्दी कविता को समझने और उसके रस का आनंद लेने के लिए अपने समय का उपयोग करें। इससे आप अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़े होंगे और अपनी जीवन दृष्टि को भी बदलेंगे।

हिन्दी कविता भारतीय साहित्य की एक महत्वपूर्ण शैली है जो लोगों की जीवन दृष्टि, उनकी भावनाओं और अनुभवों को अभिव्यक्त करती है। हिन्दी कविता की शुरुआत संस्कृत के काव्य शास्त्र से हुई थी जो भारतीय साहित्य के एक महत्वपूर्ण अंग है।

हिन्दी कविता में भावों को संगीतमय ढंग से व्यक्त किया जाता है। इसकी सादगी और सरलता इसे अन्य भाषाओं से अलग बनाती है। हिन्दी कविता में शब्दों का उपयोग एक कला है जो हमें भावनाओं का सटीक अनुभव करवाती है।

हिन्दी कविता के विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे की दोहे, छंद, गजल, नज्म, तज्जुस्सुस आदि। इनमें से प्रत्येक प्रकार की कविता अपनी विशेषताएं रखती है जो उसे अन्य प्रकारों से अलग बनाती है।

हिन्दी कविता न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय भी हिन्दी कविता ने अपनी भूमिका निभाई थी। इससे प्रेरित होकर कई कवि अपनी कविताओं के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में भाग लिए थे।

अंततः, हिन्दी कविता हमारी संस्कृति और भाषा की अद्भुतता को दर्शाती है। इसे पढ़कर हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और समझ सकते हैं कि जीवन के रोमांचक और गहराईयों को कैसे अभिव्यक्त किया जाए।

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अनुभव खुद का चखा

अनुभव खुद का चखा स्वाद….
याददाश्त स्मृति में बनी याद ।

अनुभव का उम्र से नहीं कुछ लेना-देना…
ये समझ और जिम्मदारियों का गहना ।

अनुभव उसको जो परिस्थिति का करे सामना….
उम्र से कुछ लेना-देना नहीं यह एक ग़लत धारणा ।

अनुभव एक नक़्शा….
सही से जीवन जीने की कक्षा ।

अनुभव खुद का चखा स्वाद,
याददाश्त स्मृति में बनी याद।

यात्रा जीवन की एक सफ़र है,
जिसे हम सबको तय करना है।
छोटी छोटी खुशियों की बारिश,
जीने का बहाना ढूंढना है।

रंगीन दिनों के जब होते हैं वादे,
ख्वाबों को हक़ीक़त में बदलना है।
चलती है ज़िंदगी की रेलगाड़ी,
हर स्टेशन पे खुश रहना है।

दरिया बहता है अपने रास्ते,
मुसाफ़िर होकर मज़बूत रहना है।
कभी पत्थरों पर टिके रहना है,
कभी तूफ़ानों को झेलना है।

आगे निकलने की हर बार हो चाहत,
हार न मानना जीने का तरीक़ा है।
चोट खाने के बावजूद हँसते रहना,
खुद को यही सीखना है।

ज़िंदगी की दौड़ में थोड़ी ठहराव,
सुकून की राह पर चलना है।
हर एक पल को जीने की आदत डालो,
खुशी की समय में मुस्कान लाना है।

गलतियों से सबक सीखना है,
बड़े सपनों को चेस्टा करना है।
हार न मानने की ज़िद रखना है,
सपनों को हक़ीक़त में बदलना है।

याददाश्त स्मृति में बनी याद,
अनुभव खुद का चखा स्वाद।
जीवन की यात्रा में बहुत है सुंदरी,
हर एक पल को जीने का बहाना है।

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संकेतों से भापते है

संकेत
संकेत भविष्य पढ़ने की आशा….
संकेतों से भापते है, आशा या निराशा ।

संकेत दिमाग़ की बोली और समझ ….
भविष्य जानकारी दिमाग़ चाहे सहज ।

अक्सर लोग चाहते संकेत मिले अच्छे समय का …..
समय सदा बदलता रहता जबकि यह विषय रहस्य का ।

भूकम आने से पहले जानवर होते बेचैन असहज ….
हम उनकी बेचैनी के संकेत पढ सकते सहज ।

हम संकेतों को भाषा में करते परिवर्तित …
ताकि समझे और  साधे अपना हित  ।

विचारों की गहराई से जुड़ी
संकेतों की आशा जगमगाती है।
भविष्य के पर्दे खोलकर,
मनोवृत्ति की कथा सुनाती है।

चिन्ताओं के समुद्र में खोजते,
बीते और आने वाले कार्यक्रम।
संकेतों की कविता बनकर,
अनजाने में भी ज्ञान प्राप्त करते हम।

छोटे-छोटे चिन्हों में छुपी है
विश्वास की एक अनमोल भाषा।
जान पहचान के अंदर छिपा है,
भविष्य की सूचना व्यक्त करती साँसों की लहरों में।

कभी एक दूर का नजारा होता है,
कभी एक विचार का संगीत बजता है।
संकेतों की यात्रा करते हम,
भविष्य की राहों में बहता है स्वप्नों का नदी गंगा।

जीवन के रंग-बिरंगे पलों में,
संकेतों की एक छाप छोड़ जाते हैं।
आशा या निराशा की राह पर,
उड़ान भरते हैं वे दिलों की आवाज़।

संकेतों से भापते है आशा के फूल,
जगमगाते हैं उम्मीद के सितारे।
निराशा के अंधकार को छिड़कते हैं,
संकेतों की रोशनी के द्वारे।

इस संसार में जगमगाती है संकेतों की झील,
आशा और निराशा के आयाम छूती हैं।
जीवन की मंजिलों का रास्ता दिखाती हैं,
संकेतों की कविता जो हमें पढ़ती हैं।

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सारे विचार अस्थाई

सारे विचार अस्थाई
नहीं अस्थाई मर्ज़ की दवाई ।

सब व्यक्ति व्यक्तित्व अस्थाई…
समझो इस बात की गहराई ।

सब दिखते दृश्य अस्थाई ….
इससे क्या बात समझ आई ।

सारी भावनायें अस्थाई ….
नहीं कुछ भी स्थाई ।

अपने मिले कार्य सही से करे….
हम सब स्थाई दायरे से घिरे ।

न काहु से दोस्ती न काहु से बैर…
शुक्रिया करते चलो माँगो सब की ख़ैर ।

यहाँ सब अस्थाई….
यह बात ही सच्ची इकाई ।

बहते चलो जैसे बहता पानी….
या बहो पवन की तरह यही ज़िंदगानी ।

सारे विचार अस्थाई,
नहीं अस्थाई मर्ज़ की दवाई।

जीवन के सफर में कभी आए,
खो गए फिर वो गुजरे दिन जाए।
चिंता और चिंता का बंधन है,
इसे तोड़ने की राह ढूंढ़ लो भले।

ज़िंदगी की चाल में आए हैं ये विचार,
चिंता के बादल छाए हैं ये आधार।
पर याद रखो, ये सब हैं अस्थाई,
हो सकता है आने वाले कुछ पल हंसाई।

ज़िंदगी की राहों में कभी थम जाएं,
चिंता के दामन से खुद को छुड़ाएं।
हर चिंता को दवा नहीं कहा जा सकता,
कुछ तो विचार होंगे अस्थाई ही रह सकता।

अपना ध्यान मुख्य बातों पर रखो,
हंसते रहो, मुस्कराते रहो आप।
रोग या चिंता ने नहीं जीती है ज़िंदगी,
जीने का आनंद सदैव बनाए रखो सर्वदा।

सब का शुक्रिया सब का धन्यवाद

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शिक्षा देके बीता था

जो था अच्छा था….
शिक्षा देके बीता था ।

जो है वो सबसे बेहतरीन….
वर्तमान जीवित और हसीन ।

वर्तमान में डाले उत्तम बीज….
भविष्य की फसल अजीज ।

जो बीता वो पल नहीं लौटेंगे….
वर्तमान स्वस्थ तो उससे बने इतिहास में
भी खूबसूरत फूल लगेंगे ।

वर्तमान स्वस्थ तो भविष्य भी खुशहाल….
यही जादू है वर्तमान का उसका कमाल ।

समय बाहर बदलता रहता….
भीतर समय की कम रफ़्तार ये मैं कहता ।

कितनी भी की हो ग़लतियाँ….
वर्तमान में शुरूआत करे सुधार की
जगेंगे सही शक्तियाँ ।

जो था अच्छा था…
शिक्षा देके बीता था

वर्तमान के पन्नों पर
उसकी यादें बिखरी हैं।
मस्तिष्क में उसकी छाप
हमेशा बसी है जीते हुए।

वह शिक्षा का समुद्र था,
जिसमें धर्म, ज्ञान, नैतिकता
सब लहरों में बहते थे।
गुरु की ओर से वह जीवनमूल्यों का आदान था।

विद्या की आग जलाकर
उसने मन के अंधकार को हराया,
ज्ञान की बारिश से
उसने सृजन के उस पथ पर पैर रखाया।

वह शिक्षा का प्रिय याराना था,
जो अब भी दिलों में बसा हुआ है।
जीवन की हर चुनौती में
उसकी सीख हमें सम्भाला है।

जो था अच्छा था…
शिक्षा देके बीता था।
उसके बाद भी उसका परिणाम
हमारे जीवन को चमका रहा है।

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विकल्पों का पतन

यहाँ एक चलन …..
हुआ विकल्पों का पतन ।

प्लास्टिक और रणनीति…..
दोनों की ज़रूरत वाली स्थिति ।

प्लास्टिक करता दूषित वातावरण…
प्लास्टिक का क्यों नहीं नया संस्करण ?

राजनीति भी बहुत मैली और दूषित….
मनो में भर दिया टनो ज़हर अघोषित ।

बोल रहे नहीं है दोनों का विकल्प ….
विचारहीन समाज अच्छाई हुई अल्प ।

ये विचार विकार बात यह ग़लत….
एक सौ चालीस करोड़ हुए बेइज्जत ।

सब एक दूसरे को दिखा रहे उँगली….
बस चल रहा है आके मिल उस गली ।

वैज्ञानिक खोजो को दे इस दिशा में बढ़ावा ….
विश्व से प्लास्टिक मिटे स्वस्थ सब , न करे छलावा।

यहां एक चलन है रुख़सार,
हुआ विकल्पों का पतन अनुभव।
परिवर्तित हुए दृष्टि के आयाम,
खो गई स्वतंत्रता की राह अविरल।

नगरी ने जीने की बंधन में डाला,
चुनौतियों से बनी अब वह भटकती है।
आदर्शों की गोद में लिपटी रही वह,
अब हर तरफ़ है प्रताड़ित और दबी हुई।

जब जगह नहीं रही सपनों की,
तब कैसे उड़े आवाज़ आज़ादी की।
हर तरफ़ दिखें बंधनों की खड़ी,
मन में जलती रहे आग स्वतंत्रता की।

फिर आया है वक़्त जागरूक होने का,
इस चलन को तोड़ देने का।
खुद को मुक्त कर, निकल पड़ो आगे,
अपनी अलख़ जगाओ और चमकाओ राहें।

चलो अब छोड़ो विकल्पों की मृत्यु,
जीवित हो जाओ स्वतंत्रता की प्रेरणा।
करो प्रगति को आगे बढ़ाना,
यही है जीने की सच्ची पहचाना।

आओ मिलकर नयी दिशा में चलें,
करें स्वतंत्रता की शोरगुल मचाएं।
जागो, उठो और बदलो समाज को,
यही है सच्ची आज़ादी की आज़ादी।

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खुद से करे सवाल

खुद से करे सवाल जीवन जी रहे या उसे रहे हो काट ।
ग़र वर्तमान में प्रसन्न…..
यही सच्चा कमाया धन ।

फिर जीवन को नहीं रहे तुम काट…..
चाहे न या कम धन फिर भी ठाठ -भाट।

जीवन का मालिक कौन है यह सत्ता किसके है पास….
यदि जीवन की चाभी स्वयं के पास यह सुखद अहसास ।

आपकी सुखी और दुखी होने की चाभी यदि दूसरो के पास….
राक्षस और तोते की कहानी गर्दन तोते की दाबेगी इधर राक्षस की उड़ेगी सांस ।

अकारण वर्तमान में रहे ख़ुश ….
शुक्रिया करे नहीं हो कभी नाखुश ।

ख़ुशी का विकल्प सिर्फ़ और सिर्फ़
ख़ुशी ….
जिये जीवन जैसे जीवन जीता शशि ।

खुद से करे सवाल जीवन जी रहे या उसे रहे हो काट,
गर वर्तमान में प्रसन्न, यही सच्चा कमाया धन।

जीवन का मतलब क्या है, विचार करो थोड़ा,
क्या तुम बस काम करते हो, और अपनी ज़िन्दगी छोड़ा?

ख़ुद से पूछो, क्या तुम खुश हो, क्या तुम संतुष्ट हो,
क्या तुम वह सपना पाए हो, जिसे ज़िंदगी ने तुमसे छीना हो?

क्या तुम वक्त का मज़ा ले रहे हो, प्यार से अपनों के साथ,
या बस दौड़ रहे हो, धन-दौलत के पीछे भागते रहते हाथ?

जीवन एक उपहार है, इसे सवार्थी बना न पाओ,
इसका आनंद लो, अपने सपनों को पूरा करो।

धन और सम्पत्ति तो केवल मालिकी हैं यहाँ,
परम मूल्यवान है वह, जो मनुष्य को मिलता है स्वयं।

ताजगी और ख़ुशी से भरी हो ज़िंदगी की क़लाएं,
बस वही सच्चा कमाया धन, जो दिल को छू जाएं।

ज़िंदगी को अपने अरमानों से सजाओ,
सपनों को पूरा करके अपनी ख़ुशियां बढ़ाओ।

खुद से करो सवाल, जीवन को जी रहे हो या उसे रहे हो काट,
गर वर्तमान में प्रसन्न, यही सच्चा कमाया धन।

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अहंकार सत्य सच नहीं

अहंकार सत्य सच नहीं स्वीकारता….
शक्ति सत्य की अहंकार उससे हारता ।

अहंकार मैं का भोजन….
मैं को स्थापित का आयोजन ।

अहंकार की अल्प आयु ….
सत्य सनातन पुरातन जैसे वायु ।

अहंकार प्रशंसा का भी भूखा….
मैं को होता विस्तारण का धोखा ।

अहंकार सत्य सच नहीं स्वीकारता,
शक्ति सत्य की अहंकार उससे हारता।

अहंकार मोह में धूल बन जाता,
माया के जाल में फंसा रह जाता।

मनुष्य की बुद्धि गढ़ी हो या कमजोर,
अहंकार उसे बांधे रखता है तोर।

गर्व में डूबा हुआ व्यक्ति बन जाता,
सत्य को नहीं पहचान पाता।

जब आहुति देता है अहंकार को व्यक्ति,
विचार और बुद्धि रह जाते हैं शून्य।

सत्य की ओर जाने का मार्ग होता है निर्माण,
अहंकार को त्यागना होता है आवश्यक अवधान।

विचारों को स्वतंत्र करो और अहंकार को छोड़ो,
सत्य की ओर बढ़ो, अपने आप को समझो।

बहुमत से नहीं चलना, अहंकार की बातों में,
अपने हृदय की सुनो, सत्य की ओर जाने का रास्ता जानो।

अहंकार को त्याग करो, सत्य को ग्रहण करो,
हम सब एक हैं, यह बात समझो।

सत्य ही हमारा आधार है, अहंकार को छोड़ो,
अपनी असली पहचान में खुद को समझो।

अहंकार प्याज़ के समान….
झूठ के छिलको से होता निर्माण ।

सत्य जैसे दूध की मलाई…
ऊपर आके तेरती सच्चाई ।

सत्य मेव जयते ….
सुख दुख में सम रहते ।

यही सच्चे जीवन का सार
सत्य सबसे बड़ा हथियार।

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धैर्य व्यवहार

धैर्य व्यवहार का शुभ गहना….
समझ कर इसे धारण करना ।

योग्यता स्वस्थता का मुख्य सूत्र धेर्य…
जितना सधा धेर्य उतना ही प्रबल शौर्य ।

धेर्य का गहना निरंतरता की साधना…
समय सदुपयोग से इस को निखारना ।

धेर्य का गुण बने शिक्षा का अंग ….
व्यक्ति विकास होगा बिखरेगे रंग ।

सब का हो भला जीवन में उमंग ।
समाज परवर्तित होगा बदलेगा ढंग ।

महत्वपूर्ण बस धेर्य हो सकारात्मक…
सकारात्मकता ही मुख्य शुभ घटक।

धेर्य व्यवहार का शुभ गहना,
समझ कर इसे धारण करना।

जब जीवन की लहरें ऊँची उठाएं,
और परेशानियों की आंधियाँ छाएं।

तब धेर्य से जीने का आदेश होता है,
चंदन की तरह खुद को गंधित करना।

जब चिंताएँ मन को सताएं,
और निराशा की आंधियाँ छाएं।

तब धेर्य से जीने का आदेश होता है,
अग्नि की तरह अपनी रोशनी बढ़ाना।

जीवन के प्रत्येक पथ पर,
चुनौतियाँ बनी रहें बार-बार।

तो धेर्य तुम्हारा साथ देगा,
आगे बढ़ने की ताकत देगा।

संघर्षों के मैदान में उठते हैं तूफान,
और अस्थायी बन जाते हैं मनुष्यों के आदान-प्रदान।

तब धेर्य को निभाने का समय होता है,
जब तूफान की चपेट में हो जाना।

तो धेर्य की शक्ति तुझे आगे बढ़ाएगी,
हर लम्हे में खुद को बेहतर बनाएगी।

धैर्य व्यवहार का शुभ गहना,
समझ कर इसे धारण करना।

यह कविता राम ललवानी जी द्वारा लिखी गई है, आप उनकी अन्य और कविताए पढ़ सकते है, नीचे उनकी कुछ ओर कविताओ के लिंक दिए है। कमेन्ट कर हमारा प्रोत्साहन बढ़ाए, धन्यवाद

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धन से योग्यता

धन से योग्यता का हुआ मुक़ाबला….
धन लूटता योग्यता नहीं वो कला ।
योग्यता की शक्ति से धन उपजता….
समझ योग्यता बड़ी ये साक्षात दिखता ।

योग्यता के विस्तारण में लगे ध्यान….
इसमें सब का भला सब का कल्याण ।
धन आवश्यक लेकिन योग्यता बड़ी….
धन ज़मीनी ,योग्यता आसमान में खड़ी ।

योग्यता की शक्ति से धन उपजता…
समझ योग्यता बड़ी ये साक्षात दिखता ।

धन की माला चमकती है व्यक्ति की आंखों में,
पर योग्यता से ही मिलता है सच्चा सम्मान।

वित्त की सत्ता तोड़े बन्धनों को,
योग्यता की ऊँचाईयों तक पहुँचो।

धन से केवल वस्त्र बदलते हैं लोग,
पर योग्यता से मिलती है विश्वास की नई झोली।

धन जीवन की साधना है केवल,
योग्यता ही है सफलता का मूलमंत्र।

ताकत की दौड़ में धन कहाँ पहुँचा सकता है,
पर योग्यता की उड़ान सबको सच्ची ख़ुशी दिखा सकती है।

धन जो कमाया जाता है उपार्जन से,
योग्यता से ही मिलता है आदर और मान।

धन तो सिर्फ जीवन की एक दौड़ है,
पर योग्यता ही है असली ख़ुशी और बंधन।

धन के पीछे न भागो, योग्यता की ओर बढ़ो,
जीवन को समृद्धि से भर दो।

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