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विचार प्रार्थना

विचार प्रार्थना इच्छा जब सब रहेगा सकारात्मक…..
जीवन होगा सुखमय ,अनूठा ओर कलात्मक…..

अच्छे सच्चे विचारो को बाँटे होवे उनका विस्तार…..
दूसरा भी होवे प्रभावित , जीवन पकड़े सही रफ़्तार ।

जब सब रहेगा सकारात्मक, विचार प्रार्थना इच्छा,
जीवन होगा सुखमय, अनूठा और कलात्मक।

विचार शुद्ध और समर्पित, निरन्तर चलते रहें,
सकारात्मकता की आधारशिला पर जीवन बनाते रहें।

प्रार्थना की शक्ति से हर बाधा को दूर करें,
जीवन को खुशियों से आच्छादित, आनंद से भरें।

इच्छाशक्ति से उज्जवल भविष्य को निर्माण करें,
अपने सपनों की पंक्ति आगे बढ़ाते रहें।

जीवन रंगीन हो जाएगा, खुशियों से भर जाएगा,
सकारात्मकता की आग में सब कुछ जलकर रह जाएगा।

कलात्मकता की छांव में सृजनात्मकता खिलेगी,
हर क्षण को सुंदर बनाएगी, नवीनता से बहेगी।

सोचें आगे के मिशन को, सपनों को पकड़ें चोटी,
अपनी कल्पना के पंखों से आसमान छू जाएंगे हम एक सोती।

विचार प्रार्थना इच्छा जब सब रहेगा सकारात्मक,
जीवन होगा सुखमय, अनूठा और कलात्मक।

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कुछ ऐसे काम करो

कुछ ऐसे काम करो जिंदगी में की लोग तुम्हें भूल ना जाए ,काम करो ऐसे जीवन में,
जो लोग न भूलें तुम्हें;
आदर और सम्मान की माला,
तुम्हारी गर्व से सजाएं।

नई राहें चुनो, नये सपने,
करो काम जो रचें इतिहास;
प्रेरणा बनो आप सबके लिए,
तुम्हारी महिमा गुनगुनाएं।

संघर्षों का मुकाबला करो,
हर चुनौती को गले लगाओ;
अपनी मेहनत से चमकों,
तारीफों से गगन में उड़ाओ।

सेवा का पथ चुनो, उच्च स्थान,
करो दिल से जो बातें;
विश्वास रखो, संयम रखो,
जीवन को बना दो महान।

संगठन में जुटो, मिलकर काम,
सहयोग से पहुंचो आगे;
तुम्हारी योग्यता और संयम,
लोगों को हमेशा याद रखें।

कुछ ऐसे काम करो ऐसे मन से प्रेम से,
जो अनुभव करें सबको आदर;
तुम्हारी मेहनत और उपकार,
बनाएंगे तुम्हे यादगार।

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मन के विचार

मन के विचार, मन में चलते विचारो पर रहे बुद्धि की धार ।
वाणी भी क़ाबू रहेगी होगा मज़बूत आधार ॥
मन वचन कर्म से न किसी का दिल दुखे।
जीवन की कापी में स्वर्ण अक्षर से लिखे ॥

विचारों की धार मन में चलती,
बुद्धि की शक्ति सदा बनी रहती।
जब तक वाणी सच्ची हो और मधुर,
मजबूत आधार बने सबके लिए आदर।

मन, वचन, कर्म की त्रिविधि से,
किसी का दिल न हो कभी दुखे।
आदर के साथ रहे हमेशा,
सुखी बनाए अपने सभी रिश्ते।

प्रेम, शांति, आनंद की देन,
बनाए जीवन को सुंदर और धन्य।
चिंता, कष्ट, द्वेष को छोड़,
अपार खुशियों से भरे हमारे मन्य।

चलते रहें सत्य की मार्ग पर,
उठाएं ऊँचाईयों के पथ पर कदम।
सबका भला करने का हो निश्चय,
हो जाए सबका जीवन सुखदाम।

मन के विचार, मन में चलते विचारों का निर्माण,
बुद्धि की धार से हो संयम।
वचन और कर्म से बने संसार,
दुःख से मुक्ति पाएं सभी आदमी और औरत।

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साधना

साधना किसे कहते है ? पत्थर पर यदि बहुत पानी एकदम से डाल दिया जाए तो पत्थर केवल भीगेगा।

फिर पानी बह जाएगा और पत्थर सूख जाएगा।

किन्तु वह पानी यदि बूंद-बूंद पत्थर पर एक ही जगह पर गिरता रहेगा, तो पत्थर में छेद होगा और कुछ दिनों बाद पत्थर टूट भी जाएगा।

इसी प्रकार निश्चित स्थान पर नाम स्मरण की साधना की जाएगी तो उसका परिणाम अधिक होता है ।
चक्की में दो पाटे होते हैं।

उनमें यदि एक स्थिर रहकर, दूसरा घूमता रहे तोअनाज पिस जाता है और आटा बाहर आ जाता है।

यदि दोनों पाटे एक साथ घूमते रहेंगे तो अनाज नहीं पिसेगा और परिश्रम व्यर्थ होगा।

इसी प्रकार मनुष्य में भी दो पाटे हैं –

एक मन और दूसरा शरीर।

उसमें मन स्थिर पाटा है और शरीर घूमने वाला पाटा है।

अपने मन को भगवान के प्रति स्थिर किया जाए और शरीर से गृहस्थी के कार्य किए जाएं।

परालब्ध रूपी खूँटा शरीर रूपी पाटे में बैठकर उसे घूमाता है और घूमाता रहेगा,

लेकिन मन रूपी पाटे को सिर्फ भगवान के प्रति स्थिर रखना है।

देह को तो परालब्ध पर छोड़ दिया जाए औरमन को नाम-सुमिरन में विलीन कर दिया जाए –

यही नाम साधना है।

साधना किसे कहते हैं, जाने ऐसा कोई नहीं,
वह अनुभव की गहराइयों में छिपी रही रहस्यमयी हैं।
यह एक अभ्यास है, यह एक अवस्था है,
जिसका साधक निरंतर खोजता है सत्य की दिशा हैं।

जैसे पत्थर में पानी का बहाव नहीं था,
वैसे ही इंसान में अनन्त शक्ति रहती है।
साधना से मनुष्य उठता है अपार,
उसका चेतना का आभास होता हैं विचार।

साधना का मार्ग हैं अतीत की खोज,
वहां छिपी गहराइयों में छिपी हैं ज्ञान की बूँद।
ध्यान, तप, प्राणायाम और जप,
ये साधना के अंग हैं, जिनसे मिलती हैं प्रकाश की आप।

प्रेम की उन्मुखी धारा साधक को ले जाती हैं,
आत्मा के अंतर्गत वह अद्वैत अनुभव करती हैं।
वहाँ नहीं रहता द्वंद्व का भ्रम,
बस एकता, प्रेम और शांति की होती हैं धाम।

साधना न केवल शरीर की,
बल्कि मन, बुद्धि और आत्मा की स्वास्थ्य हैं।
यह एक प्रक्रिया हैं, यह एक संगठन हैं,
जो अंतर्मन को देती हैं दिव्यता की ज्ञान हैं।

पत्थर पर पानी एकदम से डाल दिया जाए,
तो पत्थर भीगेगा, इसमें कोई संशय नहीं।
लेकिन साधना से मनुष्य की अनतिम भावना,
पूर्णता की ओर बढ़ेगी, यही हैं निश्चय की राह।

कल की तैयारी

कल की तैयारी हे आज करे अच्छा ।
सोच बड़ी हो तो पूरी होगी हर इच्छा ॥
अच्छा करना जेसे वो बचत खाता ।
बचत खाता ज़रूरत में काम वो आता ॥

अच्छा करना जैसे वो बचत खाता,
संयम और प्रयास से बढ़ जाता।

जीवन की पथशाला में निश्चित सफलता,
कठिनाइयों को पार करेगी विजयता॥

अपार संभावनाएं बस इंतजार करें,
हिम्मत और मेहनत से समर्पित रहें।

कठिनाईयों को तोड़कर आगे बढ़ें,
सपनों की ऊंचाइयों को हाथों में पकड़ें।

जीवन का सफर है, यह जान लें,
हर क्षण को खुशी से जीने की आदत बनाएं।

अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते चलें,
खुद को निरंतर सँवारते चलें।

कल की तैयारी है, आज करें अच्छा,
सोच बड़ी हो तो पूरी होगी हर इच्छा॥

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अहंकार से मुक्ति

भरीं केतली जब जब झुकती तभी वो हो पाती वो ख़ाली ।
इसी तरह अहंकार से मुक्ति के लिए झुकते वही भाग्यशाली ॥
सदा नीवा रहने से नहीं जन्मती शरीर मन में अकड़ ।
वरना दुःख दर्द तकलीफ़ें लेती पाश में लेती वो जकड़॥

भरीं केतली जब जब झुकती तभी वो हो पाती वो ख़ाली।
इसी तरह अहंकार से मुक्ति के लिए झुकते वही भाग्यशाली॥

सदा नीवा रहने से नहीं जन्मती शरीर मन में अकड़।
अहंकार को त्याग कर, पाएं सुख और आत्मिक संत्रष्टि की अपार विश्राम॥

जीवन के समुद्र में हम खोए रहते हैं, अहंकार के प्रवाह में बहते हैं,
परन्तु जब हम झुकते हैं, तभी प्रकृति की गोद में आते हैं।

गर्व से बहुत दूर हो, नम्रता की ओर बढ़ो,
स्वान्तःसुख को पाएं, खुशियों के आगार में बसो।

अहंकार का विनाश कर, मुक्ति का मार्ग खोजो।
नीवा रहो नम्र, जीवन के रहस्य को पहचानो॥

झुकाव और नम्रता में ही संपन्न होती है उच्चता,
विनम्रता से ही मिलती हैं मन की शांति और सुख की बरसाती।

अहंकार को त्याग कर, भाग्यशाली बनो तुम,
नम्रता की ओर चलो, आत्मिक संतुष्टि को पाओ आप।

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बहुत सारा ख्याल

बहुत सारा ख्याल है तुम्हारा,
तुम हो एक मेरा सहारा।
तुम ही हो मेरी जिंदगी बंदगी,
प्यार और संगीत की छंदगी॥

तेरे बिना ये दिन ठंडा है,
तेरे साथ ये जीवन गर्म है।
तू है मेरी आस्था, मेरी प्रेरणा,
तेरे बिना कुछ भी नहीं मेरा अरमाना॥

तेरी मुस्कान मेरे दिल की रौशनी,
तेरी बातें मेरे जीवन की कहानी।
तू है मेरी ख्वाहिश, मेरी आशा,
तेरे संग जीने में है बहुत ज्ञानी॥

जब भी हार मेरे द्वार खटखटाए,
तू ही है जो मेरी राह रोशन कराए।
तू है मेरी सपनों की उड़ान,
तेरे बिना मेरी दुनिया है बेज़ान॥

तेरे संग हर रंग नया लगता है,
तेरे साथ हर पल खुदा बनता है।
तू है मेरी रौशनी, मेरी चांदनी,
तेरे बिना मेरी जगमगाहट है अधूरी॥

बहुत सारा ख्याल है तुम्हारा,
तुम हो एक मेरा सहारा।
तुम ही हो मेरी जिंदगी बंदगी,
प्यार और संगीत की छंदगी॥

खुशियों का फैलाना

जीवन सुंदर इसमें कोई शक शुभा नहीं ।
मिली हुई खुशियों का फैलाना ही सही ॥
ख़ुशियों में होती सुगंध ओर आभा अजब ।
जीवन एक बार का सोदा हे बड़ा ही गजब

जीवन के सुंदरता को कैसे व्यक्त करूँ,
कौनसी बातें इसमें छुपी हैं, कौनसी हैं परचम,
खुशियों का फैलाना, विश्वास जगाना,
कैसे उन एहसासों को सजाऊं, जो छुए अजनबी जगह।

खुशियाँ होती हैं सुगंधित और चमकीली,
मन को मोह लेती हैं वे अद्भुत ख्वाहिशें।
जीवन के रंगों में वे भरती हैं माया,
देती हैं प्यार की मिठास, हर रोज़ नया सपना।

खुशियों की आभा में बसती हैं खुशहाली,
जागती हैं हमारी आत्मा को नई उमंगें।
जीवन के संगीत में गुनगुनाती हैं स्वर,
छाती में भरती हैं खुदरा, नवीनता की हवा।

खुशियों से रंगी हुई दुनिया है अनोखी,
जीवन के विभिन्न पहलुओं में छिपी हैं महिमा।
बस खोजना हैं उन आंधीयों को जो छुए आकाश,
जीवन के सुंदरता को अपने अंतर में समाए।

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अच्छे लोगों का साथ

चमकते अलग से मिलता अच्छे लोगों का साथ ।
इरादे उनके नेक हो उनका होता बहुत बड़ा हाथ ॥
सच्चे मित्र आपके सुख दुःख के वो भागीदार ।
उनसे ही जीवन वो एक बेशक़ीमती किरदार ॥

धन्य हैं वे लोग जो चमकते हैं अलग से,
मिलता है उन्हें अच्छे लोगों का साथ
उनके इरादे नेक होते हैं, और उनका हाथ
होता है बहुत बड़ा, जो सदैव सहारा बनाता है।

सच्चे मित्र होते हैं आपके सुख-दुःख के भागीदार,
जिनकी दोस्ती में है सर्वदा विश्वास और प्यार।
जब आप उदास होते हैं, वे आपके पास आते हैं,
आपके दर्द को समझते हैं, और आपको संबलते हैं।

जीवन के सफर में, जब आप अकेले महसूस करते हैं,
वे मित्र उठते हैं आपके साथ और देते हैं साथ।
सुख के पलों में और दुःख के समय में,
वे आपका सहारा बनते हैं, आपको नया आशा देते हैं।

सच्चे मित्र होने का अर्थ है प्यार और सम्मान,
उनके संग हर दिन बदलती है जिंदगी की कहानी।
चमकते हैं वे अलग से, खुद को साबित करते हैं,
और आपकी जिंदगी में खुशियों का आंचल बिछाते हैं।


अच्छा कार्य करते रहे

शक्कर अंधेरे में खाये या उजाले में मुँह को करेगी मीठा…..
अच्छा कार्य करते रहे कोई देखे या न देखे
बाक़ी सब झूठा ।

कई बार दूर से सामने नहीं दिखता रास्ता…..
सड़क बता रही हे कारण लेकिन दृष्टिकोण होता सस्ता ।
दृष्टिकोण में सुधार करे , करे उसमे विकास ….
तभी बड़ी बड़ी सूचनाएँ समझ पायेंगे करेंगे जब निरंतर प्रयास।

शक्कर अंधेरे में खाये या उजाले में मुँह को करेगी मीठा,
अच्छा कार्य करते रहे कोई देखे या न देखे।

मधुरता उजागर करेगी सदा,
जीवन को रंगीन करके ही छोड़ा।

क्या है जगत की धूप और छाँव,
जो करता है न्याय, सत्य का पालन।

हर कार्य जचाएगा जब भी,
सच्चाई की रोशनी में जब भी।

कितने भी झूठ बस वही रहेगा,
जो सत्य की परिभाषा बनेगा।

जगत के रंग में न रंगे दिल,
अच्छाई की राह पर चले दिल।

कविता यह गीत है सत्य का,
जो आपको कहती है सच्चाई का।

शक्कर अंधेरे में खाये या उजाले में मुँह को करेगी मीठा,
जीवन को सार्थक बनाएगी यह लीला।

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