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इश्क की चर्चा

इश्क की चर्चा होती है,
हर शख्स दिल में रखता है।
प्यार की बातें करते हैं सभी,
मगर इसे समझना नहीं जानते हैं।

इश्क एक ऐसी जादुई छवि है,
जो दिल को चूमती है।
इसके आगे सब कुछ फीका पड़ जाता है,
ये महसूस करने वालों को ही पता होता है।

इश्क में जीवन की हर चीज मिलती है,
प्यार की आँधी में दिल कुछ ऐसा बेहकता है।
अपना सब कुछ खो देने का डर होता है,
पर खुशियों के साथ खुशियों को जीते हुए देखने का अनुभव कुछ और होता है।

इश्क की चर्चा जब होती है,
तो दिल में एक हलचल सी उत्पन्न होती है।
जैसे कुछ बदला है दुनिया में,
उससे ज्यादा बदलता है दिल इश्क के नजरिए से देखता हुआ।

इश्क की बात पर अब खत्म करते हैं,
ये जादुई छवि हमेशा रहेगी दिल में बसी।
जब भी इश्क की बात होगी,
दिल उठ उठकर बोलेगा, जी हाँ, इश्क है ज़िन्दगी में सबसे खुशनुमा चीज़ीं में से एक।

हर रोज बेहतर होना है

हर रोज बेहतर होना है, उस बेहतर होने की तैयारी करनी है

हर रोज बेहतर होने के लिए कुछ न कुछ करना है

एक नई चीज रोज करनी है

कुछ नया सीखना है,

कुछ अलग करने की चाह इस मन में है, जो फिर से करना है

जिस चीज को आप बचपन में बड़े मन से करते है उसको फिर से करो

जो आप सीखना चाहते थे बचपन में उसे फिर से सीखो

कुछ दुबारा करो , कुछ नया करो

कुछ पहली बार करो, तो कुछ बार बार करो

रोज किताबे पढ़ो खुद को बेहतर करने के लिए

स्वयं को सुधारों आने वाले कल के लिए, अपने शब्दों को सुधारों 

हर रोज बेहतर होना है।

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मंजिले है ख्वाब सी

मंजिले है ख्वाब सी वो ख्वाब दिखाए

उलफतों में ना जाने वो कौनसी बात बताए

बस ये उलफते बढ़ती जाए

ख्वाब जिंदगी के ना जाने

कैसे कैसे ये सजाए जिंदगी की उलझनो को ये बढ़ाए ,

ख्वाब कुछ दिखाए – ख्वाब कुछ दिखाए

जिन ख्वाबों को हम पूरा नहीं कर पाए

ये मंजिले ये मंजिले

इन मंजिलों को पाने के लिए

हम क्यों न चलते जाए-हम क्यों चलते न जाए

ये मंजिले हासिल करके हम क्यों ना दिखाए

हर राह इस जीवन की

क्यू ना आसान बनाए

हर मोड़ पर आती है मुश्किल

इन मुश्कलो को पीछे छोड़ हम आगे बढ़ चलते जाए

इस सफर को जिए ओर मंजिल को करीब हम लाए

ये मंजिले आसान कर हम दिखाए

डर क्यू रहे है आगे बढ़ने से

पीछे हट क्यों रहे आगे बढ़ने से

आगे बढ़ कर इस  सफर को  क्यों ना आसान हम बनाए

मंजिल को पाने की कोशिश हम करते जाए

पीछे मुड़ क्यों है देखना

आगे बढ़ कदम के साथ क्यों ना पीछे वाले कदम को साथ लेकर आए

ये मंजिले

क्यू ना हम पाए

कदम हमारे लड़खड़ाए

इन मंजिलों को करीब हम लाए

मंजिले ख्वाब सी एक हकीकत वो बन जाए

इन ख्वाबों को पूरा कर हम चलते जाए

ये हौसला कभी कम हो ना पाए

इन मंजिलों को पा कर ही हम रूके

मंजिले है ख्वाब सी ख्वाब पूरे हम कर दिखाए

हर रोज कुछ नया

हर रोज कुछ नया हो उस नए की तलाश में जिए जा रहा हूँ ,जीवन बहुत छोटा है, समय की बात है ये। इसी खुशी के साथ हर दिन मैं उठता हूँ,
जीवन के सबसे महत्वपूर्ण मौकों की तलाश में।

हर रोज नए सपनों की तलाश में हूँ,
जो मेरे जीवन को नई दिशा दें।
जो मेरे जीवन को नए आकार दें,
जो मेरे जीवन को नई उमंग दें।

हर रोज नए अनुभवों की तलाश में हूँ,
जो मेरे जीवन को नई शक्ति दें।
जो मेरे जीवन रूढ़िवाद से मुक्त करें,
जो मेरे जीवन को नए दिशानिर्देश दें।

हर रोज मैं नई उमंगों की तलाश में हूँ,
जो मेरे जीवन को नया रूप दें।
जो मेरे जीवन को नया उत्साह दें,
जो मेरे जीवन को नयी दृष्टि दें।

हर दिन नए संभावनाओं की तलाश में हूँ,
जो मेरे जीवन को नई उड़ान दें।
जो मेरे जीवन को नई राह दिखाएं,
जो मेरे जीवन को नई नींव दें।

हर रोज कुछ नया हो उस नए की तलाश में,
जीवन के सबसे महत्वपूर्ण मौकों की तलाश में।
जीवन के सफर में जब भी मैं रुकता हूँ,
मैं उस नए की तलाश में ही रहता हूँ।

हर रोज कुछ नया हो उस नए की तलाश में,
जीवन के सफ़र में नए रास्ते खोजते हुए।
जिस दिन बिना कुछ सीखे गुज़र जाता हूँ,
उस दिन का सफ़र बेकार माना जाता है।

हर सुबह उठते ही नयी उमंगों से भरा होता हूँ,
नए कामों की तलाश में अधिक सक्रिय बनते हुए।
जीवन के उतार-चढ़ावों में अपने आप से दोस्ती करता हूँ,
और नए स्वप्नों की तलाश में आगे बढ़ता हूँ।

हर रोज एक नया दौर शुरू करता हूँ,
नए साथियों की तलाश में आगे बढ़ता हुआ।
जीवन के साथ चलते हुए नए संघर्षों से लड़ता हूँ,
और अपने आप से नयी उंगलियों की तलाश में हुआ।

हर रोज जीवन के नए सारे रंगों को अपनाता हूँ,
नए अनुभवों की तलाश में नयी जिज्ञासा के साथ।
जीवन के प्रत्येक क्षण को अपने अंतर्दृष्टि से जोड़ता हूँ,
और खुशियों की तलाश में सदैव आगे बढ़ता हूँ।

हर रोज एक नया सपना देखता हूँ,
नए उद्देश्यों की तलाश में आगे बढ़ता हुआ।
जीवन की इस अनंत यात्रा में नए उलझनों से लड़ता हूँ,
और एक नए दिन की तलाश में सदैव आगे बढ़ता हूँ।

खुद को बेहतर बनाने

खुद को बेहतर बनाने के लिए आपको लगातार अपने विचारों पर कार्य करना होगा हम किसी भी कार्य को बहुत देर तक करते है तो बोर हो जाते है लेकिन हमे उस बोरियत वाली सिचूऐशन से आगे बढ़ना होगा।

अपने अंदर की ताकत से,
खुद को बेहतर बनाना है।
जीवन के संघर्षों में,
खुद को नया मीठा रंग देना है।

जो दुख देता है तेरे जीवन को,
उसे हँसाते हुए पार करना है।
जो रुकावटें बनती हैं तेरे रास्ते में,
उन्हें नई दिशा देकर मार्ग पार करना है।

जीवन के दुख-दर्द से,
खुद को मुक्त करना है।
नए सपनों की उड़ान भरने के लिए,
खुद को नए राही बनाना है।

जीवन के सफर में,
खुद को नये अवसर देना है।
जीवन के प्रत्येक पल में,
खुद को बेहतर बनाना है।

खुद को बेहतर बनाने की चाह,
जीवन में सफलता की सीढ़ियों को पार करना है।
दुख-दर्द से अपने आप को मुक्त करना है,
खुशियों की तलाश में खुद को नया रास्ता देखना है।

खुद को सबसे बेहतर बनाना है,
अपनी ताकतों को पहचानना है।
संघर्ष को जीत के रूप में देखना है,
हर चुनौती को अपने लिए एक अवसर मानना है।

खुद को बेहतर बनाने की उत्सुकता हमेशा बनी रहनी चाहिए,
आगे बढ़ते रहने की भरपूर उमंग रखनी चाहिए।
ना हार मानने की इच्छा रखनी चाहिए,
बल्कि हर दिन अपनी जीत के लिए लड़ते रहनी चाहिए।

सपने बड़े हो

सपने बड़े हो , सपने जीतने बड़े देख सको उतने बड़े देखो, छोटे सपनों को पूरा करने में मज़ा नहीं आता, सपने बड़े हो हम कभी न डरे हो,
जीवन की ये चुनौती हम कभी न हारे हो।
सपनों के पीछे दौड़ते रहो,
अपनी उम्र बीतते रहो, पर सपनों से कभी न हारे हो।

अपनी मंजिल की तलाश में जाओ,
उच्च ऊँचाईयों पर जाओ, मगर न कभी रुको।
जीवन की हर चुनौती से लड़ते रहो,
अपनी ताकतों को पहचानते रहो।

सपनों के पीछे दौड़ते रहो,
आगे बढ़ते रहो, किसी चीज से न घबराओ।
जीत के लिए तैयार रहो,
दुख-दर्द से नहीं, जीत के लिए हार जाओ।

सपनों के इन बादलों से उठो,
उन्हें छुओ, उन्हें पकड़ो, उन्हें अपने साथ ले जाओ।
जीवन की उड़ान से ऊँचे आसमान तक जाओ,
पर सपनों से कभी न हारो।

सपने बड़े हो हम कभी न डरे हो,
हम जीत के लिए तैयार हो, हम हार न माने।
अपने सपनों को पाने के लिए हम लड़ते रहे,
जीवन की ये चुनौती हम कभी न हारे हो।

मन में सपनों

निकला था उस ठिकाने को ढूँढने जिसका पता भी नहीं मालूम,
मन में सपनों के अलग ही उत्साह लिए हुए।
जाने क्या मिलेगा रास्ते में,
पर मन में जज्बातों के तूफान उठे हुए।

ये दौड़ जीवन की ये चुनौती है,
जिसे अपनी ताकतों से माना जाना है।
अपने सपनों की तलाश में निकलो,
खुद को अगली मंजिल पर पहुँचाना है।

रोक नहीं सकती ये दुनिया तुम्हें,
जो तुम्हारे सपनों की उड़ान भी नहीं रोक पाती।
सफलता की राह में होगी बहुत चुनौतियां,
पर हार नहीं मानो, जीत को प्राप्त करो तुम भी।

ये दिन नहीं रहेंगे दूर,
जब तुम अपने सपनों की उड़ान उड़ा पाओगे।
रास्तों में मिलेगी अनजानी खुशियाँ,
तुम्हारी मेहनत और उमंगों से बरसाओगे।

निकला था उस ठिकाने जिसका पता भी नहीं मालूम,
पर मन में सपनों के अलग ही उत्साह लिए हुए।
दिल में अग्नि भर दो तुम,
सपनों की उड़ान तुम्हारे कदम चलाएगी आगे।

मन को कैसे रोके

इस मन को कैसे रोके जो मन भीतर हो रही है उछल कूद है

इस मन को कैसे रोके

इस मन के आवेश में कितने है झोंके

इस मन को कैसे रोके

यह मन यह मन

इधर उधर ले जाए

जीवन संग सतरंगी सपने सजाए

जीवन की उधेड़ बुन में लगाए

नए नए रंग जीवन संग जोड़े  

इन रंगों में इंसान खुद ही गुम हो जाए

इस मन भीतर अनेक कल्पना सज रही है

जो ये मन सजाए

इस मन को कैसे कैसे

हम समझाए

नित नए कार्यों में यह मन लग जाए

मंजिल मिलेगी

तू अपनी राहों को चुन न पथ से भटक तू आगे बढ़ तू चल ,राह में रुकवटे आती है बहुत ,तू मंजिल को ना छोड़ ,बस अडिग हो बढ़ चल , मंजिल मिलेगी ना मिलेगी , ये क्या पता हमें,
पर जो भी कहते हैं, उस पर विश्वास हमें।
हर मुश्किल में थोड़ी होती है चुनौती,
पर जब दृढ़ता से जीत लेते हैं, तब खुशी से भर जाते हैं हमें।

मंजिल मिलती है या ना नहीं , इससे फर्क पड़ता है,
जो बीत गया उस पर शोक नहीं, नयी उमंगों का है अभिप्राय।
हर नयी चुनौती से अच्छे से लड़ते हैं हम,
जब तक हौसला हमारा बढ़िया, तब तक कुछ भी नहीं हमारा हार।

मंजिल मिलेगी ना मिलेगी, ये क्या मायने रखता है,
जीवन हमें आनंद देता है जब हम प्रगति करते हैं।
हमने नयी उमंगों से हमेशा संघर्ष किया है,
जब मंजिल मिलती है, तब खुशियाँ हमें जागृत करती हैं।

मंजिल मिलेगी ना मिलेगी, ये तो भगवान जानते हैं,
पर हमें बस यही जानना है, कि जीवन एक यात्रा है।
हम सभी अपनी मंजिलों की तलाश में हैं,
जब तक जीवन हमारे साथ है, तब तक तो हमें बस अपने सपनों को पूरा करना है।

ए मुसाफिर

ए मुसाफिर
वजह बेवजह तू मुस्कुराता चल
वजह बेवजह तू मुसकुराता चल
बेखबर राहो पर तू आगे निकल

तुझे मिलेगी चुनौतियां
उन चुनौतियों पर कदम बढ़ाता चल
तू चल , तू चल , तू चल

ना थकना
ना रुकना
ना घबराना
ना हार मान जाना तू
बन अपना साथी तू
खुद से खुद में जाकर तू मिल

भूत , भविष्य की फिकर छोड़ दे
वर्तमान के साथ जी तू हर पल
ए मुसाफिर तू कदम बढ़त चल

हर डगर, हर मंजिल पर न तू रुक
बस अपनी मंजिल पर नजर रख कर
बढ़ता तू आगे चल , बढ़त तू आगे चल

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