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शब्दों की गठरी

शब्दों में गाठ जो लगी है उन्हे खुल जाने दो इनको शब्दों की गठरी ना बनाओ तुम, इनका खुलना ही बेहतर होगा यदि ये गाठे नहीं खुली तो भीतर तकलीफ होगी, तुम्हारा शरीर , तुम्हारा मन , तुम्हारी बुद्धि रोग से ग्रसित हो जाएगी।

इन शब्दों को ध्यान, योग आदि क्रिया से हल्का करो तभी तुम अच्छा महसूस करोगे, यदि तुम्हारे मन, मस्तिष्क में प्रश्न घूम रहे है तो उन्हे पूछ डालो निसंकोच होकर यही हल है भीतर से शांत होने का कब तक, तुम इन अपाच्य शब्दों को भीतर ही रखोगे।

रविवार का दिन

रविवार का दिन खास क्यों है ? आज रविवार है वही सुबह उठना ओर चल देना काम पर उस दिनचर्या से मैं अब बाहर हूँ ,जब मन करता है काम करता हूँ जितनी देर मन करता है उतनी देर काम करता हूँ, अब मैं उस समय सारणी को फॉलो नहीं करता जिसमे मैं बंध जाऊ कुछ लोगों को बंधन अच्छा लगता है।

लेकिन मुझे नहीं, जैसे मैंने पहली नौकरी भी इसी वजह से छोड़ी थी की मुझे बंधकर काम नहीं करना बस मैं खुद के समय के अनुसार काम करूंगा जितना मन करेगा उतना काम करूंगा ओर एसा बिल्कुल नहीं है की मैं काम कम करता था, मेरी काम करने की क्षमता शुरुआत से काफी अधिक ही थी ओर आज भी मैं लंबे समय तक काम करता हूँ, बस फरक इतना है की वो मेरी मनपसंद का काम नहीं था यह मेरी पसंद का काम है जिसको मैं पूरे मन से करता हूँ।

एक खास दिन जो कोई भी दिन हो सकता है सप्ताह का मेरे लिए रविवार था, अपने दिन को ढूँढना, अपने समय को ढूँढना को व निकालना क्युकी समय की उस डोर से तुम्हें अलग होना है खुद के लिए हम सभी के पास 24 घंटे है लेकिन वो 24 घंटे किस कार्य में लगाते हो बस वही उपयोगी है, आप गेम खेलतों, बाहर दोस्तों के संग जाते हो, यू ही बैठ समय को बिताते हो, या फिर किसी के साथ बहस करने लग जाते हो उस समय की डोर को पकड़ो वो तुम्हारे ही हाथों में है।

हममे से बहुत से लोग रविवार को घूमने के लिए रखते है, कुछ काही जाने के लिए कुछ अपनी जिंदगी में जो करना चाहते है उसके लिए कुछ अपनी skill को Develop करने में या किसी क्लास में, कुछ सीखने में या दोस्तों से मिलने में लेकिन आप रविवार को क्या करते है? क्यूकी यह रविवार वाला दिन है, जब आप कुछ नया करते है तो बताए हमे की आप क्या करते है?

मेरे एक मित्र है विनीत अरोरा जी को पक्षियों से बड़ा लगाव है, और उनकी फोटो खिचने का भी बहुत शोक है वह हर रविवार को निकल जाते है घर से दूर पक्षियों की फोटो खिचने के लिए अलग अलग जगह जाते है।

मेट्रो का सफर

मेट्रो का सफर आज कुछ जो इस तरह से शुरू किया वो मजेनटा लाइन की और था, इस रूट पर वसंत विहार तक अधिकतम वही स्टेशन आते है जो कंटेनमेंट जोन है यहाँ पर सभी लोगों को आने ओर जाने की अनुमति नहीं होती जो इधर रहता है या कोई कार्ये करता है उसीको आने जाने अनुमति है, यदि इधर आपको जाना है तो आपको valid permission चाहिए होती है, तभी आपको उस ज़ोन में जाने की अनुमति मिलती है। जो स्टेशन कन्टैन्मन्ट ज़ोन में आते है उनकी अनाउन्स्मेन्ट पहले ही मेट्रो में होती है जिससे आपको यह पता चलता है की आप बिना वजह इधर नहीं उतर कर घूम सकते तो, तो इस बात का अवश्य ध्यान रखे। हम शायद करना के दौरान इस रूट पर से कही गए थे तब कंटेनमैंट जोन के लिए अनाउंस हुआ तो हमे लगा बहुत बड़ा कंटेनमेंट जोन है लेकिन आज जब फिर से इधर गए तो इसका मतलब यह आम रास्ता नहीं है भाई साहब तो इधर आना जाना प्रतिबंधित है।

जैसा की आप इस बॉर्ड को देख रहे है उसमे मेट्रो ट्रेन के कोचेस में कितनी जगह भरी हुई है उसे प्रतिशत में दिखाया गया है। जिससे यह पता चलता है की कौनसे कोच में कितने प्रतिशत लोग बैठे है, ओर आपको जगह मिल सकती है या नहीं इसी उद्देश्य से यह बोर्ड लगे है, इसी बोर्ड को देखकर आप भी उस कोच में एंट्री करे ओर सीट पर बैठे यह जनकपुरी पश्चिम से बोटोनिकल की मेट्रो के मध्य का रास्ता है।

मेट्रो का सफर कुछ इस तरह था
मुनिरका मेट्रो स्टेशन

 

जनकपुरी से सदर छावनी तक एक लंबी टनल है जो सबसे लंबी टनल रूट है दिल्ली मेट्रो का यही मेट्रो बोतनिकल गार्डन तक कई बार टनल से होकर गुजरती है, जब टनल से बाहर आती मेट्रो तब मैं बादलों की तस्वीर ले लेता आज कुछ मनमोहक दृश्य आसमान में बन रहे थे बादल जैसे मेरा मन लूट रहे थे, मैं जब निकला था घर तब समय नीचे वाली तस्वीर दर्शा रहा हूँ, बादलों की ओट में सूरज छुपम छिपम खेलते है ये भी बता रहा हूँ।

समय
समय

आज सूरज चाचू बड़े अच्छे मूड में थे एसा लगा की वो छुपम छुपाई खेल रहे थे कभी बादलों की ओट में छिप रहे थे तो कभी उस ओट से बाहर निकल रहे थे, जैसे बादलों से बाहर आते तो अद्द्भुत दृश्य बादलों का दिख रहा था, कुछ कुछ प्रतीत हुआ इंद्रधनुष भी कही बन रहा था लेकिन ना जाने वो मेरी आँखों से कही दूर छिप रहा था।

बादल
बादल

बादलों के दृश्य को देख मैं मनमोहक हुए जा रहा था मानो मैं बादलों सा होने की दुआ मांग रहा था लेकिन ये सच कहाँ होने को जा रहा था जैसे जैसे मेट्रो स्टेशन पास आ रहा था , मैं अभी जमीन पर हूँ मैं आसमान से बादलों को मांग रहा था।

मेट्रो का सफर कुछ इस तरह था
बादल

आज मेट्रो का सफर इतना ही किया बाकी फिर दुबारा मिलेंगे

गर्मी का मौसम है

क्या गर्मी बहुत हे
अधिकतर हाँ जी बहुत हे
भाई अधिकतर A.C में रहते हो
नहीं छोड़ते उसको किसको यह कहे,

जब कभी दिन में पड़ता निकलना
जैसे हो गया आफ़त से सामना
शरीर पसीने पसीने होता
शरीर में ख़त्म होता पानी का कोटा

शरीर लगता जैसे लाल टमाटर
लगता बंद हो रहा सांसो का शटर
a.c थोड़ी देर अच्छा वरना
घर वो बीमारी का

बीमारी की नई नई क़िस्म
नई नई दुश्वारियों का
रोज़ बाहर निकलिए
शिकंजी लस्सी पीजिए

आपने वो तो सुना हे गाना
गाना गुनगुनाना सबको सुनाना
क्या हे बोल
बहुत अनमोल

ठंढे ठंढे पानी से नहाना चाहिए
गाना आए या न आए गाना चाहिए
तो न कहे बहुत हे गर्मी
गर्मी में गर्मी नहीं तो क्या होगा हठधर्मी

गर्मी आई तुझे मज़बूत करने
धन्यवाद करे उसका न लगे उससे डरने ।

रविवार वाला दिन

रविवार वाला दिन कही खो तो नहीं गया ? एक समय था जब मैं सिर्फ संडे को घुमा करता था हर हफ्ते घर से निकलता तह कभी फिल्म देखने तो कभी कही घूमने या सत्संग सुनने , मंदिर या किसी मित्र के साथ चाय पर चर्चा हो जाती थी , वो रविवार ही होता था जब मैं स्वयं को पाता था की मेरी जिंदगी में कुछ बढ़ रहा है , वो रविवार ही होता था, जो मुझे बहुत प्यार था

पिछले कुछ सालों से मानो मेरा कोई रविवार नहीं आया था कुछ अधूरा अधूरा स लग रहा था भीतर मानो खालीपन था कोई उत्सुकता नहीं थी ,बस जिंदगी भी घर से दुकान ओर दुकान से घर जिस तरह से लोग कहते है “ मुल्ला जी की दौड़ मस्जिद तक ” बस यही मेरी जिंदगी का हाल था कुछ बदहाल था, वो रविवार आज फिर से लौट आया है बड़ी मसक्कत के बाद मैने रविवार को अपनी जिंदगी में फिर से बुलाया है।

लेकिन आज बहुत लंबे समय बाद फिर से उस रविवार को जीकर आया हूँ, अब लगता है की हर रोज मेरी जिंदगी का रविवार हो, काम उतना जितनी जरूरत है ओर मेरा जीवन भी उतना ही जरूरी है जैसे मेरी जिंदगी में इतवार जरूरी था, एक आजादी का अनुभव हुआ आज अकेले घूमने पर बस ये घूमने वाली आजादी मेरी कायम रहे ओर मैं घूमता रहू यू ही , रुकु नहीं अब बस मैं चलता रहू, मेरा रविवार वाला दिन मुझे फिर से मिल गया है इस रविवार के साथ मेरी यादे जुड़ी है जिनको मैं सजाकर रखना चाहता हूँ ओर इन यादों संग कुछ और यादे आने वाले संग जोड़ना चाहता हूँ।

कही आपका रविवार तो खो नहीं गया क्या आप भी बाहर जाते थे गोल गप्पे, दोस खाने सिर्फ उस रविवार को , क्या आप भी इंतजार करते थे उस रविवार का या करते है रविवार का इंतजार यदि हाँ तो कैसा था आपका रविवार मुझे भी बताए

पसंद और नापसंद

पसंद और नापसंद

अपनी पसंद का कार्ये करे हम सभी लोग, परंतु अपनी पसंद का काम क्यों नहीं कर पाते?

कहते है जो काम आपको नापसंद है फिर भी आप उसी काम को कर रहे है तो वह काम आपके लिए वैसा ही है जैसे किसी बच्चे से पढ़ाई को छुड़वाकर उसको काम पर लगा दिया हो।

अब उस बच्चे के जीवन की कल्पना करो की क्या होता है उस बच्चे के जीवन के साथ वही दशा आपके साथ होती है जब आप अपनी पसंद का कार्य नहीं करते।

इसलिए अपनी पसंद और नापसंद के कार्य के लिए सोचो जब आप अपनी पसंद का कार्य करेंगे तो आपका मन ज्यादा काम में लगेगा इधर उधर नहीं भटकेगा, आपकी कार्य करने की क्षमता भी बढ़ेगी , साथ ही आप नए नए तरीके सोचोगे उस कार्य को करने के लिए

लेकिन जिस काम में आपका मन नहीं उस काम को उतनी अच्छी तरह से नहीं करते हमेशा चिड़चिड़ापण लगता है , गुस्सा आता है आपकी खुशी कही खो जाती है फिर वो काम सिर्फ साधनों को जुटाने के लिए ही कर रहे होते है।

समय की बर्बादी

समय की बर्बादी

आप जितना चाहो उतना समय बर्बाद कर सकते हो यह जीवन आपको मिला है पूरा जीवन आप व्यर्थ के कामों में लगा सकते हो, इस जीवन में आपके पास समय की कोई कमी नहीं है जितना आप समय बर्बाद करेंगे उतना ही सफलता से दूर हो जाओगे उतना ही दूर अपने कार्यों से हो जाओगे, उतना ही दूर आप अपने जीवन के मूल्यों से हो जाओगे, यह एक जीवन आपको समय का उपयोग करने के लिए मिला है इसे सही दिशा में लगाए।

समय लगातार बर्बाद , व्यर्थ करने के लिए हमारे पास बहुत समय है इसको कितना भी चाहो तुम बर्बाद कर सकते हो लेकिन यदि इसे सही दिशा ओर कार्यों में लगाया गया तो यह समय आपको उन उचाइयों पर पहुच देगा जहां तक की आपने शायद अभी कल्पना भी नहीं की हो कभी।

समय का सदुपयोग कैसे किया जाए ?

समय की हानी को रोक जाए हमारा समय लीक हो रहा है इसको रोक जाए यह कहाँ से लीक हो रहा है अपने समय को देखे यह किस ओर जा रहा है। उस जगह से हटाकर इस समय को उचित जगह ले जाया जाए,

इस जगह यह प्रश्न उठता है की लीक या लीकेज क्या है? जिस तरह से कभी कोई पानी का नल खराब हो जाता है तो उस नल में से एक एक बंद पानी बाहर निकाल पूरी टंकी खाली हो जाती है, उसी तरह आप थोड़ा थोड़ा समय जो बर्बाद कर रहे है वह आपके जीवन को खराब कर रहा है इसिको लीकेज कहते है, इसे रोका जाना चाहिए ताकि आपका जीवन एक बेहतर दिशा की अग्रसर हो ओर आप जीवन को बेहतर बना पाए , इसमे समय लगता है परंतु धीरे धीरे हम अपने समय की हानी को रोक सकते है।

क्या आप ज्यादा समय टीवी, मोबाईल, व्यर्थ की बातों में बिताते हो ? यदि हाँ तो आज से अपने समय की हानी को रोकिए ओर उस समय को खिचकर एक जगह पर एकत्रित कीजिए ताकि वह समय आपको एक बेहतर इंसान बनाए जिस कार्य को आप करना चाहते है उस कार्य को अपनी क्षमताओ के सात कर सको।

एक बड़े स्तर पर अपने समय को देखा जाए की वह कहाँ से खराब हो रहा है समय को लीक होने से रोके समय उस गड्ढे में गिर रहा है जहां से वो वापस नहीं सकता इसलिए उसको गिरने से बचाए व रोके ताकि समय का बहाव आपके साथ ही रहे आप उसके सामने खड़े रहे समय आपको धकेलने की कोशिश करेगा परंतु आपको वही अडिग रहना है उसको अपने ढंग से प्रवाहित करना है।

(पानी के साथ एक चित्र जिसमे एक व्यक्ति पानी के सामने खड़ा है ओर उस लड़के के पीछे एक गड्ढा बना हुआ जिसमे पानी जा रहा है वह लड़का उस पानी को गिरने से रोकता है चित्र बनाना है यहाँ पर)

ताकि हम समय को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सके हमारे समय की हानी हो रही है इसको कैसे बचाए हमे यही जानना है।

समय को देखो वह किधर जा रहा है , इसको उस जगह से हटा कर जरूरी के कार्यों में लगाना शुरू करे।

हम बहुत बाते करते है, कभी कभी तो ज्ञान देने में इतने मशगूल हो जाते है की समय का पता नहीं चलता की वो समय कहाँ गया ओर वह समय खतम होता जाता है इसलिए समय को व्यर्थ नहीं करे।

हम बिना मतलब के कार्यों में उलझे हुए है, उन कार्यों से हाथ जोड़ ले ओर जरूरी के कार्यों में लगे।

टीवी, समाचार, फालतू की बकवास यह सब हम बहुत ही ज्यादा करते है, यदि आपको टीवी देखना है कुछ सीखने के लिए टीवी देखे जितना ज्यादा आप सीखेंगे उतना ही बेहतर हो पाएंगे , उतने बेहतर तरीके से आप अपना कार्य करेंगे।

क्या आप अपने काम को मन से नहीं करते, मन लगाकर नहीं करते या आपका काम में मन नहीं लगता इनमे से कोई भी एक कारण हो सकता है, जिसकार्य को करने में आपका मन लगता है वह कार्य करे इससे आप समय को नष्ट कम करेंगे।

जीवन में अच्छे विचारों का संग्रह करे

जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या करे?

छोटे छोटे विचार जो आपके जीवन को लगातार बदल सकते है, आपके जीवन को सकारात्मक बना सकते है, आपके जीवन को बेहतर बना सकते है। 

उन विचारों को अपने जीवन का हिस्सा जरूर बनाए, उन विचारों को अपने में उतारे यही वो विचार है जो आपका जीवन दिन प्रतिदिन बेहतर बनाते है, ओर एक दिन आपका जीवन बहुत बेहतर हो जाता है, जिस भी उम्र के पड़ाव पर हम है उस उम्र की परवाह न करे बस बस स्वयं को बेहतर बनाते जाए एक दिन आप निखर कर सामने आएंगे।

जैसा की हम सभी जानते है एक पूरे दिन में मस्तिष्क में लगभग 60 हजार विचार आते है परंतु क्या वह सभी विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है? नहीं वह सभी विचार हमारे लिए महतवपूर्ण नहीं होते

क्युकी वह सभी विचार हमारे कुछ न कुछ सोचने की वजह से, कुछ न कुछ कार्य करने व देखने की वजह से उत्पन्न हो रहे है या फिर हम पुरानो दिन में खुद को खो देते है बस वही विचार हमारे मस्तिष्क में लगातार घूमते रहते है।  

यदि हम कुछ अच्छे ओर सकारात्मक विचारों लिख कर उन्हे बार बार मन में दोहराए व सिर्फ ओर सिर्फ उन्ही विचारों के बारे सोचे तो आप देखेंगे की आपके जीवन में कितना परिवर्तन आता है।

विचारों का प्रभाव हमारे जीवन पर   

हम हर रोज थोड़े थोड़े बेहतर होते जाएंगे।

हर रोज हमारे भीतर नई ऊर्जा का संचार होगा।  

हर रोज हम जीवन के प्रति सकारात्मक होंगे।

आपका मन सदेव प्रसन्न रहेगा।

यह अनुभव एकदम से होने लग जाता है, जैसे जैसे हम अपने पुराने विचारों की आदतों को तोड़ते रहते है हम नए-नए विचारों के अनुभव को जगह देने लग जाते है, जब तक पुरानी सोच, पुरानी धारणाओ को नई छोड़ेंगे तब तक नई की उपसतिथि कैसे होगी? इसलिए उन पुराने विचारों को मस्तिष्क के भीतर से हटाए ओर खुद को नए विचारों के साथ जोड़े, इन नए विचारों सकारात्मक होने दे अपने भीतर तक और इन नए ओर सकारात्मक विचारों के साथ जिए हमारे भीतर जो नकारात्मक विचार है उनको बाहर निकाले। 

कुछ मुस्कुराहट रखो

कुछ मुस्कुराहट रखो अपने होंठों पर, इस मुस्कुराहट को बस दबाना मत जिंदगी के चेहरे पर मुखोंते लगाना मत

कुछ मुस्कुराहट रखो, गम को भुलाकर,
खुशियों को अपने जीवन में बुलाकर।
आने वाले कल की उम्मीदों को संजोकर,
जीवन की राहों में आगे बढ़ते जाओ सदा।

ज़िंदगी का सफर थोड़ा दुखद हो सकता है,
कुछ दिन सारे अँधेरे हो सकते हैं।
पर चिंता मत करो, आशा का दीप जलाकर,
जीवन के हर पल को खुशी से जीते जाओ सदा।

प्रतिदिन कुछ नया सीखो और नए सपने देखो,
जीवन के रंगों को दिल में समेटो और खेलो।
जीवन के हर एक पल को खुशी से जीतो,
मुस्कुराते हुए जीवन की सारी यादें संजोते जाओ सदा।

जीवन का अर्थ है खुशी से जीना,
चिंताओं को भुलाकर सफलता की राह पर चलना।
ज़िंदगी के सभी उद्देश्य पूरे हों,
मुस्कुराते हुए हर पल को जीते जाओ सदा।

जीवन की यात्रा में गम होंगे भी।
पर मुस्कुराहट ना छूटे कभी से तुम्हारे होंगे भी।
चलते जाओ आगे, अपने सपनों की ओर,
मुस्कुराते हुए जीवन को जीते जाओ सदा।

जिंदगी की मसकक्त

मैं आज भी उस दौड़ का हिस्सा हूँ ,एक कहानी हूँ, एक किस्सा हूँ कभी भागता हूँ, कभी रुकता हूँ ,जिंदगी की मसकक्त से इंसान हूँ

बस न रुकता हूँ न थकता हूँ, जिंदगी की मसकक्त कभी खत्म नहीं होती,
जीते जाओ हर पल खुशी से और मुस्कुराते जाओ।
चलते जाओ अपनी राहों पर चाहे जैसी भी हों,
खुशियों से भरी राहें हमेशा खुली रखो।

जीवन की मसकक्तों से नहीं घबराओ,
आगे बढ़ते जाओ और जीते जाओ सदा।
जीवन का सफर होता है थोड़ा मुश्किल,
पर चिंता मत करो और हर पल को मस्ती से जीते जाओ।

जीवन की मसकक्तों से नहीं घबराओ,
आगे बढ़ते जाओ और मुस्कुराते जाओ सदा।
चलते जाओ अपनी राहों पर चाहे जैसी भी हों,
खुशियों से भरी राहें हमेशा खुली रखो।

जीवन की मसकक्तों से होंगे हर पल झमेले,
पर चिंता मत करो और उमंग से जीते जाओ।
हर एक पल को खुशी से जीतो,
जीवन की राहों में आगे बढ़ते जाओ सदा।

जिंदगी की मसकक्त कभी खत्म नहीं होती,
जीते जाओ हर पल खुशी से और मुस्कुराते जाओ।
चलते जाओ अपनी राहों पर चाहे जैसी भी हों,
खुशियों से भरी राहें हमेशा खुली रखो।