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शब्द से शुरू

शब्द की यात्रा शब्द से शुरू होती है, ओर निशब्द होने पर रुक जाती है। शब्द को मौन भी होना होगा, शब्द को एक दिन शांत तो होना ही होगा, कब तक शब्द बजते रहेंगे।

एक दिन दिन वो मौन में ठहरने की कोशिश करेंगे।

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मुस्कुराओ

मुस्कुराओ ….क्युकी दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है, जो मुसकुराता है वो दुनिया को बदलने की हिम्मत रखता है, उसका विश्वास अपनी मुस्कुराहट से ओर बढ़ जाता है, वो मुरझाए हुए चेहरों को फिर से नई जान देता है, उनके भीतर नई ऊर्जा भर देता है।

मुस्कुराओ क्युकी दुनिए का हर आदमी कहिले फूलों ओर कहिले चेहरे को पसंद करता है।
मुस्कुराओ

मुसकुराना मानो दुनिया का खुद से ही बदल जाना है, मुसकुराना एक कला है भीतर चाहे कितने ही दुखी दुखी लेकिन आपके होंठों पर मुस्कुराहट दूसरों के चेहरों पर भी मुस्कुराहट भर देता है।

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मन के विचार

मन के विचार, मन में चलते विचारो पर रहे बुद्धि की धार ।
वाणी भी क़ाबू रहेगी होगा मज़बूत आधार ॥
मन वचन कर्म से न किसी का दिल दुखे।
जीवन की कापी में स्वर्ण अक्षर से लिखे ॥

विचारों की धार मन में चलती,
बुद्धि की शक्ति सदा बनी रहती।
जब तक वाणी सच्ची हो और मधुर,
मजबूत आधार बने सबके लिए आदर।

मन, वचन, कर्म की त्रिविधि से,
किसी का दिल न हो कभी दुखे।
आदर के साथ रहे हमेशा,
सुखी बनाए अपने सभी रिश्ते।

प्रेम, शांति, आनंद की देन,
बनाए जीवन को सुंदर और धन्य।
चिंता, कष्ट, द्वेष को छोड़,
अपार खुशियों से भरे हमारे मन्य।

चलते रहें सत्य की मार्ग पर,
उठाएं ऊँचाईयों के पथ पर कदम।
सबका भला करने का हो निश्चय,
हो जाए सबका जीवन सुखदाम।

मन के विचार, मन में चलते विचारों का निर्माण,
बुद्धि की धार से हो संयम।
वचन और कर्म से बने संसार,
दुःख से मुक्ति पाएं सभी आदमी और औरत।

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सकारात्मक विचार

सकारात्मक विचार का जेसे जेसे होगा विकास गतिमान होंगे सकारात्मक बदलाव….
विकास ओर बदलाव पूरक ओर समान्तर का दोनो में निहित भाव ।
विकास हो चाहे व्यक्ति का , चाहे समाज हो विकसित…
सोचने का दृष्टिकोण में बदलाव होता अपरिमित ॥

हर समाज हर व्यक्ति की चाहत आए विकास की लहर…
कर्म करे निरंतरता से इसी दिशा में सुबह हो या शाम पहर ।
फिर विकास बनेगा अधिकार ओर सोच होगी सम्मानित…
यह परम सुख जीवन का सब कुछ इसमें हे समाहित ॥

सकारात्मक विचार जब विकास की राह पर जाते हैं हम,
तो सकारात्मक बदलाव होते हैं क्रमशः।
संघर्षों से भरी है यह यात्रा,
पर सफलता की ओर हैं हम जुनूनी।

विकास और बदलाव दोस्त हैं हमारे,
स्वभाव समान्तर दोनों के विचारे।
चमकती है जब सभ्यता की रौशनी,
तब विकास का दीप प्रज्वलित होता है।

व्यक्ति का विकास हो या समाज का,
आगे बढ़े रास्ते पर जब राज करता है।
प्रगति के पथ पर नए आयाम होते हैं,
और सबको मिलता है नया सामर्थ्य का आभास।

समृद्धि और समाजिक न्याय की ओर हम,
बढ़ रहे हैं जब एकसाथ जोड़ते कदम।
विकास के रंग से रंग रहा है यह संसार,
हर दिन हो रहा है समृद्धि का उद्घाटन।

जगमगाती है जब विज्ञान की ज्योति,
तब तकनीकी उन्नति का अहसास होता है।
विकास और बदलाव का संगम होता है,
जब सबको मिलता है सुखी जीवन का आदान।

चलो आगे बढ़ें विकास की ओर,
बदलाव के रास्ते में हों साथी हम।
सकारात्मकता से जीने का संकल्प लें,
बनाएं यह दुनिया सुंदर और विकसित हम।

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परस्पर सम्मान

परस्पर सम्मान आदर रिश्तों को करता है मजबूत ….
एक सुरक्षित मज़बूत रिश्ते की यही पहचान ।
क्यारी में पनपते सुंदर सुंदर फूल…..
सुंदर रिश्ते पनपते अपनाते यह असूल ।

आदर सम्मान वो होते अनमोल….
यह व्यवहार पहचान, भाषा देती बोल ।
आदर सम्मान एक आदर्श रिश्ता…..
अनमोल दिल ख़रीदते वो भी कितना सस्ता॥

परस्पर सम्मान एक सुरक्षित मज़बूत रिश्ते की मजबूत डोरी आवश्यकता ओर एक अच्छा नेक करम ।
नही तो हज़ारों हज़ार रिश्ते हे बेदम बकवास तो जिस दिशा में चलेंगे उसी दिशा की सूचना आएगी तो फिर नेक दुआओ के रास्ते पर क्यूँ न चला जाए ।

प्रेम शब्द

चन्द लफ्जो में बयान क्या करू ?
इस प्रेम को
मेरे सारे शब्द और मेरी उम्र बीत जाए
लेकिन प्रेम का अर्थ पूरा मेरे शब्द भी ना कर पाए
फिर भी एक नाकाम कोशिश सी है

कुछ बताने की एक नया रिश्ता बनाने की
ये संबंध वो है
जिसमे हर एक रिश्ता नाता समा जाता है
मत भेद दिलो मेंं जो है वो दूर हो जाता है ,
असीम आसमान भी धरती की औढनी नजर आता है

जब कभी सतरंगी होता है आसमान
तब यही आसमान एक छोर से
बाहे फैलाये दूसरे छोर को जाता है
तब देखो क्या मधुर संबंध

धरती और आसमान का बन जाता है
यह प्रेम है जो धरती और आसमान को
एक करता हुआ नजर आता है
यह प्रेम है

जो पूरे ब्रह्मांड को एक शब्द में बांधे नजर आता है
यह प्रेम
वो है जो ना शब्दो से बयान हो पाता है
ना मौन से
यह प्रेम तो शब्द और मौन दोनो के पार ले जाता है।

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