वृक्ष का संसार

वृक्ष का संसार
सदा जीवन में विस्तार ।
नई ऊँचाइयाँ उनका धर्म…
झोंकता स्वयं के कर्म ॥

वृक्ष का आकाश प्रेम ….
पूछते उसका कुशल क्षेम ।
वृक्ष का सम्पर्क धरती आकाश….
पूरी करता धरती की आश ॥

वृक्ष जीवन की सुंदरता….
प्रकृति की कलात्मकता ।
वृक्ष धरती की धरोहर….
हर क्षण हर पहर हर क्षण हर पहर ।

वृक्ष का संसार … सदा जीवन में विस्तार।
नई ऊँचाइयाँ उनका धर्म।
झोंकता स्वयं के कर्म।

वृक्षों की दुनिया में, एक आदर्श बसा है।
प्रकृति की गोद में, उनका स्वरुप न्यारा है।
जीवन की रक्षा, प्रेम की अद्भुत कहानी।
वृक्षों की छाया में शांति का गीत बहानी।

जैसे वृक्ष ऊँचाई प्राप्त करते जाते हैं,
हमें भी आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए।
जीवन के कठिनाइयों में डटकर नहीं रुकना चाहिए।
बलिदान कर, प्रगति का मार्ग चुनना चाहिए।

वृक्षों की कठोरता और सहनशीलता से हमें सीख लेनी चाहिए।
उनकी प्रकृति के साथ मेल जोड़कर रहना चाहिए।
वृक्षों की प्रेम भरी छाया से चिढ़ाना चाहिए।
प्रकृति के संगीत में अपनी जीवन धुन गाना चाहिए।

वृक्षों की उच्चता और नीचता के बीच,
समता का संदेश छिपा है।
हमें भी सबको सम्मान देकर रहना चाहिए।
एक-दूसरे के साथ प्यार और सहयोग बढ़ाना चाहिए।

वृक्षों का संसार है सदा विकास करता,
उनकी शाखाओं में नई ऊँचाइयाँ बनाता।
स्वयं के कर्मों से झोंकता जीवन का रहस्य,
हमें भी आगे बढ़कर अपना भाग्य बनाना चाहिए।

वृक्ष का संसार… सदा जीवन में विस्तार।
नई ऊँचाइयाँ उनका धर्म।
झोंकता स्वयं के कर्म।

वृक्षों को पनपने दे वो जानते हे स्वयं को वो असली आध्यात्मिक जो सिर्फ़ देना जानते हे देना फ़ना होना उनका कर्म।
मिट्टी के पाताल के जल के अग्नि के आकाश के पत्थरों के पहाड़ों के आकाशों के बादलों के पक्षियों के कीट पतंगो के जानवरों के वातावरण के जीवन के पृथ्वी के समंदरो के नदी के मनुष्यों के सब के मित्र जीवन के चक्र की रीड़ की हड्डी ।

सही से जीवन की आकाँक्षा हो तो इनको मदद करे (न मदद करके ) वातावरण ओर इनकी मदद के नाम पे हम नुक़सान ज़्यादा कर रहे हे ये स्वयजीवी हे इस परम मित्र को नष्ट न करे ।
मनुष्यों समझे ये हे तो हम हे इतनी सीख ही यह सत्य ।
इस सत्य से सीखे ज़्यादा बात की नहीं आवश्यकता ।
सुबह की राम राम ।
जय श्री वृक्ष
ॐ श्री वृक्ष
धरती परम धाम वृक्ष ।
???❤️??

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