नींद को तोड़ो

जागरूक होना और जागरूकता क्या है ?

नींद ओर आलस को छोड़ना है , किसी भी कार्य के लिए तथा हमें अपने जीवन के लिए हमेसा तत्पर होना चाहिए  साथ ही सीखने और जानने की इच्छा रखना हर उस किर्या प्रतिकिर्या तो देखना जो हमारे जीवन के साथ घटित हो रही है जिन सभी कारणों से हमारा जीवन बदल रहा है

बिल्कुल सजग अवस्था में उसे देखना , महसूस, करना ही जीवन को ऊर्जा देता है तथा स्वयम के प्रति जागरूक करता है।

अपने अंदर जागरूकता को पैदा करो अर्थात नींद को तोड़ो विचारो को भली भांति देखना शुरू कर करो हमारा  शरीर तो आलस्य से भरा हुआ है

यह तो सोना ही चाहता है परंतु बुद्धि किर्याशील है जब हम सोते है तब भी बुद्धि कार्यरत है और अपना कार्य करती है रहती है परन्तु शरीर अचेत है वह आलस्य , प्रमाद चाहता है
कभी कुछ कार्य करना ही नहीं चाहता

हम रोज 8 घंटे की नींद ले रहे है और कुछ लोग ज्यादा तथा कम , हम सभी को रोज जीने के लिए  86400 सेकंड मिलते है हम उन्हें बिना सोचे समझे खर्च कर देते है लेकिन 86400 का हिसाब नही लगाते की हमने उन सेकण्ड्स का खर्च कहाँ और कैसे किया ?

जो लोग उन पलो का हिसाब रखते है वो बहुत आगे  निकल जाते है अपने जीवन को एक उद्देश्य के साथ जीते है और उनका समय उनके जीवन को एक उच्च स्तर देता है जिन लोगो ने समय की कीमत को पहचान लिया है वह लोग बहुत ऊंचाई को छू जाते है और जो समय की बरबादी करते है वह नीचे ही धंस जाते है

इसलिए अपने भीतर जागरूकता पैदा करना जागरूक होना है, अतिआवश्यक है विचारो के आने पर जाने को देखना ही जागरूक होना है

“नींद को तोड़ो”

जागरूकता कब और कैसे आएगी ?
जब आप अपने मस्तिष्क के विचारों को देखोगे ओर अपने शरीर के प्रति संवेदनशील बनोगे जागरूक होकर देखोगे स्वयम को अपने शरीर के दवारा किया जाने वाला कार्य को ध्यानपूर्वक देखो अपने सभी  विचारो के प्रति सचेत रहें सोच के लिए, अपने कार्य के लिए, वातावरण के लिए, अपनी स्तिथि और परिस्तिथि के लिए,  भावनाओ के लिए स्वयम के शरीर की संवेदनशीलताओं के प्रति जागरूक हो विचारके लिए, सकारात्मक ऊर्जा के लिए आप क्या कर रहे? 
क्या करना चाहते हो?

इसके प्रति जागृत हो सचेत हो, सचेत अवस्था में रहो देखो इस जीवन को और देखो जीवन के साथ होने वाली घटनाओ को वो सभी घटनाये हमारे साथ हो रही है हम कर रहे है या नही फिर भी वो घटनाये हो रही है क्योंकि हमारा जीवन विकसित होना चाहता है और हम सभी एक विकासशील प्रकिर्या का हिस्सा है जिसमे हम सभी को विकसित होने है।

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