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खता हो गई

खता हो गई तो फिर सज़ा सुना दो दिल में इतना,
दर्द क्यूँ है वजह बता दो, इस दिल को राहत दिला दो।

जिंदगी के सफर में कभी-कभी हम गलतियाँ कर जाते हैं,
खुद से और दूसरों से गलत आश्वासन पाते हैं।
प्यार और विश्वास के क्षणों में हो जाती है ये भूल,
फिर इसे सुधारने का इरादा करते हैं हम सब।

पर दिल में जब दर्द बस जाता है बेवजह,
तो क्या कहें, कैसे समझाएँ वो अहसास महका दो।
इंसान होते हैं खामोश कुछ तो बात कर दो,
हालात को समझाने का मौका दे दो।

वक़्त के साथ चलने की कला ये सिखा दो,
गलती से जुदा हो गए तो भी राहत दिला दो।
हमसे भी तो बड़ी होती हैं गलतियाँ अक्सर,
क्षमा के फ़साने में सद्भाव समा दो।

खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो दिल में इतना,
दर्द क्यूँ है वजह बता दो, इस दिल को राहत दिला दो।
बस, एक मौका दो हमें फिर से सुधारने का,
प्यार और माफ़ी की कहानी को फिर से बना दो।

खता हो गई तो फिर

खता हो गई तो फिर
सज़ा सुना दो दिल में इतना
दर्द क्यूँ है वजह बता दो

बिछड़कर फिर मिलेंगे

बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था,
ज़माने का डर भी था, अपने होने का यकीन कितना था।

बेशक ये ख्वाब था मगर हसीन कितना था,
सपनों की राहों में तुम्हारा अमन कितना था।

चाहे राहें जुदा करे, या दूरियाँ हो जाएं,
हमारी यादों में सदा तुम्हारा असर कितना था।

फिर मिलेंगे जब बातें करेंगे लम्हों की,
दिल की धड़कनों में तुम्हारा इश्क़ इतना था।

यकीन नहीं होता था थोड़ा सा वक़्त बिताने का,
जब भी मिलते थे हम, इक पल जैसे जीना ही था।

बिछड़कर भी जब फिर मिलेंगे, तब साथ रहेंगे हमेशा,
क्योंकि हमारे बीच का प्यार हमेशा हसीना है।

बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था

बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था
बेशक ये ख्वाब था मगर हसीन कितना था

सिसकिया

जब उनकी शायरी सुनते हैं हम,
दिल में उठती है सिसकिया कभी न कभी।
वो कलम की जद्दोजहद से निकलते हैं,
दर्द की गहराईयों में खुद को भुलाते हैं।

उनके अल्फ़ाज़ रूह को छू जाते हैं,
जैसे एक आवाज़ हैं उनके संगीत में।
उनकी शायरी में छुपा है अमर रंग,
जो दिलों को छू जाता है उनके अंदाज़ में।

वो कलम के जादू में खुद को खो देते हैं,
अपनी रूह को उनकी शायरी में ढला देते हैं।
जब शब्दों की आड़ में उनकी ज़ुबान खुलती है,
हर दिल को खुदा का एक नया दिन दिखलाती है।

जिनकी शायरी से होती है सिसकियां,
वो शायर नहीं किसी आशिक़ के दीवाने होते हैं।
उनके अल्फ़ाज़ दिलों को छू जाते हैं,
और उनकी शायरी में बस खुदा की आस्था होती है।

जिनकी शायरियो में होती है सिसकिया
सिसकिया

जिनकी शायरियों में होती है सिसकिया,
वो शायर नहीं किसी ….. के दीवाने होते है..

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ऐ आईने

ऐ आईने , तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह।
दर्द की दस्तान लिखती है तेरी चेहरे की हर पल,
तेरे अंदर का गम समझना मुश्किल है हमारे लिए।

तेरे आईने में छिपी हर एक हकीकत दिखती है,
जैसे तेरे दिल की हर दरार बयां करने को तैयार है।
वक्त के साथ जब भी आईने की रौशनी बदलती है,
तेरी उदासी में हर बार हमारी रौशनी ढलती है।

तेरे आईने में छिपी हर एक अदा जब समाती है,
दिल की धड़कनें तेरे दीदार के इंतजार में बढ़ती हैं।
हर रोज़ जब तेरे साथ बिताए अपने लम्हे याद आते हैं,
मेरे दिल की तरह तेरे आईने के भी कुछ अलग अहसास जगाते हैं।

ऐ आईने, जहां भी जा, जैसा भी दिखा,
तेरी मुस्कान के आगे हमारी कलम हार जाती है।
तेरे आईने में छिपी हर एक कहानी सुनाती है,
मेरे दिल की तरह, तू भी किसी की तक़दीर बन जाती है।

ऐ आईने तेरी भी हालत अजीब है
shayri

ऐ आईने तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह
तुझे भी बदल देते हैं यह लोग तोड़ने के बाद

इश्क की बाते

इश्क की बाते करें, दिल की जुबां से सुनाएं,
जब रूह को छू जाए, और दिल में जगाएं।

वो अहसास है जो दिल को चूमता है,
सपनों की दुनिया में हमेशा बस जाता है।

इश्क की बारिश में जब दिल भीग जाता है,
हर बूंद दर्द की, अपने अंदर लिए आता है।

मोहब्बत की लहरों में जब दिल बह जाता है,
हर पल उसके साथ, नया एहसास ले आता है।

इश्क की राहों में जब दिल भटक जाता है,
हर राह पर वो दिल, उम्मीद की रोशनी लेकर आता है।

इश्क की बाते करें, रंगीन हो जाएं ज़िंदगी,
दिल की गहराइयों में ख्वाब सजाएं ज़िंदगी।

इश्क की बातें करें, जब दिल से निकलती हैं,
दो दिलों की कहानी, खुदा की जुबां से सुनाई जाती हैं।

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मेरी आँखों को पढ़

जुबां से कह नहीं सकता तुझे एहसास तो होगा,
मेरी आँखों को पढ़ लेना, मुझे तुम से मोहब्बत है।

जब तेरे आगे दिल थाम कर रुक जाता है,
वो लफ्ज जो जुबां से कह नहीं पाता है।

तेरे हर एक नजर को चुपके से चुराना है,
मेरे दिल की बातें जो छुपी हैं, सुनाना है।

जुबां से कह नहीं सकता, एहसास तो होगा तुझे,
मेरी आँखों की झलक से ये बात साफ होगी।

तेरे नज़दीक आकर मेरे दिल को बहला जाता है,
तेरे रूख को देखकर ये रूह मचला जाती है।

मोहब्बत की इस राह में जो हम चल रहे हैं,
जुबां से कह नहीं सकता, तू समझ जाएगी ये बात।

जो दिल के करीब हो, वो दिल की बातें समझता है,
तेरी आँखों में पढ़ लेना, ये अदा जानता है।

मेरी आँखों की तारीफ करने की कोशिश न कर,
क्योंकि वो जुबां से कह नहीं सकती, तो भी एहसास होगा।

मुझे तुम से मोहब्बत है, ये बात हमेशा रहेगी,
तेरी आँखों से पढ़ लेना, ये अदा याद रहेगी।

मेरी आँखों को पढ़ लेना
संजय गुप्ता शायरी

जुबां से कह नही सकता तुझे एहसास तो होगा
मेरी आँखों को पढ़ लेना मुझे तुम से मोहब्बत है

हँस कर बुलाया

किसी ने हँस कर बुलाया तो मर मिटे उस पर
हमें किसी को परखने का फन नही आया…

हँस कर बुलाया
हँस कर बुलाया