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खुशी से पीठ थपकना

खुशी से पीठ थपकना
प्रशंसा भी प्रेरणा ।
नए कार्य की सहारना…..
प्रशंसा करके उसे निखारना ।

उत्साह को सही राह देना …..
प्रशंसा भी प्रेरणा ।
उत्साही का उत्साह संवर्धन…..
प्रशंसा का खर्च करे धन ॥

खुशी से पीठ थपकन,
हर्षित होकर आनन्दित होना।
जीवन के रंगों में रंगना,
प्रशंसा से प्रेरित होना।

जब संघर्ष के बाद सफलता मिले,
खुशी की लहरें मन को भरे।
प्रशंसा जब मिले उसके द्वारा,
मन में नई उमंग जगाए।

जीवन के सभी रास्ते अजनबी हों,
नए कार्य की सहारा बने।
प्रशंसा और प्रेरणा का साथ हों,
हर चुनौती को हम समझे।

खुशी से पीठ थपकन,
प्रशंसा भी प्रेरणा।
नए कार्य की सहारना,
हमेशा बने हमारा मंत्र।

चलें आगे उठें हर दिन,
नई उचाईयों को छूने।
जीवन के सभी सफर में,
संगीत गाते जीने।

खुशी को बांधे हाथों में,
प्रशंसा का फूल सजाए।
नए कार्य की ओर बढ़ते हुए,
हम खुशहाली का गान गाएं।

खुशी से पीठ थपकना,
प्रशंसा भी प्रेरणा।
नए कार्य की सहारना,
हमेशा बने हमारा मंत्र।

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अलग अलग आभा

हर व्यक्ति की अलग अलग आभा,
कोई चंदन समान कोई नीम समान…..
ये रंग जीवन के स्वाद प्रयोग अलग,
ज़रूरते अलग , न बन तू अनजान ।

कोई व्यक्ति किसी कार्य में निपुण
सबका अपना अपना कार्य क्षेत्र….
जेसे भिन्न भिन्न होते सातों स्वर
ध्वनि ओर भिन्न होते सबके नेत्र ।

जहां सृजनशीलता की धूम होती है,
वहां कोई व्यक्ति निपुणता का अभियान चलाता है।
हर क्षेत्र में वो अपनी पहचान बनाता है,
कर्मठता से सबको प्रभावित करता है।

किसान खेतों में अपनी खेती करता है,
उन्हें अन्न के अभाव से बचाता है।
प्राणों की रक्षा करता है वन रक्षक,
उसका कार्यक्षेत्र वन और प्राणी सजात रखता है।

शिक्षक ज्ञान की झील बहाते हैं,
छात्रों के मन को रोशनी से भराते हैं।
वैज्ञानिक नए अविष्कार करते हैं,
प्रगति के मार्ग पर सबको ले जाते हैं।

चिकित्सक रोगी को स्वस्थ बनाते हैं,
सेवा का परमेश्वर रूप धारण करते हैं।
शिल्पी रंगों की दुनिया बनाते हैं,
सौंदर्य को स्वर्णिम रूप देते हैं।

वकील न्याय की प्रणाली संभालते हैं,
सत्य की जीत का उपहार देते हैं।
सैनिक देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं,
वीरता का प्रतीक बने रहते हैं।

प्रतिभा के चमकते तारे व्यक्ति के काम में होते हैं,
हर क्षेत्र में वह निपुणता की सत्ता बनते हैं।
कोई भी कार्य पूर्ण बनाने में यथार्थता होती है,
सबका अपना-अपना कार्य क्षेत्र अद्वितीयता होती है।

हर व्यक्ति की अलग अलग आभा,
कोई चंदन समान कोई नीम समान…..

खवाइसे

खवाइसे तो बहुत बड़ी है जिंदगी मे उनको पूरा करू कैसे? बस इतनी सी जिंदगी है खवाइसो को पूरा करने के चक्कर मे फसु कैसे मैं बिन खवाइसो के रहु भी तो कैसे

जिंदगी के ख्वाबों को पूरा करने की खातिर,
संवेदनशीलता और व्यापारिकता दोनों हैं जरूरी।
ख्वाहिशों के पीछे दौड़ो निरंतर,
बिना खवाइसों के भी जीने का सबको आदेश।

जीवन के पथ पर कठिनाइयाँ होंगी,
पर तू ना डर, ना हार मानेगी।
अपने सपनों को पीछे ना छोड़ो,
खुद को नये उचाईयों पर ले जोड़ो।

जिंदगी की महक उड़ान भरेगी तब,
जब तू नई मंजिलों के दरवाजे खोलेगी।
बाधाओं से संघर्ष कर, आगे बढ़,
खवाइसों को तू जीवन में समाधान बना।

ज़िंदगी छोटी सी है, ये सच है ध्यान रख,
पर जीने का मजा है ख्वाहिशों को सच करके।
खुद को पहचान और अपना रवैया बना,
बस फिर देख, खवाइसे खुद ही पूरी हो जाएंगी जब तू जीवन में अच्छाई ला जाएगी साथ।

ख्वाबों को जोड़ता हूँ

मैं बहुत ख्वाबों को जोड़ता हूँ,
तोड़ता हूँ बस ना क्यूं,
ये राहों की उलझनें, ये रातों की तन्हाई,
सब खोया हुआ है इस दिल की गहराई में।

ख्वाबों की दुनिया में बसा हूँ मैं,
उन्हें सजाता हूँ और भर देता हूँ,
पर कभी-कभी वो बिखर जाते हैं,
तोड़ देता हूँ उन्हें ये दिल रोता है।

ख्वाबों की उम्मीद रखता हूँ मैं,
उन्हें संभालता हूँ और खुशियाँ देता हूँ,
पर कभी-कभी वो टूट जाते हैं,
तोड़ देता हूँ उन्हें ये दिल रोता है।

ख्वाबों की दुनिया में उलझा हूँ मैं,
उन्हें खींचता हूँ और उड़ान देता हूँ,
पर कभी-कभी वो तूट जाते हैं,
तोड़ देता हूँ उन्हें ये दिल रोता है।

ख्वाबों के बंधन में जकड़ा हूँ मैं,
उन्हें जीने का आधार बनाता हूँ,
पर कभी-कभी वो छूट जाते हैं,
तोड़ देता हूँ उन्हें ये दिल रोता है, तो फिर उन्ही ख्वाबों को जोड़ता हूँ।

बच्चे जब करते शरारत

बच्चे जब करते शरारत
चेहरे पे आती मुस्कुराहट….
शरारत भी अच्छी होती हे ।

दोस्त भी करते शरारत….
नहीं होती उसमें कुछ बनावट ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

पति पत्नी भी करे शरारत….
बस आए ख़ुशियों की आहत ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

शरारत भी जीवन का मसाला….
जेसे कभी कभी जाते मधुशाला ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

शरारत एक गुण ….
होना चाहिए इसमें निपुण ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

मीठी शरारत का न छोड़े मोका …..
बस न दे किसी को धोखा ।
कुछ भी बोलो शरारत अच्छी होती हे ।

बच्चे जब करते शरारत

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कोई खुश है

कोई खुश है तुम्हारे बिना उसे खुश ही रहना दो
क्यों तुम उसे परेशान करते हो,
जनाब उन्हें कबुल है उनकी खुशनुमा जिंदगी
तो उन्हे उस जिंदगी के संग ही रहने दो

आप कौन होते हो ?
खलल डालने वाले वो अब दूर है आपसे
अब जरा उन्हें दूर ही रहने दो ,
वो बाते बेमतलब की थी।

वो इरादे भी मतलब के रखते थे
फिर क्यों अश्क़ बहाते हो ?
नादान है दिल ,
क्यों इसे बार बार उनके लिए समझाते हो ?

छोड़ दो ,
अब क्यों बेमतलब में तुम उनके लिए अश्क़ बहाते हो,
जब रिश्ता टूट गया है – जब रिश्ता टूट ही गया है
फिर क्यों तुम अपने भीतर अशकों का संबंध बनाते हो

छोड़ दो , जो छूट गया है
अब क्यों जबरदस्ती उस रिश्ते को पकड़े हुए नजर आते हो ?
बस अब तुम ही खुश रहो क्युकी वो भी खुश है तुम्हारे बिना
बेमतलब ही क्यों तुम अश्क बहते हो।

कोई खुश है तुम्हारे बिना , उसे बस खुश रहने दो

छोड़ दो ख्याल

के अब उन खयालो को पनाह मत दो
हमे तुमसे दूर हो जाने मत दो
के अब ये रुठ जाने का
ख्याल छोड़ दो

शायद
अब ये मुमकिन ना होगा तुम्हारा
मेरी बाहों से दूर जाना
इसलिए
दूरियां मिट जाने दो
पास अब

हमे आने दो
ना तड़पाओ, रुलाओ ,
सताओ अब
बस मुक्कमल हो जाने दो

ख्वाब जिस्म और जान को
एक हो जाने का
छोड़ दो ख्याल
दूर हो जाने का अब हमे पास आने दो.

इस मोहब्बत को बेइंतहा हो जाने दो , दो जिस्म एक जान हो जाने दो

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मंजिल की तरफ

मंजिल की तरफ तू बढ़ता चल , हर राह को पार कर तू आगे निकल , मुश्किलए आती है राह में लेकिन तू घबरा मत कामयाबी तेरी राह रही है तू बस आगे निकल

कामयाबी के सफ़र में धूप महत्वपूर्ण…
धूप बदलती छाँव तो बात होती पूर्ण ।

धूप एक घटना भीतरी शक्ति का इंधन …
सच्चे कामयाबी के रास्ते का हे चयन ।

अथक सदा नज़र हो मंज़िल की तरफ़…
कोई कुछ भी बोले न पड़े तुम पे फ़र्क़ ।

तैयारी हो ऐसी चाहे धूप या हो छाँव….
नव नूतन कामयाबियाँ पे लगाने हे दाँव ।

जादू की छड़ी

जादू की छड़ी जो हकीकत से बहुत दूर है , लेकिन फिर भी बार बार बस यही सोच करते थे काश मेरे पास जादू की छड़ी होती तो मैं ये कर देता , वो कर देता , बचपन भी कैसा था हमारा 

ये कभी समझ नही आया 

जब समझ आया तो 

दुनिया को ही बदला हुआ

 हमने पाया 

हिंदी सिनेमा जगत ने

 ना जाने क्या क्या हमको दिखाया 

कभी मजनू, आशिक़, पागल, दीवाना, तो कभी आलसी निक्कमा भी हमको बनाया 

हिंदी सिनेमा जगत 

हमे जो वो दिखाते थे 

हम वो बिना सोचे समझे देखते जाते थे 

कभी मुंगेरी लाल , तो कभी लैला मजनू , हीर रांझा 

अलादीन, मुंगेरी लाल के हसीन सपने , 

जैसे नाटक-फिल्में वो हमें दिखाते थे 

जिसमे फाटक दिमाग के सारे 

हमारे  बंद हो जाते थे 

ढूंढते थे जादू की छड़ी 

कही मिल जाये तो हो जाये तबियत हरी 

बस जिंदगी बदल जाये हमारी भी 

कही मिल जाये चिराग अलादीन का 

बस घीसू और हो जाये सारी इच्छा पूरी 

 हम भी कुछ करले 

मुंगेरी लाल के हसीन सपनो की तरह हम भी सोचा करते थे 

बस कुछ करना ना पड़े 

बिना करे सब कुछ मिल जाये 

हाथ किसी भी चीज़ को लगाना ना पड़े 

 सब कुछ बैठे बैठे बस मिल जाये 

जादू की छड़ी घुमाओ , या चिराग घीसू 

और बस सबकुछ  सामने आ जाये 

लेकिन अब 

बड़ी उल्फत हो गयी है 

आज जिसकी वजह से जिंदगी में आलसी हमे बना दिया 

ना काम का ना काज का ढाई पाव अनाज का हमको बना दिया, 

तभी तो एक गिलास पानी का उठाते नही थे हम 

सपनो की दुनिया में ही जीने लगे थे 

जिंदगी की 

हकीकत से ही दूर करा दिया 

जीवन में कुछ करना हम भी चाहते थे 

लेकिन वक़्त ने ना जाने कहा लाकर  है हमको  बैठा दिया वक़्त जो हमने अपने हाथ से निकाल दिया फिर वो वक़्त दुबारा लौटकर कहाँ आया 

यही एक वजह थी जिसकी वजह से 

हमे इस राह पर लाकर खड़ा कर दिया 

मा बाप के सामने  निकम्मा बन कर जीने लगे 

पता ना था जिंदगी इतनी मसक्कत से भरी है 

जिंदगी की मुश्किलों ने आज ये एहसास दिला दिया 

सपनो और हकीकत के बीच का सफर जिंदगी ने तय करा दिया 

ज़िंदगी की राह में

ज़िंदगी की राह में यू ही चलते चलते

ज़िंदगी की राह में चलते चलते,
बहुत से रास्ते आते हैं।
कभी खुशियों की मुस्कान साथ लाते,
कभी दुःखों की बूंदें गिराते।

हर राही अपनी मंजिल को ढूंढता है,
पर ज़िंदगी का मतलब खुद को पाना है।
सपनों को पंख देकर उड़ान भरनी है,
हर इम्तिहान में नयी पहचान बनानी है।

ज़िंदगी की लहरों में संघर्ष होता है,
पर उससे डर के मन्दिर नहीं चिढ़ाना है।
आगे बढ़ने की इच्छा ज़िंदा रखनी है,
नई उचाईयों को छूने का सपना देखनी है।

जीवन एक अनंत सफ़र है, यह याद रखो,
हर कदम पर नया अद्वितीय अनुभव है।
कभी गिरना है तो उठना भी सीखो,
हर हार को विजय का आगाज है।

ज़िंदगी की राह में चलते चलते,
आपसे यही आरज़ू है मेरी।
खुशियों की बारिश हो आपके ऊपर,
हमेशा ख़ुश रहें, यही दुआ है मेरी।

आज का दिन

आज का दिन नयी उम्मीदों का आगाज है,
आज का दिन नयी सफलताओं का पहला कदम है।
आज का दिन नया सपनों का पर्व है,
आज का दिन नयी ख़ुशियों का संगम है।

इस दिन को आप अपनी ज़रूरतों का आदान-प्रदान करें,
इस दिन को आप सपनों को पंख देकर उड़ान भरें।
आज को आप अद्वितीय बनाएं,
दिन को आप आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण दिन बनाएं।अनंत उड़ान

उड़ान भरो नयी ऊचाइयों की,
ख्वाबों को पंख देकर उड़ जाओ।
सपनों को आज़ादी का रास्ता दिखाओ,
अपार समुद्रों को पार कर जाओ।

अंधकार को दूर कर दो रोशनी से,
खुद को अनंतता और स्वतंत्र बनाओ।
अपने आप को सीमित न करो,
चारों ओर अपनी परिधि छोड़ जाओ।

ज़मीन के नीचे छिपे ख़ज़ाने का,
आप खुद ही ख़ुदाई कर जाओ।
अपने सपनों की धरती को छेड़ो,
उसकी मिट्टी को आप रंग बनाओ।

आज़ादी की हवा में उड़ जाओ,
मुझसे ऊंचा आपका आंचल हो।
सब सीमाएँ तोड़ दो आप अपनी,
अपनी आवाज़ को पूरे आसमान में गूँजाओ।

अनंत उड़ान भरो नयी ऊचाइयों की,
आपका सफ़र हो अद्वितीय और अविरल।
आप ज़िंदगी के रंगों में ख़ुद को खो जाओ,
और देखो कैसे आप अपने आप से मिल जाओ।