Posts tagged Rohit Shabd

सवालों में गुम

सवालों में गुम हूँ में कुछ तरह से गुम हूँ, जैसे उत्तर सिर्फ मैं ही हूँ प्रश्न जो पूछता हूँ खुद से उत्तर भीतर से बाहर निकल मुझको मुझसे ही रूबरू करता हो जैसे , बस बताऊ क्या हाल अपना सवाल पर सवाल बढ़ रहा था जबसे भीतर से आवाज का सिलसिला चल उठा है बाहर सब खाली हो रहा है।

कुछ जो ख्वाब थे

कुछ जो ख्वाब थे ,कुछ इन ख्वाबों की बाते थी ,इन ख्वाबों संग कुछ यादे भी थी ,वो यादे जो थी कुछ बेहतर होने को ,जिंदगी संग जिंदगी होने को

कुछ जो ख्वाब थे, वो आज भी ताजा हैं,
जैसे नदी के पानी में तैरते थे वो आज भी संग हैं।

छोटी-छोटी उमंगों से भरी थी वो रातें,
जब अकेले में भी लगता था कुछ साथ हैं।

वो ख्वाब बन कर उड़ जाते थे सुबह को,
जैसे हवा में ताजगी का एहसास हो।

खुली आंखों से देखा जाए तो लगता है,
वो ख्वाब ही थे जो असलीता से भी बेहतर हैं।

जो ख्वाब थे, वो आज भी ताजा हैं,
जैसे नदी के पानी में तैरते थे वो आज भी संग हैं।

हर एक ख्वाब ने दिल में उत्साह भरा था,
जैसे बनाना हो खुशियों का घेरा था।

मगर जब राह में आई तकलीफें और मुश्किलें,
तब ख्वाबों ने मदद की थी और सहारा दिया था।

जो ख्वाब थे, वो आज भी ताजा हैं,
जैसे नदी के पानी में तैरते थे वो आज भी संग हैं।

ख्वाबों से भरी हुई थी हमारी जिंदगी,
जो बनते थे हमारे सपनों की रचनाएं।

आज उन ख्वाबों को हम बहुत याद करते हैं,
जो हमको जीने की राह दिखाते थे और भरोसा दिलाते थे।

इन ख्वाबों को नहीं भूल सकते हम,
क्योंकि इन्ही ख्वाबों से हमने अपने जीवन की कहानी लिखी हैं।

जो ख्वाब थे, वो आज भी ताजा हैं,
जैसे नदी के पानी में तैरते थे वो आज भी संग हैं।

हिसाब किताब

कुछ हिसाब किताब अब भी बाकी है,
कुछ सवाल जवाब अब भी बाकी है।

ज़िन्दगी की ये लड़ाई हमेशा जारी है,
सफलता की राहों में अटके हमारे पैर।

कितने ही रास्ते हमने चुने,
कितनी बार हमने बदले मुड़ लिए।

मगर एक बार फिर से उठेंगे हम,
इन अटके पैरों को ज़मीन पे जमाएंगे हम।

हर सवाल का जवाब हमें मिलेगा,
हर मुश्किल में एक नया सीख मिलेगा।

क्या हम हार मानेंगे ज़िन्दगी से,
नहीं, हम फिर से लड़ जाएँगे ज़िन्दगी से।

कुछ हिसाब किताब अब भी बाकी है,
कुछ सवाल जवाब अब भी बाकी है।

लेकिन हम नहीं हारेंगे इस लड़ाई से,
हम जीतेंगे, और जीतेंगे हम सबको साथ लेके।

ख्यालों को अधूरा कैसे

ख्यालों को अधूरा कैसे छोड़ दु , जिन ख्यालों के सहारे जी रहा हूँ , ख्यालों को अधूरा कैसे छोड़ दु,
जो मेरे साथ चला हर वक़्त मुझसे जुड़ा हुआ है।
कैसे छोड़ दूँ उन्हें जो मेरे दिल के कोने में बसे हुए हैं,
जो मुझे हमेशा याद रखने को कहते हैं।

ख्यालों की दुनिया में मैं हर पल बसता हूँ,
तनहाई में भी वो मुझसे मुलाकात करते हैं।
उनके बिना मेरी ज़िन्दगी मायूष सी लगती है,
ख्यालों के सहारे ही तो मैं जी रहा हूँ अब तक।

लेकिन ऐसा होता है कभी-कभी,
कि ख्यालों का साथ छूट जाता है मेरे से।
कौनसा वो तार है जो टूट जाता है , उनकी यादों के साथ मैं अकेला रह जाता हूँ,
उनके बिना जीना मुश्किल स हो जाता है।

अधूरा कैसे छोड़ दूँ उन्हें जो मेरे दिल में बसे हुए हैं,
जो मुझे हमेशा याद रखने को कहते हैं।
ख्यालों को अधूरा छोड़ने के लिए मैं तैयार नहीं हूँ,
वो मुझसे जुड़े हुए हैं, मेरे साथ हमेशा रहेंगे।

ख्यालों को अधूरा छोड़ने से पहले,
मैं उन्हें पूरा कर लूँगा जी भर के।
उनसे बातें करूँगा, खुशियों के पल बिताऊंगा,
और उनसे कहूँगा कि वो मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा हैं, कहानी है, वो किस्सा है

ढूँढता ही रहा

ढूँढता ही रहा जिंदगी को ना जाने कहाँ काहाँ

ए ख्वाब जिंदगी तू इतनी हसीन क्यों बस थोड़ी बहुत नमकीन हो ,

मेरी जिंदगी इस कद्र रह की भरपूर सुकून हो।

ढूँढता ही रहा उस ठिकाने को बस जिसकी तलाश में निकल चल था मैं
ढूँढता ही रहा

जिंदगी को समझने

बड़ी कोशिश है जिंदगी को समझने की

इस जिंदगी से कुछ रूबरू होने की

इस जिंदगी को मैं समझता लेकिन

फिर भी समझ से पार हो जाती है जिंदगी लेकिन समझ नही आती है जिंदगी कही दूर निकल जाती है फिर लौटकर भी नही आती है यह जिंदगी

इश्क भर की बाते

इश्क भर की बाते

वो चंद मुलाकाते

हर रोज पैगाम लिख भेजती थी

मुझे उनकी यादे

हर रोज बेहतर होना है

हर रोज बेहतर होना है, उस बेहतर होने की तैयारी करनी है

हर रोज बेहतर होने के लिए कुछ न कुछ करना है

एक नई चीज रोज करनी है

कुछ नया सीखना है,

कुछ अलग करने की चाह इस मन में है, जो फिर से करना है

जिस चीज को आप बचपन में बड़े मन से करते है उसको फिर से करो

जो आप सीखना चाहते थे बचपन में उसे फिर से सीखो

कुछ दुबारा करो , कुछ नया करो

कुछ पहली बार करो, तो कुछ बार बार करो

रोज किताबे पढ़ो खुद को बेहतर करने के लिए

स्वयं को सुधारों आने वाले कल के लिए, अपने शब्दों को सुधारों 

हर रोज बेहतर होना है।

यह भी पढे: लोग बदल जाते है, कल की तैयारी, तैयारी करो, नए साल की तैयारी, मंजिल की तरफ,

सम्पूर्ण ब्रह्मांड

सम्पूर्ण ब्रह्मांड एक साथ जुड़ा हुआ है, यह कही से भी अलग नहीं है ,हमारा ब्रह्मांड सम्पूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है, जो तिनका मात्र भी अलग नहीं है।

ब्रह्मांड किस तरह से जुड़ा हुआ है : ब्रह्मांड हमारे शब्दों की ध्वनि के रूप में जुड़ा हुआ है जो ध्वनि इस ब्रह्मांड में चर विचर रही है वही इस सम्पूर्ण ब्रह्मांड को जोड़े हुए है।

सफर कितना बेहतर है

सफर कितना बेहतर है इस जीवन का बस इस सफर को देख जिए जा रहा हूँ। इस जीवन का सफर कितना बेहतर ओर आनंददायक है, बस यही एक विचार मेरे मन को हर्षित कर देता है, लगता है सभी सुख इस पृथ्वी पर है, ओर कही नहीं हम सभी यहाँ किसी कारण से आए है परंतु मुझे जो लगता है।

एक मुख्यत कारण है आनंद जिसे हम सभी अनुभूत करने के लिए इस जीवन रूपी संसार में आए है, उस जीवन का आनंद हमे लेना है।