तेरी यादे बन बैठा हूँ मैं तेरी मोहब्बत में,
ख्वाबो का पुतला सा
मैं कुछ कह ना पाऊ
कुछ सुन ना पाऊ
बस बेसुध सा नजर आउ मैं
ये जो तुझसे मोहब्बत हुईं
ना पाकर घबराऊँ मैं….
तेरी यादे बन बैठा हूँ मैं तेरी मोहब्बत में,
ख्वाबो का पुतला सा
मैं कुछ कह ना पाऊ
कुछ सुन ना पाऊ
बस बेसुध सा नजर आउ मैं
ये जो तुझसे मोहब्बत हुईं
ना पाकर घबराऊँ मैं….