
ना जाने कितनी उम्मीद है मेरी आंखों में तुम्हे पाने की तुम्हे अपना बनाने की
लेकिन
तुम्हारे ना कहने पर वो सारी उम्मीद टूटकर चकनाचुर हो जाती है #उम्मीद #Rohitshabd
ना जाने कितनी उम्मीद है मेरी आंखों में तुम्हे पाने की तुम्हे अपना बनाने की
लेकिन
तुम्हारे ना कहने पर वो सारी उम्मीद टूटकर चकनाचुर हो जाती है #उम्मीद #Rohitshabd